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मानवाधिकार से मतलब मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता से है, जिसके सभी
मनुष्य हकदार हैं। इन्हीं अधिकारों की लड़ाई को मजबूत बनाने के लिए हर साल
10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। 1950 में
संयुक्त राष्ट्र महासभा में घोषणा के साथ इस दिन की शुरुआत हुई। 1948 में
10 दिसंबर को ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों पर एक सार्वभौम
घोषणापत्रा जारी किया, जो मनुष्य के अधिकारों के बारे में बताता है। यहां
हम इस घोषणापत्र में जारी उन 30 अधिकारों के बारे में ही बताने जा रहे हैं,
जिनसे अक्सर लोग अनजान होते हैं।- सभी मनुष्य गरिमा और अधिकार के मामले में स्वतंत्र और बराबर हैं।
- हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के सभी तरह के अधिकार और स्वतंत्रता दी गई है। जाति, रंग, लिंग, भाषा, धर्म, राजनीतिक या अन्य विचार, राष्ट्रीयता, संपत्ति, समाज जैसी बातों को लेकर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता है।
- हर मनुष्य को जीवन, आजादी और सुरक्षा का अधिकार है।
- किसी भी तरह की गुलामी या दासता से आजादी का अधिकार।
- यातना, प्रताड़ना और क्रूरता से आजादी का अधिकार।
- कानून की नजर में हर व्यक्ति समान।
- कानून के सामने सभी को समान संरक्षण का अधिकार।
- किसी भी अधिकार का अतिक्रमण होने पर इंसाफ के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का अधिकार।
- किसी को भी मनमाने ढंग से गिरफ्तार, नजरबंद या देश से निष्कसित न किया जा सके।
- एक स्वतंत्र अदालत के जरिए निष्पक्ष सार्वजनिक सुनवाई का अधिकार।
- अदालत की ओर से दोषी करार न होने तक व्यक्ति को निर्दोष होने का अधिकार।
- किसी व्यक्ति के घर, परिवार, एकाकीपन और पत्र व्यवहार में निजता का अधिकार। किसी तरह का हस्तक्षेप न हो।
- अपने देश में यात्रा की आजादी के साथ ही दूसरे देशों में आने-जाने का अधिकार।
- किसी भी दूसरे देश में शरण मांगने का अधिकार।
- राष्ट्र विशेष की नागरिकता का अधिकार।
- जाति, राष्ट्रीय, धर्म की रुकावटों से दूर शादी करने और परिवार बढ़ाने का अधिकारी। साथ ही, शादी के बाद भी महिला और पुरुष में समानता का अधिकार।
- हर व्यक्ति को संपत्ति रखने का अधिकार।
- किसी भी विचार और धर्म को अपनाने की आजादी का अधिकार।
- हर व्यक्ति को विचारों की अभिव्यक्ति की आजादी हासिल है। साथ ही, जानकारी हासिल करने का अधिकार है।
- संगठन बनाने, संस्था का सदस्य बनने और सभा करने का अधिकार।
- सरकार बनाने की गतिविधियों में हिस्सा लेने और सरकार चुनने का अधिकार।
- सामाजिक सुरक्षा के अधिकार के साथ ही आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की प्राप्ति का अधिकार।
- हर व्यक्ति को काम करने का अधिकार, समान कार्य के लिए बिना किसी भेदभाव के समान भूगतान का अधिकार। इसके साथ ही ट्रेड यूनियन में शामिल होने और उनके निर्माण का भी अधिकार।
- काम करने के तय घंटे, भुगतान और छुट्टियों का अधिकार।
- व्यक्ति को भोजन, मकान, कपड़े, चिकित्सा सुविधा और जरूरी सामाजिक सुरक्षा का अधिकार हासिल है। इसके साथ ही अच्छे जीवन स्तर के साथ अपने और अपने परिवार के जीने का अधिकार भी हासिल है।
- हर इंसान को शिक्षा का अधिकार हासिल है। वहीं, प्राथमिक शिक्षा सभी के लिए अनिवार्य है।
- हर इंसान को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने और बौद्धिक संपदा के संरक्षण का अधिकार मिला हुआ है।
- हर इंसान को ऐसी सामाजिक और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का अधिकार प्राप्त है, जो यह सुनिश्चित करे कि इस घोषणापत्र का पालन हो सके।
- हर इंसान की समुदाय के प्रति जवाबदेही है, जो एक लोकतांत्रिक समाज के लिए जरूरी है।
- इस घोषणापत्र में शामिल किसी बात की ऐसी व्याख्या न हो, जिससे ये आभास हो कि कोई राष्ट्र, व्यक्ति या गुट किसी ऐसे काम में शामिल हो सकता है, जिसका मकसद किसी स्वतंत्रता या अधिकार का हनन करना हो।
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साभार: भास्कर समाचार
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