47 दिन से हरियाणा में धरना दे रहे मलिक गुट की सरकार के साथ तकरीबन सुलह हो गई है। पानीपत रिफाइनरी में गुरुवार को मंत्रियों की कमेटी और 105 जाट प्रतिनिधियों के बीच करीब सवा तीन घंटे बातचीत के बाद सभी मुद्दों पर सहमति बन गई। घोषणा शुक्रवार को दिल्ली में होगी। दोपहर 2 बजे प्रस्तावित संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले सीएम मनोहर लाल और समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक भी आपस में
बातचीत करेंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सरकारी कमेटी के अध्यक्ष शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा, 'एक-एक मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। किस मुद्दे पर क्या सहमति बनी, इसका खुलासा शुक्रवार को दिल्ली में किया जाएगा। सभी बातों पर सहमति बन गई है। यह अंतिम बैठक है।' धरने उठाने के मुद्दे पर मलिक गुट ने कहा कि फिलहाल 20 में से 10 धरने उठाए जाएंगे। बाकी सांकेतिक रहेंगे, जिन पर पदाधिकारी बैठेंगे या लोगों की संख्या कम रहेगी। सरकार मांगें पूरी करने की प्रक्रिया शुरू करेगी तो धरने खत्म कर दिए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि 10 धरने 26 मार्च तक जारी रह सकते हैं और 20 मार्च को दिल्ली कूच का फैसला टल सकता है। वहीं, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि बातचीत से हम संतुष्ट हैं, अब हम अपनी कोर कमेटी में चर्चा करेंगे। िफर शुक्रवार को दिल्ली में सीएम से वार्ता होगी।
नरम पड़े मलिक के तेवर: मलिक जब सुबह आए तो उनका रुख नरम था। यूपी चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार करने के बावजूद वहां सीटें ज्यादा आने के सवाल पर उन्होंने कहा, यह मुद्दा सामाजिक संगठन का है। रिफाइनरी के कम्यूनिटी हॉल में 2:05 बजे शुरू मीटिंग 5:20 बजे खत्म हुई। शिक्षा मंत्री ने बात शुरू की। कहा, राम-राम जजमानों। ब्राह्मण की इज्जत रख लेना। कमेटी सदस्य दादरी विस क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहे सोमवीर सांगवान ने कहा, 'पूरे समाज की बात है। मान सम्मान बना रहे, इसलिए हमें नरम होने की जरूरत है। पर दूसरे पक्ष ने उन्हें रोक दिया। फिर महम से प्रत्याशी रहे शमशेर खरकड़ा ने प्रतिनिधियों से कहा कि अनुमति हो तो मैं भी 2 मिनट बोल लूं। उन्होंने िशक्षा मंत्री को संबोधित करते हुए कहा, 'दादा, एक कागज पर लिख दो कि सातों मांग मान ली है। नीचे अपना नाम लिख दो।' यशपाल मलिक और अशोक बल्हारा ने भी अपनी बात रखी। 3 से 4:30 बजे तक ब्रेक रहा। इस दौरान मलिक ने अपने सदस्यों से बातचीत की। मीटिंग दोबारा शुरू हुई तो मुआवजा और नौकरी देने पर सहमति बनी। इसके बाद मलिक समेत चार सदस्यों के साथ करीब 30 मिनट तक हॉल के ग्रीन रूम में बात हुई और बाकी पांच मुद्दों पर दोनों पक्ष सहमत हो गए।
- पक्की नौकरी की प्रक्रिया 50 िदन में: सरकार पिछले उपद्रव में मारे गए 31 लोगों के परिजनों को योग्यानुसार पक्की नौकरी देने की प्रक्रिया 50 दिन में पूरी कर लेगी। वहीं, इस बार धरनों में मरने वाले 6 लोगों के आश्रितों को भी नौकरी देने का आश्वासन भी दिया गया है। पिछले आंदोलन के गंभीर घायल के परिजनों को भी नौकरी देने पर सरकार विचार कर सकती है।
- सीबीआई से लेकर एसआईटी को जांच: हत्या और हत्या के प्रयास वाले सीबीआई मामले वापस लेने को विशेष कमेटी बनेगी। तकनीकी कारण देखकर कमेटी सीएम को रिपोर्ट देगी। तब केंद्र से मामले वापस लेने की सिफारिश होगी। इसके बाद सीआईडी या एसआईटी इन केसों की दोबारा जांच करेगी। सूत्रों का कहना है कि यह बात भी रखी गई कि सीबीआई से केस वापस लेने पर कोर्ट में अपील दायर है कि सरकार दबाव में ऐसा कर रही है। इसलिए कानूनी तरीके निकाले जाएंगे।
- घायलों को मुआवजा: सरकारकी ओर से घायलों को 2-2 लाख रु. का मुआवजा देने की स्वीकृतिदी जा चुकी है। लेकिन फिर भी कोई रह गया है तो उसे ढूंढकर सरकार मुआवजा देगी।
- केंद्र में आरक्षण: प्रदेश सरकार, केंद्र को चिट्ठी लिखेगी कि आरक्षण संविधान की 9वीं सूची में शामिल किया जाए। वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में बनी कमेटी के साथ जल्द मीटिंग होगी।
- प्रदेश में आरक्षण: मामलाकोर्ट में है। फैसला आने तक सरकार कुछ नहीं कर सकती। निर्णय आते ही प्रोसेस शुरू कर देगी।
- सांसद सैनी पर कार्रवाई: इस मांग पर मलिक नरम पड़े। कहा, 'अब अड़ेंगे नहीं। सरकार अपने स्तर पर क्या कार्रवाई करती है, यह उसी पर छोड़ते हैं।' कमेटी ने भी कोई वादा नहीं किया।
- दोषी अफसरों पर कार्रवाई: सरकारीकमेटी ने कहा कि फरवरी में हुई हिंसा में दोषी पाए गए अफसरों पर कार्रवाई कर दी है। कोई रह गया है तो संघर्ष समिति बताए, कार्रवाई की जाएगी।
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साभार: भास्कर समाचार
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