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छोटे निवेशकों के लिए खुशखबरी है। नवंबर से राष्ट्रीय बचत की
सबसे लोकप्रिय निवेश योजना किसान विकास पत्र दोबारा शुरू होने वाली है। लोग
बेहतर ब्याज पर अपनी छोटी रकम का निवेश भी डाकघर से किसान विकास पत्र
खरीदकर कर सकेंगे। राष्ट्रीय बचत के अधिकारियों के अनुसार छोटे निवेश की
कोई बेहतर स्कीम नहीं होने के कारण कम बचत वाले लोग बेहतर ब्याज के लिए
अक्सर चिटफंड कंपनियों की ओर बढ़ जाते थे, लेकिन इस योजना के दोबारा शुरू
होने से उनका
झुकाव इस स्कीम की ओर होगा, जहां पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं
है। केंद्र में यूपीए सरकार ने भारतीय डाक में निवेश के बेहतरीन माध्यम
किसान विकास पत्र (केवीपी) को बंद कर दिया था, लेकिन छोटे निवेश को बढ़ावा
देने के लिये नरेंद्र मोदी सरकार ने इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। तो आइए जानते हैं आखिर क्या होता है केवीपी: - क्या होता है केवीपी: किसान विकास पत्र केंद्र सरकार की एक योजना है। यह निवेश का दीर्घकालिक जरिया है। इसका लाभ डाकघर से लिया जा सकता है। इसमें न्यूनतम निवेश 100 रुपए तक किया जा सकता है। केवीपी की मैच्योरिटी 8 साल और 7 महीने की है। यह प्रति वर्ष 8.40% की रेट आफ रिटर्न प्रदान करते हैं। परिपक्वता और ब्याज की दर को इस तरह समायोजित किया गया है कि केवीपी में निवेश मैच्योरिटी पर दोगुना हो जाता है। इस प्रकार, केवीपी में रु. 100 का निवेश 8 साल और 7 महीनों में 200 रु. हो जाता है। केवीपी में निवेश कि वजह से टैक्स में कोई विशेष छूट नहीं है। इसका मतलब है कि आयकर अधिनियम (आईटी) की धारा 80सी के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र नहीं है।
- क्या होता है इसमें फायदा: किसान विकास पत्र स्कीम के जरिए डाक घर में दीर्घकालिक निवेश किया जाता है। इसकी परिपक्व समय अवधि आठ साल की होती है। इन आठ साल में डाकघर आपके निवेश पर 8.40 फीसदी का ब्याज लगाकर देता है। हालांकि, किसान विकास पत्र के तहत जमा किए गए आपके जमाधन पर जितना ब्याज लगता है उस ब्याज पर सरकार टैक्स वसूल करती है। किसान विकास पत्र के तहत आप अपनी जमा राशि को किसी करीबी के अकाउंट में भी ट्रांसफर कर सकते हैं।
- क्यों शुरू की गई यह: यह स्कीम छोटी बचत यानी कम आय वाले परिवारों की बचत को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। केवीपी 100, 500, 1000, 10000 और 50000 रुपए के मूल्य में जारी किए जाते हैं। इसमें न्यूनतम निवेश 100 रुपये है। निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। निवेश के 2.5 वर्षों के बाद ही कोई निवेशक प्रमाणपत्र के जरिए अपनी राशि ट्रांसफर करा सकता है।
- पहले क्यों बंद किया गया था इसे: गत वर्षों यह स्कीम काफी प्रसिद्ध हुई थी, लेकिन इसमें एक खामी सामने आई थी कि किसान विकास पत्र स्कीम में अपना पैसा जमा करते वक्त आय का श्रोत नहीं बताना होता है। इसे किसी को भी गिफ्ट किया जा सकता है। जिसके कारण काले धन को बढ़ावा मिलने की आशंका थी। इसलिए इसे बंद कर दिया गया था।
- कटता है टीडीएस: सरकार 2 साल बाद दोबारा शुरू हो रहे किसान विकास पत्र (केवीपी) के लिए केवाईसी गाइडलाइंस के पालन पर जोर नहीं देगी, हालांकि इस डाकघर बचत योजना में तय सीमा से ज्यादा इंटरेस्ट पेमेंट पर टीडीएस जरूर कटेगा। छोटी डिपॉजिट वालों पर यह टैक्स नहीं लगेगा लेकिन 10,000 रुपए से ज्यादा ब्याज पाने वालों से टीडीएस लिया जाएगा। वहीं, केवीपी से हासिल होनेवाली रकम कैश में नहीं दी जाएगी बल्कि उसको पोस्टऑफिस सेविंग्स अकाउंट में डाला जाएगा।
साभार: भास्कर समाचार
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