Wednesday, December 3, 2014

सावधान: आपके डेबिट क्रेडिट कार्ड की जानकारी केवल एक क्लिक में उड़ा कर कंगाल बना सकता है ये मालवेयर

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डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों के लिए जरूरी खबर है। साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों ने देश में डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने वालों को ब्रटपॉस मालवेयर (BrutPOS Malware) से सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है। इस मालवेयर से कार्ड्स के पिन नंबर और पासवर्ड जैसी गोपनीय जानकारी को हैक किया जा रहा है। पिछले दिनों मुंबई में इस तरह के मामले दर्ज किए गए थे। इस तरह जानकारी हैक करके हैकर्स आपके अकाउंट पर भी नजर
रखे हुए हैं। ये हैकर्स ज्यादातर पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) काउंटर्स पर हमले करते हैं।

क्या है पीओएस: पीओएस किसी शॉप के उस काउंटर को कहते हैं, जहां आप कार्ड के जरिए पेमेंट करते हैं। सीईआरटी-इन के अनुसार ब्रटपॉस नाम का खतरनाक मॉलवेयर ट्रोजन/ बॉटनेट परिवार का है। सीईआरटी-इन भारत के इंटरनेट डोमेन में हैकिंग, फिशिंग और सुरक्षा संबंधी अन्य समस्याओं से निबटने वाली राष्ट्रीय एजेंसी है। 
कैसे काम करता है यह मॉलवेयर: इस एजेंसी की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार, ‘ये मालवेयर पॉइंट ऑफ सेल सिस्टम्स में फैल रहा है। यह मुख्यतः विंडोज बेस्ड सिस्टम्स को टारगेट करता है। यदि एक बार यह मालवेयर सिस्टम में आ गया, तो सिस्टम का कमांड इसके हाथ में चला जाता है। इसके बाद मालवेयर अपने आईपी ऐड्रेस से जुड़कर अपने आप को अपडेट करता है। इसके बाद सिस्टम में मौजूद सभी गोपनीय जानकारियों को यह अपने सर्वर पर भेजना शुरू कर देता है।’ 
कार्ड होल्डर की जानकारी करता है सेव: एडवाइजरी के मुताबिक, इस मालवेयर के आक्रमण से उस सिस्टम में एक अन्य मॉलवेयर बनता है, जो पेमेंट कार्ड्स का डेटा- कार्ड होल्डर का नाम, अकाउंट नंबर, एक्सपायरी से संबंधित डेटा, सीवीवी कोड- आदि चुरा लेता है। इसके अलावा यह मॉलवेयर उस सिस्टम की दूसरी अहम जानकारियां जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम से संबंधित विवरण, सिस्टम का कॉनफिगरेशन आदि भी चुरा लेता है। 
कैसे बचें इस मॉलवेयर से: सीईआरटी-इन ने इस नए मॉलवेयर का मुकाबला करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। 
  • सभी पीओएस सिस्टम पूरी तरह अपडेट रखे जाएं। 
  • पीओएस एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर अपडेट रखा जाए। 
  • निश्चित संख्या में गलत लॉग इन करने के बाद अकाउंट लॉक हो जाएं। 
  • गेटवे या डेस्कटॉप पर फायरवॉल को इनेबल कर दिया जाए। 
  • ऐसे वेबसाइट पर विजिट न करें जो प्रामाणिक नहीं हैं। 
  • ऐसे स्रोतों से प्राप्त ईमेल से जुड़े अटैचमेंट न ओपन करें और न ही डाउनलोड करें।
कितना गंभीर है भारत में वायरस का हमला: भले ही भारत आईटी क्षेत्र में एक सुपरपावर माना जा रहा हो, लेकिन हम पर होने वाले साइबर हमलों की संख्या एक गंभीर संकट की ओर इशारा कर रही है। साल 2014 के पहले चार महीनों के दौरान 6,700 भारतीय वेबसाइट्स पर अटैक किया गया। हैकर्स अपनी पहचान छिपाते हुए अपने पासवर्ड चुरा रहे हैं, फाइलों को हासिल कर ले रहे हैं। मोबाइल डिवाइस पर होने वाले साइबर हमलों की संख्या की बात करें तो दुनिया में भारत का स्थान दूसरा है। खास तौर पर बैंकिंग से संबंधित डेटा चुराने के लिए यह हमले किए जा रहे हैं।

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साभार: भास्कर समाचार
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