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रसोई में उपयोग में आने वाले मसालों का औषधीय महत्व कितना हो सकता है,
इसका सटीक उदाहरण अजवायन है। अजवायन का सदियों से घरेलू नुस्खों में अनेक
बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। आदिवासी इलाकों में
अजवायन को अनेक हर्बल नुस्खों में अपनाया जाता है। चलिए, जानते हैं अजवायन
से जुडे कुछ चुनिंदा हर्बल नुस्खों के बारे में:
- पान के पत्ते के साथ अजवायन के बीजों को चबाया जाए तो गैस, पेट मे मरोड़ और एसिडिटी से निजात मिल जाती है। माना जाता है कि भुनी हुई अजवायन की करीब 1 ग्राम मात्रा को पान में डालकर चबाया जाए तो बदहजमी में तुरंत आराम मिल जाता है।
- पेट दर्द होने पर अजवायन के दाने 10 ग्राम, सोंठ 5 ग्राम और काला नमक 2 ग्राम को अच्छी तरह मिला कर रोगी को इस मिश्रण का 3 ग्राम गुनगुने पानी के साथ दिन में 4-5 बार दिया जाए तो आराम मिलता है।
- अस्थमा के रोगी को यदि अजवायन के बीज और लौंग की समान मात्रा का 5 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन दिया जाए तो काफी फ़ायदा होता है। अजवायन को किसी मिट्टी के बर्तन में जलाकर उसका धुआं भी दिया जाए तो अस्थमा के रोगी को सांस लेने में राहत मिलती है।
- यदि बीजों को भूनकर एक सूती कपड़े मे लपेट लिया जाए और रात में तकिये के नजदीक रखा जाए तो दमा, सर्दी, खांसी के रोगियों को नींद में सांस लेने में तकलीफ नहीं होती है।
- माइग्रेन के रोगियों को पातालकोट के आदिवासी हर्बल जानकार अजवायन का धुआं लेने की सलाह देते है। वैसे, अजवायन की पीस लिया जाए और नारियल तेल में इसके चूर्ण को मिलाकर ललाट पर लगाया जाए तो सिरदर्द में आराम मिलता है।
- डांग, गुजरात के आदिवासी अजवायन, इमली के बीज और गुड़ की समान मात्रा लेकर घी में अच्छी तरह भून लेते हैं। इसका थोड़ी मात्रा प्रतिदिन लेने से नपुंसकता की समस्या में काफी लाभ होता है। आदिवासियों के अनुसार, ये मिश्रण पौरुष शक्ति बढ़ाता है। इसके सेवन से वीर्य पुष्ट होता है और शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है।
- कुंदरू के फल, अजवायन, अदरख और कपूर की समान मात्रा लेकर कूट कर और एक सूती कपड़े में लपेटकर हल्का-हल्का गर्म करके सूजन वाले भागों में सिंकाई करने से सूजन मिट जाती है।
- जिन्हें रात में अधिक खांसी होती हो, उन्हें पान में अजवायन डालकर खाना चाहिए। अदरक के रस में थोडा-सा अजवायन का चूर्ण मिलाकर लेने से खांसी में तुरंत आराम मिल जाता है।
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साभार: भास्कर समाचार
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