Saturday, October 15, 2016

महिलाओं को 'क्यों' पढ़नी 'ही' चाहिए डोनाल्ड ट्रम्प की घृणित कहानी

'ट्रम्प अब तक के सबसे झूठे राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं। तथ्यों को जांचने वाली 'पोलिटिकोफैक्ट' ने सिद्ध किया है कि वे मात्र 2% सच बोले हैं। और ये संभवत: महिलाओं को लेकर की गई उनकी टिप्पणी होंगी।' -सोशल मीडिया से 
एक - मात्र एक बयान देने से वे विश्वभर में चर्चा में गए थे। बयान था - मुसलमानों को अमेरिका में घुसने नहीं
देंगे। 'यदि मैं राष्ट्रपति बन गया तो।' 
एक- मात्र एक टेप आने से वे विश्वभर के टीवी चैनलों पर एक बार फिर से गए। टेप हर जगह चलाया दिखाया गया/जा रहा है। टेप में है- 'मैं सुंदर युवतियों के प्रति जबरदस्त आकर्षित होता हूं। विवाहित महिलाओं को भी पाना चाहता हूं -नोचता रहा हूं... और वे ऐसा सब कुछ करने देती हैं-
यदि आप स्टार हैं तो... यहां वे पंक्तियां लिखी नहीं जा सकतीं जो वीडियो टेप में कही गई हैं।
वो ऐसी घृणित सोच है - जो आप पढ़ भी नहीं पाएंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
अमेरिकी इतिहास में इससे निकृष्ट चुनावी अभियान कभी नहीं देखा, सुना या पढ़ा गया।
और रिपब्लिकन पार्टी के खरबपति, चार बार स्वयं को सगर्व-सहर्ष दिवालिया घोषित कर चुके डोनाल्ड ट्रम्प इसकी जड़ में हैं।
डरावनी - और जुगुत्सा जगाने जैसी कहानी है ट्रम्प की।
इसे लिखना जितना जटिल और संवेदना को झकझोर देने वाला है - उससे कहीं अधिक दु:खदायी इसे पढ़ना होगा। किन्तु 'आप पढ़ नहीं पाएंगे' कहने के बावजूद, इसे पढ़ना बहुत आवश्यक है।
यह एक अमीर आदमी की कहानी है जो अपने शौक के लिए समस्त मर्यादाएं तोड़ सकता है।
महिलाओं को जिस दृष्टि से यह व्यक्ति देखता है, वह टेप से सीधे सिद्ध हो गई। जो हो सकता है - चुनाव के लिए अनिवार्य शर्त हो। चूंकि मात्र आरोप लगाने से चुनाव में काम नहीं होता।
किन्तु टेप से अलग देखिए। और तथ्य देखिए। फैक्ट्स।
सौंदर्य के प्रति जुनूनी ललक के कारण ट्रम्प ने अरबों डॉलर के रियल एस्टेट कारोबार से भारी रकम निकालकर 'अमेरिकन ड्रीम' शो खरीद लिया। इस सौंदर्य स्पर्धा की शिकार सबसे पहले बनीं उसी कंपनी की पार्टनर। उसने बताया : ट्रम्प बुरी नीयत से पास आने लगा। एक बार तो मैंने जोर से झिड़क दिया। किन्तु उसे कोई डर नहीं था/है। एक रात तो हद हो गई। बेडरूम में घुस आया... भगाया।
इस तरह झगड़ा बढ़ता चला गया। ट्रम्प ने इच्छा जाहिर की कि युवतियों के विभिन्न पोज़ उनकी मौजूदगी में किए जाएं। और भी बहुत कुछ।
उनकी दीवानगी का घिनौना नज़ारा हाल ही में दिखा। अपनी युवा और ग़ज़ब की टैलेंटेड बेटी के रूप-सौंदर्य पर उन्होंने कहा : यदि वो मेरी बेटी होती तो मैं उसके साथ डेटिंग करता।
'अमेरिकन ड्रीम' ख़त्म हो गया। अदालत में उनकी पार्टनर लड़ीं। फिर 'आउट ऑफ कोर्ट सैटलमेंट' कर लिया। भारी पैसों से उतर गए ट्रम्प।
