Wednesday, December 31, 2014

ये दस अविष्कार हैं भारत की देन

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दुनिया में जो वर्तमान साइंटिफिक प्रगति नजर आती है, उसमें बहुत बड़ा योगदान भारत का भी है। इन आविष्कारों में भारत के योगदान के प्रमाण मिलते हैं। दिलचस्प है कि इन आविष्कारों की वजह से ही वर्तमान में मनुष्य का जीवन इतना आसान हो पाया है। आज हम दुनिया के ऐसे ही कुछ आविष्कारों की जानकारी दे रहे हैं। ये आविष्कार या तो भारत में ही हुए या फिर दुनिया में कहीं भी इनके बनने का आधार भारत बना:
  1. शतरंज: गुप्त साम्राज्य के समय का प्रसिद्द खेल चतुरंग था जिससे शतरंज का विकास हुआ।
  2. फ्लश टॉयलेट: सिंधु घाटी सभ्यता में फ्लश टॉयलेट जैसी ही शौचालय सुविधा थी जो एक सुव्यवस्थित सीवेज सिस्टम से जुड़ी थी।
  3. बटन: वस्त्रों में लगने वाला बटन 2000 ईसा पूर्व मोहन-जो-दड़ो सभ्यता के काल से उपयोग में लाया जाता रहा है।
  4. मोतियाबिंद की सर्जरी: आयुर्वेदाचार्य सुश्रुत ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन का सफल प्रयोग किया था, जिसके बाद चीन और ग्रीस में भी यह पहुँच गया।
  5. कॉटन की खेती और कपड़े: सिंधु घाटी सभ्यता में प्रमाण मिले हैं कि आज से हजारों साल पहले भारत में कपास की खेती और इससे बने वस्त्र चलन में थे, जबकि ग्रीस आदि देशों में लोग जानवरों की खाल ही पहनते थे। 
  6. हीरे की खुदाई: ब्राजील में 18वीं सदी में डायमंड माइनिंग की खोज हुई,परन्तु उससे पहले पूरी दुनिया को हीरा उपलब्ध करवाने वाला भारत ही था।
  7. फिबोनैकी नंबर: गणित में जादुई संख्याओं के नाम से प्रसिद्द फिबोनैकी नंबर्स जिनका अविष्कारक गणितज्ञ फिबोनैकी को माना जाता है, इन सख्याओं का प्रतिपादन भारतीय गणितज्ञ विरहांडक ने कर दिया था।
  8. प्रीफैब्रिकेटेड घर: आज के आधुनिक प्रीफैब्रिकेटेड होम का कंसेप्ट 16वीं सदी में अकबर के शासनकाल के दौरान भारत में ही पनपा था।
  9. रूलर (स्केल): दूरी को सटीकता से मापने के लिए भारत में ही सर्वप्रथम स्केल का प्रयोग किया गया। सिंधु घाटी सभ्यता के समय में विश्व में पहली बार हाथी दांत से बने रूलर का प्रयोग हुआ।
  10. सांप सीढ़ी: बच्चों का यह प्रसिद्द खेल सबसे पहले भारत में खेला जाता था। उसके पश्चात इंग्लैंड और अमेरिका होते हुए यह खेल पूरे विश्व में प्रसारित हुआ।
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साभार: भास्कर समाचार
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