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एक स्वस्थ शरीर के लिए ज़रूरी है कि आप सभी पोषक तत्वों को अपनी डाइट
में शामिल करें। साथ ही उन्हें कितनी मात्रा में लेना है इसकी जानकारी भी
आपको होनी चााहिए। ज़्यादातर लोगों को पोषक तत्वों के नाम सिर्फ कैल्शियम,
विटामिन और प्रोटीन ही पता होता है, लेकिन आज आपको 7 ऐसे पोषक तत्वों के
बारे में बता रहे हैं जो न सिर्फ आपको स्वस्थ बनाएंगें, बल्कि आपकी
मांसपेशियों को भी टोन करेंगे। इन पोषक तत्वों को कितनी मात्रा में लेना है
इसकी भी जानकारी दे रहे हैं। कई बार ज्यादा या कम मात्रा लेने से उचित लाभ
नहीं मिल पाता है। - फिश ऑयल: फिश ऑयल का सेवन करने से मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह होता है। यह मांसपेशियों में प्रोटीन ब्रेकडाउन को कम करता है। फिश ऑयल में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो मसल्स को टोन करने में मदद करता है। इसके अलावा फिश ऑयल के सेवन से इंसुलिन सेंसिविटी में भी सुधार होता है जिससे डायबिटीज़ को रोकने में भी मदद मिलती है। अमेरिकन हार्ट एसोसियेशन के अनुसार हर हफ्ते फैटी फिश जैसे सालमन, मैकेरल या सार्डिन मछली 3.5 औंस की मात्रा में खाना चाहिए। अगर फिश नहीं खा सकते तो फिश ऑयल के 1000-3000 मिलीग्राम कैप्सूल रोज खाने चाहिए। अगर आप वेजेटेरियन है तो अलसी के बीज, अखरोट, भांग के बीज खा सकते हैं इससे भी आपको ओमेगा- 3 मिलेगा।
- विटामिन सी: विटामिन सी सभी फलों और सब्जियों में पाया जाता है जो रक्त धमनियों के लिए फायदेमंद होता है। विटामिन सी की मदद से आपकी मांसपेशियों को ऑक्सीजन और ज़रूरी पोषक तत्व मिलते हैं। इससे आपकी मसल्स टोन होती हैं। विटामिन सी से कोलेगन का निर्माण भी होता है जिसका इस्तेमाल शरीर हड्डियों और मांसपेशियों के निर्माण में करता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ रोज 75 मि.ग्रा. की मात्रा में विटामिन सी लेने की सिफारिश करता है, जो आपको एक मीडियम आकार के संतरे, एक आधी लाल शिमला मिर्च या एक कप स्ट्राबेरी खाने से मिल सकता है।
- कैल्शियम: कैल्शियम शरीर में हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। कैल्शियम की कमी से शरीर में ओस्टेयोपोरोसिस नाम की बीमारी हो जाती है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती है और फ्रैक्चर भी हो सकता है। डॉक्टर रोज 1200 मि.ग्रा मात्रा में कैल्शियम लेने की सलाह देते हैं। इसे आप दूध से बने प्रोडक्ट, हरी सब्जियां या फिर कैल्शियम सप्लीमेंट से प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप कैल्शियम की दवाईयां लेना चाहते हैं तो विटामिन डी भी मौजूद हो, ऐसी दवाईयां ले, जिससे आपकी हड्डियां कैल्शियम को अब्जॉर्ब कर सकें। इसके लिए आप रोज 500 से 600 मि.ग्रा. वाली कैल्शियम की टेबलेट ले सकते हैं।
- मैग्नीशियम: डॉक्टर्स का कहना है कि कई महिलाओं को मैग्नीशियम की उचित मात्रा नहीं मिल पाती है, जबकि मैग्नीशियम मांसपेशियों के लिए बहुत ज़रूरी है। जब आप वेटलिफ्टिंग करते हैं तो मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन और दर्द को कम करने के लिए मैग्नीशियम फायदेमंद होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ रोज 310 से 320 मि.ग्रा. मैग्नीशियम लेने की सिफारिश करता है। अगर आप हफ्ते में तीन से चार दिन वेट लिफ्टिंग करते हैं तो आपको 400 मि.ग्रा. तक मैग्नीशियम लेने की आवश्यकता है। पालक, नट्स, फलियां और साबुत अनाज में मैग्नीशियम पाया जाता है।
- विटामिन बी: विटामिन बी, विटामिन बी1, बी2,बी3, बी6, बी7 और विटामिन बी 12 का समूह होता है। ये सभी स्वास्थ्य के लिए तो ज़रूरी हैं ही, साथ ही मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी सहायक होते हैं। विटामिन बी प्रोटीन मेटाबोलिज्म और एनर्जी प्रोडक्शन से लेकर नर्वस सिस्टम को भी मजबूत करता है। विटामिन बी के सभी तत्व साबुत अनाज, अंडे, लीन मीट, फली, नट्स और हरी पत्तेदार सब्जियों में पाए जाते हैं। केवल बी12 नॉनवेज में पाया जाता है। इसलिए शाकाहारियों को इसका सप्लीमेंट्स लेना ज़रूरी है इसकी मात्रा 2.4 माइक्रोग्राम होनी चाहिए।
- विटामिन डी: सभी डॉक्टर कहते हैं कि सूरज की रोशनी हड्डियों और मांसपेशियों के लिए बहुत ज़रूरी है क्योंकि इसमें विटामिन डी होता है। विटामिन डी से रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है। विटामिन डी मांसपेशियों के संकुचन, फंक्शन और विकास के लिए ज़रूरी है। तेज धूप में ज़्यादा देर रहने से स्किन कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है। इसलिए आप रोज विटामिन डी की 4000 से 6000 इंटरनेशनल यूनिट के सप्लीमेंट्स लेना सकते हैं। आप अपने रक्त में विटामिन डी की मात्रा की जांच भी करा सकते हैं जिसके बाद किसी डॉक्टर से कंसल्ट करके विटामिन डी की उचित मात्रा ले सकते हैं।
- विटामिन ई: वर्कआउट करने के बाद मुठ्ठीभर बादाम खाने से न सिर्फ आपको प्रोटीन, फैट और फाइबर मिलता है बल्कि यह विटामिन ई का अच्छा स्रोत है। विटामिन ई एंटीऑक्सीडेंट्स से कोशिका झिल्ली रिकवर होती है, जो ज़्यादा एक्सरसाइज़ करने से मृत हो जाती हैं। विटामिन ई की 300 मि.ग्रा. से ज़्यादा मात्रा लेने में जी मितलाना, पेट दर्द और कमज़ोरी आती है। इसलिए रोज 15 मि.ग्रा. के आसपास की मात्रा में ही विटामिन ई लें।
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साभार: भास्कर समाचार
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