किन्तु उन्हें इसमें विचित्र सुख दिखाई दिया। तत्काल 'मिस यूनिवर्स' कंपनी ख़रीद ली।
जी, हां आप सही सोच रहे हैं। मीडिया में कुछ आरोप छपे। कुछ शिकायतें हुईं। किन्तु ट्रम्प को कोई छू सका। दो टीनएजर्स ने इंटरव्यू दिए जिसमें वर्णन किया कि कैसे ट्रम्प चेंजिंग रूम में अचानक दाखिल हो जाते - ठीक उस समय जब अधिकांश युवतियां कुछ पहने होतीं या लगभग ऐसे ही होतीं।
किन्तु ट्रम्प? उन्होंने 'मिस अमेरिका' और 'मिस टीन अमेरिका' और शुरू कर दिए। न्यूयॉर्क में कंस्ट्रक्शन और किराया उनके अकूत धन का स्रोत था ही।
आरोप लगते रहे। ट्रम्प ने 'वेनिटी फेयर' मैग्ज़ीन से दंभ में कहा- 'जब से मैंने मिस यूनिवर्स लिया, तब से बाथिंग सूट्स छोटे होते चले गए, हील्स बढ़ती चली गईं, रेटिंग ऊंची होती चली गई।
और इस दौरान महिला गरिमा पर हमला करना उनका प्रबल आकर्षण-सा हो गया। दुष्कर्म का मुकदमा चल ही रहा था। हालांकि इतने 'कर्मों' के बावज़ूद मुकदमा एक ही था।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान खुले आरोप-प्रत्यारोप होते हैं। 2008 में बराक ओबामा और जॉन मैकेन के बीच चुनाव को कवर करते समय मैंने पाया अमेरिकी जनता ख़ुद इसे जोश-ओ-खरोश से लड़ती है। मीडिया उम्मीदवारों की देहयष्टि, चुस्ती-फुर्ती, काम करने के घंटे और नींद तक का महीन अध्ययन करता है। राष्ट्रपति उम्मीदवारों के खिलाफ़ तत्काल किताबें छपकर जाती हैं। किन्तु फिर भी, राष्ट्रपति उम्मीदवार ऐसे व्यवहार करते हैं - मानो राष्ट्रपति बन गए हों। इसीलिए उनके व्यवहार में एक अथॉरिटी तो ही जाती है। किन्तु ग्रेस भी जाता है।
किन्तु ट्रम्प के कारण इतिहास का कूड़ेदान तैयार हो रहा है।
ऐसा नहीं है कि हिलेरी क्लिंटन बहुत अच्छी उम्मीदवार हैं। वे भारी-भरकम प्राइवेट ई-मेल सर्वर का उपयोग करने के गंभीर आरोप में फंसी हुई हैं। और ट्रम्प की जगह कोई भी शालीन उम्मीदवार होता तो हिलेरी आसानी से हार जातीं।
किन्तु बात ट्रम्प की चलनी चाहिए। ख़तरा, उनसे रहा है महिलाओं को। इतना अधिक कि प्रसिद्ध निष्पक्ष मैग्ज़ीन 'द अटलांटिक' ने ट्रम्प पर आरोपों की जो लिस्ट तैयार की, उसमें 'सेक्स हमले : (संख्या की जगह लिखा) अनंत, 1970 से 2015 तक।'
ट्रम्प की महिलाओं को लेकर रही सोच की ऐसी 'अनंत' व्याख्या और नहीं हो सकती।
ट्रम्प किसी के भी नहीं हैं। अपनी पत्नी तक के नहीं। जिन्होंने उन पर दुष्कर्म का मुकदमा चलाया है। इस वीडियो के बाद वे भी ट्रम्प के विरुद्ध खुलकर बोल रही हैं।
हालांकि यह ट्रम्प की ही सोची-समझी चाल भी हो सकती है।
ट्रम्प इन्हीं मामलों में खलपात्र नहीं हैं। वे न्यूयॉर्क के माफिया से सीधे जुड़ने के मुकदमे झेल चुके हैं। विश्व की सर्वाधिक महंगी जगह न्यूयॉर्क में यदि आप अरबों डॉलर का रियल एस्टेट कारोबार कर रहे हैं, तो यह बड़ा सामान्य लगता है। ट्रम्प के बाहुबली व्यक्तित्व के अनुरूप भी।
