Sunday, October 16, 2016

दुष्कर्म पीड़िता किशोरी ने दिया बेटे को जन्म, पिता बोले अनचाही संतान हुई तो घर से नहीं निकाल सकता

उत्तर प्रदेश में बरेली का जिला अस्पताल। लेबर रूम में बेड पर लेटी हुई 16 साल की दुष्कर्म पीड़िता मां। उसके बगल में लेटा हुआ बेटा। किशोरी बार-बार बेटे को देखती है। उसमें ममता का ज्वार है, लेकिन चेहरे पर दर्द की सिलवटें भी हैं। कोई बात करने की कोशिश करता है तो उसकी जुबान से आवाज तक नहीं निकलती है। डॉक्टर्स और स्टॉफ ने कई बार उसे हंसाने की कोशिश की, लेकिन वह मुस्कुराई तक नहीं। वैसे वार्ड में कई और महिलाएं भी भर्ती हैं, लेकिन हर कोई किशोरी की ही चर्चा करता है। बच्ची और उसके बेटे का हालचाल पूछता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। किशोरी के पिता बगल में सहमे हुए बैठे हैं। आंखों में आंसू हैं, बेटे को अपनाने की बात पर कहते हैं 'वो मेरी बच्ची है। मजदूरी करके उसे पाला है। बेटी को अनचाही संतान हुई तो उसे घर से नहीं निकाल सकता हूं। बच्ची की जिंदगी का सवाल है, वह उसे बर्बाद नहीं करेंगे। कई लोगों ने बच्चे को पालने और आर्थिक मदद देने को कहा है, लेकिन मैं बच्चे का सौदा नहीं करूंगा, बेचूंगा नहीं उसे। बेटा चाहे तो आरोपी का परिवार रखे या फिर इसे किसी केंद्र में दें। उसका क्या करना है, यह फैसला कोर्ट करेगा।' 
एक साल पहले शेरगढ़ क्षेत्र की 16 वर्षीय किशोरी दुष्कर्म का शिकार हुई थी। नौ महीने अनचाहे बच्चे को कोख में पालने के बाद गुरुवार को किशोरी मां बन गई। बुधवार को रात 10 बजे उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। 102 एंबुलेंस से उसे नजदीक के एक सीएचसी लाया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे बरेली रेफर कर दिया। लेकिन, रास्ते में एंबुलेंस में ही उसका प्रसव हो गया। किशोरी तीन दिन से अस्पताल में है। मां और बेटा स्वस्थ हैं। लेकिन अभी दोनों अस्पताल में ही हैं। वार्ड में पुरुषों के प्रवेश पर रोक है। उसके पिता तक को डॉक्टर की इजाजत पर ही भीतर जाने दिया जाता है। किशोरी के पिता के चार बेटे और दो बेटियां हैं। जो बेटी मां बनी है वह चौथे नंबर पर है। बच्चे को पालने के लिए काफी लोग रहे हैं। तीन दिन में दो दर्जन से ज्यादा लोग अस्पताल में पहुंच चुके हैं। इनमें अस्पताल का एक गार्ड भी शामिल है। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट से किशोरी ने गर्भपात की मांगी थी अुनमति: जब परिवार वालों को किशोरी के गर्भवती होने की बात पता चली तो उन्होंने गर्भपात कराना चाहा। पिता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर गर्भपात की अनुमति मांगी। पूछा कि बच्चे का पालन पोषण कौन करेगा? लेकिन कोर्ट ने मामला सीएमओ पर छोड़ दिया। सीएमओ ने जांच के बाद पाया कि गर्भ छह माह से ज्यादा का है। इसलिए किशोरी की जान को खतरा बताते हुए गर्भपात करने से मना कर दिया। वहीं, पंचायत ने दुष्कर्म आरोपी से किशोरी की शादी का फरमान सुनाया, लेकिन आरोपी ने इनकार कर दिया। वह जेल में है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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