Friday, October 10, 2014

धनिया: एक अत्यंत लाभदायक औषधि के रूप में

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धनिया हर भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है। बतौर मसाला और व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए इसे खूब इस्तेमाल किया जाता है। चाहे धनिया की हरी ताजा पत्तियों की बात हो या इसके सूखे हुए बीज, इनका इस्तेमाल घर-घर में किया जाता है। आधुनिक विज्ञान ने धनिया के अनेक औषधीय गुणों को प्रमाणित किया है। आज हम आपको इससे जुड़े पारंपरिक ज्ञान के बारे में बताने जा रहे हैं। 
  • हरे ताजे धनिया की पत्तियां लगभग 20 ग्राम और उसमें चुटकी भर कपूर मिला कर पीसकर रस छान लें। इस रस की दो बूंदें नाक के छिद्रों में दोनों तरफ टपकाने से तथा रस को माथे पर लगा कर हल्का-हल्का मलने से नाक से निकलने वाला खून, जिसे नकसीर भी कहा जाता है, तुरंत बंद हो जाता है। 
  • थोड़ा-सा ताजा हरा धनिया कुचलकर कर पानी में उबाल कर ठंडा होने के बाद मोटे कपड़े से छान कर शीशी में भर लें। इसकी दो बूंदें आंखों में टपकाने से आंखों में जलन, दर्द तथा आंख से पानी गिरना जैसी समस्याएं दूर होती हैं। 
  • धनिया महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है। यदि मासिक धर्म साधारण से ज्यादा हो, तो आधा लीटर पानी में लगभग 6 ग्राम धनिया के बीज डालकर खौलाएं और इसमें शक्कर डालकर पिएं, फायदा होगा। 
  • धनिया को मधुमेहनाशी माना जाता है। इसके सेवन से खून में इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है। धनिया त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। 
  • धनिया की पत्तियों के कुचलकर इसकी 1 चम्मच मात्रा लेकर चुटकी भर हल्दी का चूर्ण मिलाकर चेहरे पर दिन में कम से कम 2 बार लगाएं। इससे मुंहासों की समस्या दूर होती है और यह ब्लैकहेड्स को भी हटाता है। 
  • सौंफ, मिश्री व धनिया के बीजों की समान मात्रा लेकर चूर्ण बना कर 6-6 ग्राम प्रतिदिन भोजन के बाद खाने से हाथ-पैर की जलन, एसिडिटी, आंखों की जलन, पेशाब में जलन व सिरदर्द दूर होता है।
  • पातालकोट के हर्रा का छार गांव के आदिवासी धनिया, जीरा और बच की बराबर मात्रा लेकर काढ़ा बनाते हैं। सर्दी और खांसी से पीड़ित बच्चों को भोजन के बाद यह काढ़ा (10 मि.ली) दिया जाता है।
  • राजस्थान के काफी हिस्सों में धनिया की चाय पी जाती है। इससे स्वास्थ्य में सुधार होता है। लगभग 2 कप पानी में जीरा, धनिया, चाय पत्ती और कुछ मात्रा में सौंफ डालकर करीब 2 मिनट तक खौलाया जाता है। आवश्यकतानुसार शक्कर और अदरक डाल दिया जाता है। कई बार शक्कर की जगह शहद डालकर इसे और भी स्वादिष्ट बनाया जाता है। गले की समस्याओं, अपच और गैस से परेशान लोगों को इस चाय का सेवन कराया जाता है। यह बहुत फायदेमंद होता है।
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साभार: भास्कर समाचार
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