साभार: जागरण समाचार
चुनाव आयोग अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव करा सकता है। आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी है। बता दें कि चारों
विधानसभाओं का कार्यकाल मई और जून 2019 में समाप्त होगा। आम चुनावों के साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव भी कराए जाने की संभावना है। यहां की विधानसभा को नवंबर में भंग कर दिया गया था।
एक अधिकारी के मुताबिक लोकसभा चुनावों के साथ आंध्र, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराकर चुनाव आयोग पूर्व की परंपरा को निभाएगा। वहीं जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग होने के बाद छह महीने के भीतर वहां फिर से चुनाव कराने हैं। अधिकारी ने बताया, 'आखिरी सीमा मई में समाप्त हो रही है। ऐसे में चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू-कश्मीर में चुनाव करा सकता है। हालांकि यह पहले भी हो सकते हैं।'
जम्मू-कश्मीर में छह साल का होता है विधानसभा का कार्यकाल देश के सभी राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल जहां पांच साल का होता है वहीं जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल छह साल का होता है। भंग हो चुकी जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 16 मार्च 2021 तक था। इसी तरह आंध्र प्रदेश की 18 जून को, ओडिशा की 11 जून, अरुणाचल की एक जून और सिक्किम की विधानसभा का कार्यकाल 27 मई 2019 को पूरा हो रहा है।
लोकसभा के साथ हो सकते हैं महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव आयोग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अगर महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों को चार राज्यों और लोकसभा चुनावों के साथ मिला दिया जाए तो 2019 में फिर कोई और चुनाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। अगर पार्टी दोनों विधानसभाओं को तय समय से छह महीने पहले भंग करने का फैसला करती है तो वहां लोकसभा और चार राज्यों के साथ चुनाव कराए जा सकते हैं। दोनों राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल नवंबर 2019 में खत्म होगा।