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पेट्रोल व डीजल की कीमतों में सरकार ने एक बार फिर एक्साइज ड्यूटी
बढ़ा दी है। हालांकि, इससे पेट्रोल की कीमतों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।
लेकिन, इतना जरूर है कि नए साल में पेट्रोल के दामों में फिर वृद्धि हो
सकती है। ऐसे में अगर आप कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं मगर कंफ्यूज
हैं कि डीजल कार खरीदें या फिर पेट्रोल, तो ये खबर हो सकती है आपके लिए
फायदेमंद। हम पेट्रोल और डीजल कारों में तुलना करने जा रहे हैं। इससे आप अंदाजा
लगा सकते हैं
कि आपके लिए कौन सी कार फायदेमंद हो सकती है। तेल की कीमत ही कारों के चुनाव के लिए महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसके साथ कई और पहलू होते हैं जिनको भी ध्यान में रखकर ही कार खरीदनी चाहिए।
कि आपके लिए कौन सी कार फायदेमंद हो सकती है। तेल की कीमत ही कारों के चुनाव के लिए महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसके साथ कई और पहलू होते हैं जिनको भी ध्यान में रखकर ही कार खरीदनी चाहिए।
- पावरफुल होती है पेट्रोल कार: कार का पेट्रोल वर्जन डीजल के मुकाबले ज्यादा पावरफुल होता है। पेट्रोल कार की माइलेज कम होता है। अगर आपको अपनी कार का इस्तेमाल व्यवसायिक तौर पर करना है तो डीजल कारें आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं। रोजना 50 किमी और मासिक 1500 किमी से ज्यादा के सफर तय करने के लिए डीजल कार एक बेहतर विकल्प है।
- सस्ती होती है पेट्रोल कार: आमतौर पर पेट्रोल कारें डीजल कारों से सस्ती होती हैं। माध्यम वर्गीय कारों में एक ही मॉडल की डीजल कार पेट्रोल कार से लगभग एक लाख रूपए तक ज्यादा महंगी होती है।
- पेट्रोल कार रिसेल होती है अच्छी: पेट्रोल कार की रिसेल वेल्यू लंबे समय तक अच्छी बनी रहती है। इसके मुकाबले डीजल कार की रिसेल कीमत जल्द ही कम हो जाती है। जबकि व्यवसायिक क्षेत्र में सेकेंड हैंड डीजल कारों की काफी डिमांड रहती है।
- पेट्रोल पर खर्च नहीं होता मेंटेनेंस: डीजल कारों के मुकाबले पेट्रोल कारों के लिए मेंटेनेंस पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है। डीजल कारों में ज्यादा स्पेयर पार्ट्स लगे होते हैं, जिसकी वजह से उनके मेंटेनेंस पर ज्यादा खर्च आता है।
- एक्सपर्ट्स की नजर में बेहतर है डीजल इंजन: दोनों ही वर्जन के इंजन की लाइफ हमेशा से एक विवादास्पद बहस का मुद्दा बना रहा है। ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स के मुताबिक डीजल इंजन की लाइफ छोटी होती है पेट्रोल इंजन की तुलना में। डीजल इंजन कम्प्रेशन टाइप के इग्निशन पर काम करते हैं। ऑटोमोबाइल इंजीनियरों के मुताबिक एक आम वेल-मेंटेंड डीजल इंजन 3,00,000 किमी तक चल सकता है। इसके अलावा ट्रक, मिनी वैन और बस डीजल इंजन के अच्छी लाइफ के बढ़िया उदाहरण होते हैं।
- परफॉरमेंस के मामले में बेहतर है पेट्रोल कार: परफॉरमेंस के मामले में पेट्रोल कारें बेहतर प्रदर्शन करती हैं। पेट्रोल इंजन में स्पार्क इग्निशन लगा होता है, जो इसे डीजल इंजन की तुलना में बेहकॉतर होता है। पेट्रोल इंजन में चलते समय आवाज भी कम आती है।
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साभार: भास्कर समाचार
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