अमेरिका में एक और भारतीय की गोली मारकर हत्या हो गई है। मारे गए हर्निश पटेल (43) साउथ कैरोलिना की लैंकेस्टर काउंटी में सामान्य जरूरत का सामान बेचने वाला स्टोर चलाते थे। पुलिस हत्यारे और घटना के
कारण की तलाश कर रही है। घटना के नस्लीय हिंसा होने से इन्कार नहीं किया गया है।हर्निश गुरुवार देर रात करीब 11.24 बजे जब अपना स्टोर बंद करके कार से छह किलोमीटर दूर स्थित घर आ रहे थे, तभी घर के नजदीक उन्हें अज्ञात शख्स ने गोली मार दी। एक महिला ने जब गोली चलने और चिल्लाने की आवाज सुनी तो उसने पुलिस को कॉल करके घटना की जानकारी दी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पुलिस को घटनास्थल से गोलियों के दो खोखे मिले हैं, लेकिन पुलिस का डॉग स्क्वायड हमलावर की गंध से कोई सुराग नहीं दे सका। हर्निश के परिवार में पत्नी और एक छोटा बच्चा है, जो घटना के वक्त घर में ही मौजूद थे। लैंकेस्टर काउंटी के शेरिफ बैरी फैले के अनुसार, अपराध के पीछे नस्लीय हिंसा के अभी कोई सुबूत नहीं मिले हैं। लेकिन, उन्होंने इस आशंका को नकारा भी नहीं है। हर्निश का स्टोर शैरिफ के ऑफिस के नजदीक ही था और उनके कार्यालय के लोग अक्सर पटेल के स्टोर पर जाते रहते थे। फैले ने बताया कि पटेल ‘बेहतरीन पारिवारिक व्यक्ति’ और मित्र थे।
मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हर्निश अपने परिवार की आर्थिक दशा बेहतर बनाने के लिए अमेरिका आए थे, जिसमें वह काफी हद तक सफल भी रहे। काम और व्यवहार से बेहतरीन शख्स के रूप में हर्निश की पहचान थी। उनका किसी से झगड़ा भी नहीं चल रहा था। हर्निश के मित्र रहे दिलीप कुमार गज्जर के मुताबिक वह जिस मकसद से भारत से आए थे, उसमें सफल भी रहे और उन्होंने कुछ वर्षो की मेहनत के बाद अच्छा मुकाम हासिल किया था। पटेल के स्टोर के नियमित ग्राहक निकोल जोंस के मुताबिक, हर्निश का सबके साथ अच्छा रिश्ता था। उनके साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था। एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक, लैंकेस्टर में पटेल की हत्या के बाद से काफी नाराजगी का माहौल है, क्योंकि हर्निश पटेल को समुदाय का काफी अहम सदस्य माना जाता था। यही नहीं, वह काफी दयालु प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। उनके एक ग्राहक ने रोते हुए बताया, ‘जब भी किसी के पास पैसे नहीं होते थे तो हर्निश उसे खाना दे दिया करते थे। मुङो नहीं पता सभी के साथ ऐसा अच्छा व्यवहार करने वाले व्यक्ति के साथ कौन ऐसा करेगा।’ हर्निश के स्टोर में काम करने वाले एक कर्मचारी केईरा बास्किन ने बताया कि वह अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों का हमेशा भला ही चाहते थे। बता दें, इससे पहले 22 फरवरी को कंसास में 32 वर्षीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला की नस्लीय ¨हसा में अमेरिकी नौसेना के पूर्व सैनिक एडम प्यूरिंटन ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस गोलीकांड में श्रीनिवास का दोस्त आलोक मदसानी और एक अन्य अमेरिकी युवक भी घायल हुआ था। हाल ही में न्यूयॉर्क में एक ट्रेन में यात्र के दौरान भारतीय युवती को नस्लभेदी टिप्पणी और बुरे बर्ताव का शिकार होना पड़ा है।
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साभार: जागरण समाचार
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