हरियाणा के विभिन्न विभागों में लंबे समय से चले रहे आरक्षित वर्ग के खाली पड़े बैकलॉग को विशेष अभियान चलाकर भरने के लिए सरकार तैयार हो गई है। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे
इसके लिए जल्दी से जल्दी हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन और हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन को मांग-पत्र भेजें। आउट सोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत अब ठेकेदार के बजाय सरकार सीधे ही कर्मचारी रखेगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश महासचिव सुभाष लांबा ने बताया कि सीएम मनोहर लाल के साथ बुधवार देर रात तक चली मीटिंग में बैकलॉग भरने पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि मांगों पर सहमति बनी है उनमें आउटसोर्सिंग पॉलिसी की समीक्षा की जाएगी। पार्ट-2 के तहत लगे कर्मचारियों के वेतन में सेवा अवधि के अनुसार 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाएगी। पक्के कर्मचारी की वेतन बढ़ोत्तरी का 50 प्रतिशत होगी। विश्वविद्यालयों के मैस वर्करों को न्यूनतम वेतन, पंचायतों में लगे नलकूप चालकों को हर महीने वेतन दिया जाना भी सुनिश्चित होगा। रोडवेज के निजी हाथों में दिये जा रहे रूट परमिटों की जांच, मृत कर्मियों के आश्रित जो लास्ट पे ड्रॉ ले रहे हैं, के वेतन में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों अनुसार वृद्धि, नवचयनित टीचरों को कोर्ट की रोक हटते ही ज्वाइनिंग कराने पर भी सहमति बनी है।
समान काम-समान वेतन पर परीक्षण का दिलाया भरोसा: लांबा के मुताबिक पंजाब के समान वेतनमान देने के अपने चुनावी वादे से सरकार मुकर गई है। जबकि 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को पिछली सरकार में दी गई 2000 रुपए की अंतरिम राहत को वेतन का हिस्सा बनाए जाने को भी सरकार तैयार नहीं है। समान काम के लिए समान वेतन के मुद्दे पर कोर्ट के आदेश का परीक्षण करवाने का भरोसा दिलाया गया है।
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साभार: भास्कर समाचार
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