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मौसम के बदलाव, उम्र के बढने और कई अन्य कारणों से लोगों को
अक्सर जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है। जोड़ों में दर्द और अक्सर बदन
में होने वाला दर्द जीवन की रफ्तार में एक बड़ी बाधा बन जाता है। अंग्रेजी
दवाओं से तुरंत राहत जरूर मिल सकती है, लेकिन दवाओं के दूरगामी परिणाम काफी
घातक होते हैं। हजारों सालों से लोग दर्द निवारण के लिए देसी नुस्खों को
आजमाते आए हैं। चलिए, जानते हैं किस तरह से आदिवासी हर्बल नुस्खों को
अपनाकर जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं से निजात पाते हैं:
- समुद्रशोख नामक पौधे का चूर्ण तैयार किया जाए और इस चूर्ण की करीब 1-3 ग्राम मात्रा लेकर दूध में मिलाकर लिया जाए तो जोड़ दर्द में राहत मिलती है।
- आदिवासी दूब, अदरक, दालचीनी और लौंग की समान मात्रा लेकर गुड़ के पानी में खौलाते हैं और रोगी को करीब 5 मिली पीने की सलाह देते हैं। माना जाता है कि दिन में एक बार लगातार 1 माह तक इसे लेने से जोड़ों का दर्द छूमंतर हो जाता है।
- पारिजात की 6-7 ताजी पत्तियों को अदरक के रस साथ कुचल लिया जाए और शहद मिलाकर सेवन किया जाए तो बदन दर्द और जोडों के दर्द में काफी आराम मिलता है। माना जाता है कि इसके सेवन से सायटिका जैसे रोग में भी काफी फायदा होता है।
- करीब 8-10 लहसुन की कलियों को तेल या घी के साथ फ्राय कर लिया जाए और खाने से पहले चबाया जाए तो जोड़ों के दर्द में तेजी से आराम मिलता है। ऐसा प्रतिदिन किया जाना चाहिए। डांग, गुजरात के हर्बल जानकारों का मानना है कि लहसुन की कलियों को सरसों के तेल के साथ कुचलकर गर्म किया जाए और कपूर मिलाकर जोड़ों या दर्द वाले हिस्सों पर लगाकर मालिश की जाए तो आराम मिलता है।
- पुनर्नवा के पौधे, आमा हल्दी और अदरक की समान मात्रा को कुचलकर पानी में उबाला जाए और काढ़ा तैयार कर पिया जाए तो बदन दर्द और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
- अकोना या मदार की ताजा पत्तियों पर सरसों का तेल लेप कर तवे पर हल्का गर्म किया जाए और जोड़ों के दर्द वाले हिस्सों पर लगाया जाए तो दर्द में राहत मिलती है।
- दालचीनी की छाल का चूर्ण तैयार कर एक कप पानी के साथ लगभग 2 ग्राम चूर्ण मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाने के बाद लिया जाए तो जोड़ दर्द में तेजी से आराम मिलता है। डांग के आदिवासियों के अनुसार, इससे डायबिटीज में भी लाभ होता है। आदिवासियों के अनुसार, खान-पान में दालचीनी का उपयोग भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
- बरसात के दिनों में इंद्रायण के फलों को एकत्र किया जाए और इसे नमक और अजवायने के पानी में उबालकर खाया जाए तो आर्थरायटिस में आराम मिलता है।
- पातालकोट में आदिवासी अनंतमूल की चाय पीने की सलाह देते हैं। अनंतमूल की जड़ लगभग 1 ग्राम एक कप पानी में हल्का दूध मिलाकर चाय तैयार की जाए और दिन में दो बार सेवन किया जाए तो दर्द में राहत मिलती है।
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साभार: भास्कर समाचार
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