Tuesday, October 4, 2016

दीवाली के बाद ही मिल पाएगा सातवें वेतन आयोग का लाभ; सरकार सोच रही स्वर्ण जयंती वर्ष में क्रेडिट लेने की

हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के लिए अभी इंतजार करना होगा। यानी दीपावली से पहले इसका लाभ नहीं मिलेगा। वजह यह है कि सरकार अब दीपावली के बाद स्वर्ण जयंती वर्ष के कार्यक्रमों में इसकी घोषणा करके 'क्रेडिट' लेना चाहती है। सरकार अगर नवंबर में 7वां वेतन आयोग लागू करने की घोषणा करती है तो कर्मचारियों को दिसंबर में ही एरियर और बढ़ी हुई सेलरी मिल पाएगी। जबकि केंद्र सरकार अगस्त में ही अपने कर्मचारियों को बढ़ी हुई सेलरी दे चुकी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सरकार का कहना है कि 7वां वेतन आयोग लागू करने से पहले सभी कर्मचारी संगठनों का पक्ष सुनने के लिए अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी को वेतन आयोग की सिफारिशों के संबंध में करीब 180 ज्ञापन मिले हैं। अब इन ज्ञापनों पर कमेटी ने एक-एक संगठन को बुलाकर उनका पक्ष सुनना शुरू किया है। इसमें कुछ वक्त लगेगा। इसके बाद कमेटी की रिपोर्ट कैबिनेट में भी रखी जा सकती है। इसलिए संभावना यही है कि स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान सरकार नवंबर में 7वां वेतन आयोग लागू करने की घोषणा कर देगी। दिसंबर में कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकता है। 
इधर, सोमवार को सिविल सेक्रेटेरिएट में चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी ने कर्मचारी संगठनों को बुलाकर उनका पक्ष सुना। इस दौरान सर्व कर्मचारी संघ समेत कई कर्मचारी संगठनों ने अपनी-अपनी बात रखी। मीटिंग के बाद सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष धर्मवीर फोगाट ने बताया कि उन्होंने सरकार से न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपए, जनवरी, 2014 से लागू दो हजार रुपए अंतरिम राहत को मूल वेतन में जोड़ने, प्रति व्यक्ति आय को आधार मानकर केंद्र से 30 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ सिफारिशें लागू करने, पार्ट-टाइम और एन एचएम सहित सभी विभागों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को बिना शर्त पक्का करने, समान काम-समान वेतन देने, रिटायर्ड कर्मचारियों को वन रेंक,वन पेंशन देने, पंजाब-हिमाचल की तर्ज पर पेंशन में बढ़ोतरी करने जैसे कई मुद्दे उठाए हैं। बोर्ड, निगम, शैक्षणिक संस्थाओं को लेकर असमंजस: कर्मचारियों में इस बात को लेकर असमंजस है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने में कहीं उनके साथ भेदभाव हो जाए सरकारी विभागों में तो वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो जाती हैं, लेकिन बोर्ड, कॉरपोरेशन, आयोग और शैक्षणिक संस्थाओं के कर्मचारियों को इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है। 
कर्मचारी संगठनों ने सरकार से हरियाणा में अलग वेतन आयोग बनाए जाने और आयोग का कार्यकाल 10 साल के बजाय 5 साल रखे जाने की मांग की है। कर्मचारियों का कहना है कि महंगाई के इस दौरान में अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों का वेतन 1.50- 2.00 लाख रुपए से भी ज्यादा हो गया है। जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आज भी 18-20 हजार रुपए ले रहा है। कर्मचारियों ने नेशनल पेंशन स्कीम को बंद करके सभी कर्मचारियों को पुरानी स्कीम के दायरे में ही लाए जाने की मांग की है। 
नहीं चाहते इस बार कोई विसंगति बचे, कर रहे अध्ययन: वित्तमंत्री 
हरियाणासरकार अपने कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी, 2016 से ही 7वें वेतन आयोग का लाभ देगी। लेकिन, इसे लागू करने से पहले सभी कर्मचारी संगठनों को सुनवाई का पूरा समय भी देना चाहती है, ताकि बाद में उनके वेतनमान में किसी तरह की विसंगतियां रहें। क्योंकि एक बार अगर विसंगतियां रह जाती हैं तो फिर यह मामला 10 साल तक चलता रहता है। वेतन आयोग की सिफारिशों और कर्मचारियों के ज्ञापन का अध्ययन करने के लिए अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई हुई है। कमेटी को पहले 30 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट देनी थी, अब उसे 20 अक्टूबर तक रिपोर्ट देने को कहा गया है। - कैप्टन अभिमन्यु, वित्त मंत्री हरियाणा 

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साभार: भास्कर समाचार 
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