Friday, March 10, 2017

भविष्य में एप चलाएंगे हमारा पूरा जीवन

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
स्टोरी 1: इस रविवार को चेन्नई के उपनगर बालाजी नगर से 20 साल के छात्र सुनेज रहमान रात 11 बजे गुजर रहे थे। एक फोन कॉल आया। उन्होंने जवाब देने के लिए जेब से सेलफोन निकाला ही था कि अचानक
मोटरसाइकिल पर आए दो लोगों ने फोन छीन लिया और तेजी से निकल गए। सड़क खाली थी, इसलिए वे बहुत तेजी से गायब हो गए और सुनेज बाइक का नंबर नोट नहीं कर सके। सुनेज घर पहुंचे और 15 मिनट से भी कम समय में उन्हें ईमेल मिला कि क्या आपका सेलफोन सुरक्षित हाथों में है। या खो गया है। इसके साथ दो लिंक ऑप्शन थे- हां या नी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। उन्होंने फोन खो जाने के विकल्प को क्लिक किया। फोन में इनबिल्ट McAfee सिक्यूरिटी एप था, जो उनके कंप्यूटर से कनेक्ट था। इस पर एक व्यक्ति का फोटोग्राफ डिस्प्ले हुआ। यह उस व्यक्ति का था, जिसने फोन के चोरी होने के कुछ मिनट बाद ही इसे अनलॉक करने की असफल कोशिश की थी। इसमें उसकी लोकेशन का उल्लेख भी था। रहमान ने इन जानकारियों के साथ पुलिस को रिपोर्ट की। जब भी आरोपी फोन का स्विच ऑन करता एप लगातार उसकी गतिविधियों के बारे में ताजा जानकारियों रहमान को भेजता रहा। एप से मिले इनपुट के अनुसार पुलिस ने उसकी लोकेशन का पता लगा लिया। पुलिस ने रहमान के फोन और अन्य चोरी किए गए डिवाइस 19 साल के दो लोगों से जब्त किए। पुलिस को पता चला कि एक सप्ताह में दोनों ने पांच जगह पर मोबाइल छीने हैं। यह इसलिए संभव हुआ कि फोन के एप ने अनलॉक करने की तीन असफल कोशिशों के बाद आरोपी का फोटो ले लिया था। एप को कहीं दूर से एसएमएस कमांड या वेब कंसोल के जरिये एक्टिवेट किया जा सकता है। एप फोन को लॉक करने, जीपीएस के जरिये उसकी लोकेशन पता करने में मदद करता है। पिन के साथ एक एसएमएस भेजकर फोन का पूरा डेटा इरेज भी किया जा सकता है। अगर आपके पास दूसरा फोन नहीं है तो आप यही काम एप की साइट पर लॉगइन करके भी कर सकते हैं। 
स्टोरी 2: वेल्लोर और हैदराबाद की लाइन पर रांची म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने इस सोमवार को ऑनलाइन वॉटर टैंकर लॉन्च किया है। यह वैसी ही सुविधा है जैसी कुछ भारतीय शहरों में नेट-सेवी लोग दोस्तों के जन्मदिन के लिए फूल और उपहार ऑनलाइन बुक करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। घर पर अचानक मेहमान जाएं तो इस सेवा से पानी सप्लाई हासिल किया जा सकता है। लोग म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन की वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं या गूगल प्ले स्टोर से वॉटर टैंकर बुकिंग एप डाउनलोड भी कर सकते हैं। इस तरह 24/7 टैंकर बुक किया जा सकता है। ऑनलाइन पेमेंट के लिए पेमेंट गेटवे है और टैंकर के उपलब्ध होने की स्थिति में दो घंटे में पानी का टैंकर घर पर पहुंचा दिया जाता है। 
स्टोरी 3: अगर कोई उबर ड्राइवर को अपशब्द कहें, उसे धमकाएं, उसकी कार या फोन को डेमेज कर दें, जाबूझकर फूड और कोई ड्रिंक कार में गिरा दें या ज्यादा शराब पीकर कार में उल्टी कर दें तो उसके उबर सर्विस के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सकती है। उसके मोबाइल में यह एप डिएक्टिवेट हो जाएगा। हालांकि ड्राइवर्स को चैक करने के भी कई तरीके हैं और उसके ग्राहक के प्रति व्यवहार को भी जांचा जाएगा। यात्री के साथ दुर्व्यवहार करने वाले ड्राइवरों को अक्सर सजा नहीं मिलती। पहली बार उबर ने भारत में मॉडिफाइड एप के साथ मंगलवार को इन सब मुद्दों को शामिल करने वाली नई कम्यूनिटी गाइडलाइन जारी की है। 
फंडा यह है कि हमारी जिंदगी मोबाइल एप से संचालित होती जा रही है। ये आपकी समस्याओं को तेजी से हल कर सकते हैं। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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