Sunday, October 2, 2016

मैनेजमेंट: सफल होना है तो तय कीजिए प्राथमिकताएं: सीखिए "NO" कहना

अमेरिकन बिजनेसमैन और इनवेस्टर वारेन बफे ने कहा है कि सफल और बहुत सफल लोगों में यह फर्क होता है कि बहुत सफल लोग अक्सर हर चीज के लिए 'नहीं' कह देते हैं। दरअसल वे अपना समय बहुत सोच समझकर खर्च करते हैं। और उसी काम को समय देना पसंद करते हैं जो उन्हें उपयोगी लगता है। लेकिन सभी के लिए नहीं
कहना इतना आसान नहीं होता। दुविधा बनी रहती है और कई बार मजबूरी में जवाब 'हां' में देना पड़ता है। इसलिए 'नहीं' कहने के लिए यह पता होना चाहिए कि आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्राथमिकताएं तय होंगी तो नहीं कहने का एक स्पष्ट कारण होगा। नहीं कहने का सबसे अच्छा तरीका तो यह है कि घुमा-फिराकर या बचाव की मुद्रा में आते हुए विनम्रता से 'नहीं' कह दिया जाए। साथ में अगर इसका कारण भी बताएंगे तो आपको गलत या घमंडी नहीं समझा जाएगा। आप चाहें तो विकल्प भी दे सकते हैं, जिसमें भविष्य में 'हां' की संभावना हो। इसे शिष्टाचार माना जाएगा। और 'नहीं' सुनने वाले को बुरा नहीं लगेगा। अगर आप 'नहीं' कहना सीख जाएंगे जो जिंदगी आसान भी हो जाएगी। स्टीव जॉब्स ने इस बारे में कहा था कि नहीं कहकर ही आप उन चीजों पर ध्यान देने के लिए समय निकाल सकते हैं, जिन्हें आप सच में महत्वपूर्ण मानते हैं। नहीं कहने का एक मतलब यह भी होता है कि आपको अपनी सीमाएं और क्षमताएं पता हैं। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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