भारत सरकार ने गुरुवार को नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति घोषित कर दी। इसमें आर्थिक हैसियत से इतर हर नागरिक को निश्चित स्वास्थ्य सेवाएं देने की बात कही है। गलत इलाज पर मरीजों की शिकायत और अन्य
विवाद तेजी से निपटाने के लिए ट्रिब्यूनल गठित किए जाएंगे। स्वास्थ्य पर खर्च धीरे-धीरे बढ़ाकर जीडीपी का 2.5% करने का लक्ष्य है। मौजूदा जीडीपी के अनुसार यह रकम 3.75 लाख करोड़ रु. बनती है। अभी यह खर्च जीडीपी का 2% है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने संसद के दोनों सदनों में बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को बीमारी के इलाज से आगे बढ़ाकर स्वस्थ रहने से जोड़ा जा रहा है। परहेज स्वास्थ्य प्रोत्साहन पर जोर रहेगा। स्कूलों-कार्यस्थलों में योग अधिक व्यापक रूप से लागू किया जाएगा। सभी आयु वर्गों के लिए स्वास्थ्य का उच्चतम संभावित स्तर हासिल किया जाएगा। नई नीति मुफ्त दवाएं और निश्चित स्वास्थ्य सेवा देने के साथ ही जेब पर पड़ने वाला स्वास्थ्य खर्च भी कम करेगी। सरकारी अस्पतालों में दवाई, जांच इमरजेंसी सुविधाएं मुफ्त देने का प्रस्ताव है।
नड्डा ने बताया कि पिछली स्वास्थ्य नीति में संक्रामक रोगों पर जोर था। लेकिन 15 वर्षों में गैर-संक्रामक रोग भी घातक हो गए। 60% मौतें इन्हीं की वजह से होती हैं। स्वास्थ्य खर्च भी इनके कारण बढ़ा है। नई नीति में गैर-संक्रामक रोगों की रोकथाम और इनसे होने वाली मौतें घटाने पर विशेष ध्यान है। इसमें आयुष प्रणाली के थ्री डाइमेंशनल एकीकरण की बात कही गई है। इसमें क्रॉस रेफरल, सह-स्थल और औषधियों की एकीकृत पद्धतियां शामिल हैं।
कैंसर, डायबिटीज से अकाल मृत्यु आठ साल में 25% तक लाएंगे: हार्ट,कैंसर, डायबिटीज या सांस के पुराने रोगों से अकाल मृत्यु 2025 तक घटाकर 25% पर लाने का लक्ष्य है। एचआईवी निराकरण के माेर्चे पर 2020 का वैश्विक लक्ष्य रखा गया है। साथ ही 2025 तक दृष्टिहीनता के केस घटाकर प्रति एक हजार 0.25 करने का भी लक्ष्य है। मरीजों की संख्या मौजूदा स्तर से घटाकर एक-तिहाई करने का लक्ष्य है।
नई नीति में दो साल में तीन बीमारियाें के उन्मूलन का लक्ष्य है। 2017 तक काला अजर लसिका फाइलरिसिस और 2018 तक कुष्ठ रोग का उन्मूलन करना है। टीबी के नए रोगियों की 85% से अधिक इलाज दर हासिल करने और नए केस घटाने का भी लक्ष्य है। 2025 तक इसका भी उन्मूलन करना है।
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साभार: भास्कर समाचार
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