जानना दिलचस्प होगा कि ट्रम्प की कंपनी पर अदालत में सिद्ध हो चुका है कि उन्होंने माफिया के एक सरगना को 9 महंगी कारें गिफ्ट कीं। दूसरे अपराधी को अपनी भव्य नौका में विहार करवाया। तीसरे को अपना हेलिकॉप्टर मुहैया करवाया- ताकि वो 'कुछ' कर सके। और सबसे बढ़कर, एक भयानक गिरोह के मुखिया अपराधी को उसके मुकदमे लड़ने के लिए अपने उच्च स्तरीय वकील लगा दिए! ये एक अजीब तरह की मदद है। अलग तरह की मित्रता है। वकील क्या और कैसे होते हैं, वो आप उनकी फीस और व्यस्तता से अंदाज़ा लगा सकते हैं।
वकीलों से ट्रम्प का एक अलग तरह का साम्राज्य चल रहा है। उन्हें लगातार - पिछले 40 वर्षों के कारोबार और 'अलग तरह के राेमांच' के ख़तरों के कारण- अदालतों का सामना करना पड़ता है। और वकीलों के उपयोग का उनका चालाकी भरा रेकाॅर्ड है। जिस महिला पार्टनर ने उन पर मुकदमा किया था - उसने उनसे सैटलमेंट किया। मैक्सिकन इमीग्रेंट्स के मामले में भद्दी टिप्पणी के बाद उनकी पार्टनर कंपनियों ने मिस यूनिवर्स शो प्रसारित करने से इनकार कर दिया। इस कंपनी में एनबीसी भी पार्टनर थी।
ट्रम्प ने उन पर मुकदमे दायर कर दिए। एनबीसी के शेयर खरीद लिए। धड़ाक से बेच दिए। कंपनियांे को डर लगा। सैटलमेंट हो गया।
प्राइवेट कंपनियां क्या, ट्रम्प पर अमेरिकी न्याय विभाग ने रंगभेद, नस्लभेद के गंभीर मुकदमे किए। ट्रम्प अपनी इमारतें अश्वेतों को नहीं देते। मुसलमानों को नहीं देते। 39 ऐसे केस सामने आए। सिद्ध हो गए। किन्तु ट्रम्प का बाल तक बांका नहीं हुआ। सैटलमेंट हो गया।
ट्रम्प के कारोबार भी उन्हीं की तरह अचानक और जोर-शोर से शुरू होते हैं। वैसे ही बंद हो जाते हैं। उनका केसिनो ट्रम्प ताजमहल का भी ऐसा ही हुआ। उसमें करोड़ों गंवाने के बाद ट्रम्प शान से बने रहे। नौकाएं बेचनी पड़ीं। विमान कम्पनी भी बिक गई। किन्तु ट्रम्प ने दिवालिया घोषित कर दिया।
चुनाव में जब ट्रम्प ने मिस यूनिवर्स रह चुकी युवती पर आपत्तिजनक टिप्पणी की तब एनबीसी चैनल के एक होस्ट ने याद किया कि ट्रम्प महिलाओं को गंदा ही बोलते हैं। उन्हीं के एक शो में ट्रम्प ने यह सब अनप्रिंटेबल कहा था। तत्काल सर्वर खंगाले गए। मिल गए टेप्स। धमाकेदार ख़बर देख संपादकों ने वकील बुलाए। ट्रम्प न्यूयॉर्क टाइम्स सहित एनबीसी कई मीडिया कंपनियों पर मुकदमे कर चुके हैं। उसी से डरे संपादकों ने दो सप्ताह लगा दिए। कुछ लोग एक सप्ताह तो कुछ दो माह भी कह रहे हैं। 
किन्तु अचानक धमाका हुआ। वॉशिंगटन पोस्ट ने टेप छाप दिए। जो अमेरिकी चुनाव इतिहास की सबसे बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ थी! एनबीसी के ही किसी ने त्रस्त होकर पोस्ट लीक कर दी थी! पत्रकारिता में साहस दिखाना पड़ता है। वकील नहीं, न्यूज़ तो संपादकों को ही तय करनी चाहिए। ग्रेट लेसन।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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