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हाल ही में हरियाणा के गोहाना में जींद रोड पर स्थित पंजाब नेशनल बैंक
में बड़ी चोरी हुई है। बदमाशों ने करीब 100 फीट लंबी, 7 फीट गहरी और 2.5
फीट चौड़ी सुरंग खोदी और इसके जरिए स्ट्रांग रूम तक पहुंच गए। वहां रखे 88
लॉकरों को तोड़कर उसमें रखी नकदी, जेवरात व अन्य कीमती सामान साफ कर दिए। अब सवाल ये उठता है कि इन लॉकरों से चोरी हुई सामान की जिम्मेदारी
कौन
लेगा। आपको बता दें, कि बैंक के लॉकर में रखे सामान की जिम्मेदारी बैंक
नहीं लेते हैं, क्योंकि बैंक को इस बात की कोई जानकारी नहीं होती है कि
आपने लॉकर में क्या रखा है। आइए जानते हैं किन स्थितियों में बैंक की कितनी
होती है जिम्मेदारी: - बैंक की नहीं होती जिम्मेदारी: लॉकर में रखे सामान की जिम्मेदारी किसी बैंक की नहीं होती है। अगर किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से आपके लॉकर में रखे सामान का कोई नुकसान होता है तो इसके लिए भी बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है। इस स्थिति में बैंक अपना पल्ला झाड़ लेता है और कोई भी मुआवजा नहीं देते। इतना ही नहीं, बैंक में किसी प्रकार की चोरी होने की स्थिति में भी बैंक कोई मुआवजा नहीं देता है। इसके तहत कितना मुआवजा दिया जा सकता है, इसका निर्धारण करना भी बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि कोई व्यक्ति अपने लॉकर में क्या रखता है, इसके बारे में बैंक को पता नहीं होता। हालांकि, चोरी जैसी घटना की स्थिति में यदि व्यक्ति कोर्ट में जाए तो बैंक से कुछ मुआवजे की मांग की जा सकती है, क्योंकि लॉकर के लिए सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी बैंक की होती है।
- जरूरी नहीं है बैंक का ग्राहक होना: भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के अनुसार कोई भी बैंक किसी व्यक्ति को लॉकर की सुविधा देने से सिर्फ इसलिए मना नहीं कर सकता है, क्योंकि वह व्यक्ति बैंक का ग्राहक नहीं है। हालांकि, बैंक ऐसे लोगों से लॉकर के तीन साल तक का रेंट, सर्विस चार्ज और आपातकाल में लॉकर को खोलने का चार्ज सिक्योरिटी के तौर पर मांग सकता है। इसके साथ ही लॉकर के चार्जेज अलग से देने पड़ सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर बैंक सालाना 1000 रुपए लॉकर का रेंट, 500 सर्विस चार्ज और 500 रुपए ब्रेकिंग चार्ज लेते हैं तो बैंक आपसे 4000 रुपए की एक एफडी करवाने को कह सकता है।
- कितनी सुरक्षित है लॉकर: भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार कोई भी बैंक लॉकर में रखे आपके सामान, नकदी या अन्य चीजों के लिए जिम्मेदार नहीं होता है। भले ही वह सामान चोरी हो जाए, तो भी बैंक आपको उसके बदले में कुछ नहीं देता है। हालांकि, यदि चोरी जैसे केस में कोर्ट में जाया जाए तो आपको कुछ मुआवजा मिल सकता है, क्योंकि रिजर्व बैंक द्वारा लॉकर के लिए बेहतर से बेहतर सुविधा देने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इन सभी के बावजूद लॉकर में पैसे या फिर जरूरी कागजात रखना सबसे सुरक्षित तरीका होता है, क्योंकि ये लॉकर बहुत सारे सिक्योरिटी टेस्ट पास करते हैं। आग लग जाने के बाद भी इन लॉकर में रखी चीजें नहीं जलती हैं, ये भी इसकी सिक्योरिटी का एक खास हिस्सा है। साथ ही, बैंकों के लॉकर से चोरी या अन्य किसी तरह से नुकसान होने की घटनाएं बहुत ही कम होती हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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