Sunday, October 16, 2016

बड़ा हादसा: ट्रेन आने से पुल हिला, महिला चीखी, पुल गिरने की अफवाह, भगदड़ और 25 की मौत, 60 घायल

बनारस में शनिवार को बड़ा हादसा हो गया। धार्मिक गुरु जय गुरुदेव के अनुयायियों में भगदड़ मचने से 25 लोगों की मौत हो गई। हादसा गंगा के ऊपर बनारस और चंदौली को जोड़ने वाले डेढ़ किलोमीटर लंबे डबल डेकर राजघाट पुल पर हुआ। मरने वालों में 20 महिलाएं हैं। 17 लोगों की शिनाख्त नहीं हुई। 60 से ज्यादा लोग घायल हैं। यह
पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बनारस से सटे चंदौली के डोमरी में रविवार से दो दिवसीय समागम था। शनिवार को 3 लाख से ज्यादा अनुयायी मौजूद थे। जबकि अनुमति सिर्फ तीन हजार की थी। जय गुरुदेव के प्रवक्ता राजबहादुर ने कहा- पुल ठसाठस भरा था। पुलिस ने निकलने नहीं दिया। लाठीचार्ज कर दिया। इसी बीच, पुल टूटने की अफवाह फैली और भगदड़ मच गई। भगदड़ के बाद प्रशासन पूरी तरह लाचार दिखा। सारा शहर जाम था। एंबुलेंस समय पर पहुंच पाई, बचाव दल। लापरवाही के लिए बनारस के एसपी सिटी सहित पांच अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए। बनारस में 20 साल बाद इतना बड़ा समागम हो रहा था। यहीं पर फरवरी, 1996 में बाबा जय गुरुदेव ने सत्संग किया था। तब 10 लाख लोग पहुंचे थे। 
बाबाजय गुरुदेव की जयंती पर 20 साल बाद बनारस में बड़ा समागम हो रहा है। इसमें शनिवार को मांस और मदिरा सेवन के खिलाफ शोभायात्रा निकाली गई। आयोजकों ने प्रशासन से ये कहकर मंजूरी ली थी कि करीब तीन हजार लोग आएंगे, लेकिन पहुंच गए 3 लाख से ज्यादा। शोभायात्रा में सुबह 9 बजे से अनुयायी डोमरी से जत्थों के रूप में निकले। राजघाट पुल से होकर ये जत्थे शहर में दाखिल हुए। रैली में कार-जीप-बाइक भी शामिल थीं। पर ज्यादातर लोग पैदल ही थे। हालात ये थे कि एक तरफ से गाड़ियां जा रही थीं तो दूसरी ओर से भीड़ पुल पर चढ़ रही थी। पौने एक बजे करीब 15 हजार लोग पुल पर मौजूद थे, तभी गर्मी और प्यास की वजह से कुछ लोगों को चक्कर आने लगे। इसी दौरान इस डबल डेकर पुल से एक ट्रेन गुजरी। स्वाभाविक रूप से पुल हिला। तभी एक महिला चीख पड़ी- 'पुल हिल रहा है। गिर जाएगा।' ये सुनते ही भगदड़ मच गई। कई लोग कुचले गए। हैरत की बात ये थी कि हादसे के बाद भी रैली चल रही थी। घटना के कुछ ही देर बाद जत्थे में शामिल एक लड़की से जब ये पूछा कि इतने लोग मर गए, रैली क्यों नहीं रोकी? तो जवाब मिला- गुरुदेव कहते थे-जो आता है, उसे मरना ही है। देर रात तक कार्यक्रम स्थल पर 5 लाख से ज्यादा लोग जुट चुके थे। लेकिन रात को समागम रद्द कर दिया गया। पीएसी की 20 कंपनियां छोटे-छोटे जत्थों में लोगों को निकालेंगी।
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साभार: भास्कर समाचार 
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