Wednesday, September 10, 2014

आश्चर्यजनक: सौ में से एक पुरुष को भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर, जानिए कैसे करें बचाव

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कई बार हम परेशानियों के सामने प्रकट होने पर ही उससे निपटने का रास्ता निकालते हैं। ठीक ऐसा ही रवैया हमारा तब होता है, जब हम ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी के बारे में सुनते हैं। ज्यादातर लोगों के मन में ऐसा वहम रहता है कि इस तरह की बीमारियां उन्हें हो ही नहीं सकतीं, जबकि सच यह नहीं है। आजकल यह बीमारी बहुत से लोगों को हो रही है। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड की अभिनेत्रियां जैसे एंजेलिना जॉली, लीज़ा रे और मुमताज़ भी इसकी चपेट में आ चुकी हैं। भारत में 25 से 31 प्रतिशत महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित रहती हैं। ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि एक रिसर्च के अनुसार सौ में एक पुरुष में भी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण पाए जाते हैं। इसलिए आज हम आपको ऐसे सात खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें डाइट में शामिल करने से स्तन कैंसर जैसी बीमारी का खतरा कम हो जाता है:
  1. अनार: अनार में आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा तो होती ही है, साथ ही यह ब्रेस्ट कैंसर उत्पन्न करने वाले कारक जैसे ओएस्ट्रोजन्स का निर्माण होने से रोकता है। अनार खाने का सबसे अच्छा तरीका है कि इसे छीलकर खाएं, लेकिन अगर आप इसके दानें निकालने में आलस करते हैं, तो इसका जूस भी फायदेमंद होता है। 
  2. फिश (ऑयली फिश): ऑयली फिश ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत है। रिसर्च के अनुसार, यह तत्व शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और कैंसर उत्पन्न करने वाले कारक ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है। साथ ही, यह शरीर में होने वाली स्थायी जलन को भी कम करता है, जो कैंसर को विकसित करने वाला फैक्टर होता है। कई तरह की मछलियां, जैसे सालमन, ट्राउट और मेकेरल में ओमेगा-3 फैटी एसिड की काफी मात्रा पाई जाती है। अगर आप नॉन वेजेटेरियन हैं तो हफ्ते में तीन बार ताज़ी और ठीक तरह से पकी हुई ऑयली फिश खाना आपके लिए बेहद फायदेमंद है। 
  3. पीले फल और सब्जियां: पीले या नारंगी रंग के फलों और सब्जियों (पीली शिमला मिर्च, कद्दू और खरबूजे) में एक स्ट्रॉन्ग एंटी-ऑक्सीडेंट होता है, जो ब्रेस्ट कैंसर उत्पन्न करने वाले कारक को शरीर से बाहर करता है। इसलिए अपनी डाइट में रोज एक पीला फल या सब्जी शामिल कर ब्रेस्ट कैंसर के खतरे से बचा जा सकता है। पीले के अलावा हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली और गोभी भी शरीर से ब्रेस्ट कैंसर के सेल्स को हटाती हैं। 
  4. दाल: महिलाओं के शरीर में बैड एस्ट्रोजेन्स का ज्यादा निर्माण होने से ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बढ़ती है। दालों में फाइबर की अधिक मात्रा होती है, जिनसे बैड एस्ट्रोजेन्स शरीर से दूर होते हैं। इसलिए दाल, चावल, ओट्स और दूसरे अनाज खाने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है। साथ ही, फाइबर पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखता है। डाइट में फाइबर की अधिक मात्रा शामिल करने से हानिकारक टॉक्सिन्स शरीर से बाहर निकल जाते हैं। 
  5. अखरोट: अखरोट में कई पोषक गुण होते हैं, जो शरीर के लिए हर तरह से फायदेमंद हैं। अखरोट में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो शरीर में कैंसर उत्पन्न करने वाले कारक ट्यूमर को बनने से रोकता है। आप अखरोट को नाश्ते में अंकुरित अनाज के साथ भी खा सकते हैं या शाम को स्नैक्स के रूप में भी। 
  6. रेड वाइन: यूं तो शराब शरीर के लिए घातक होती है, लेकिन रेड वाइन जो अंगूर के छिलकों से बनती है, फायदेमंद मानी गई है। इसमें रेस्वेराट्रोल और दूसरे साइटोकेमिकल्स होते हैं जिनमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लामेंट्री गुण होते हैं। रिसर्च बताती है कि दिन में एक गिलास रेड वाइन लेने से स्किन कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर की संभावना को रोका जा सकता है। 
  7. बेरी: बेरी (एवोकैडो, बरबेरी, ब्लूबेरी, अंगूर, स्ट्राबेरी और क्रैनबेरी आदि) न सिर्फ टेस्टी होती है, बल्कि इसमें मौजूद इलाजिक एसिड ब्रेस्ट कैंसर की संभावना को कम करता है। ब्रेस्ट कैंसर के अलावा बेरी से दूसरे टाइप के कैंसर होने का खतरा भी कम रहता है। 
क्या है इसके कारण: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। लगभग 80 प्रतिशत महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या 50 साल के बाद शुरू होती है। अगर परिवार में या क्लोज़ रिलेटिव में किसी को ब्रेस्ट कैंसर की समस्या है, तो यह बीमारी पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलती रहती है। स्तन में किसी प्रकार के गांठ का बनना। मोटापा स्तन कैंसर की एक बड़ी वजह बन सकती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ओवरवेट महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हाई लेवल के एस्ट्रोजेन्स बनते हैं, जिससे कैंसर हो सकता है। 
ध्यान रखें: हेल्दी डाइट फॉलो करने के अलावा ब्रेस्ट कैंसर रोकने के कुछ दूसरे उपाय भी करने चाहिए, जैसे:
  • नियमित व्यायाम करें और शरीर को स्वस्थ रखें।
  • एल्कोहल और स्मोकिंग से दूरी बना लें।
  • हार्मोन्स रिप्लेसमेंट थेरेपी न करवाएं। इससे ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बढ़ती है।
  • रेग्युलर चेकअप करवाएं और ज़रा सा भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
  • जो महिलाएं किसी कारणवश अपने बच्चों को स्तनपान नहीं करा पातीं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा रहता है। 
साभार: भास्कर समाचार
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