प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल
इंडिया की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि इस नई पहल से करोड़ों देशवासियों के
सपने साकार होंगे और यह भारत का भविष्य बदलेगी। राजधानी में खचाखच भरे
इंदिरा गांधी स्टेडियम में लांच हुआ डिजिटल इंडिया वीक अभियान देश में
ई-क्रांति के लिए वरदान साबित होने जा रहा है। पीएम ने कहा कि योजना के
शुरू होने से पहले ही देश में डिजिटाइजेशन के क्षेत्र
में 4.50 लाख करोड़
रुपये के निवेश का ऐलान भी हो गया, जिससे देश में 18 लाख लोगों को रोजगार
के अवसर मिलेंगे। योजना की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीक
को अपनाना समय की मांग है। इसे नहीं अपनाया तो दुनिया से पिछड़ जाएंगे।
मानव जाति अब वहीं पर बसेगी, जहां से ऑप्टिकल फाइबर की लाइन गुजरती होगी।
उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ विरासत के गीत गाने से
कुछ नहीं होगा। इसके साथ आधुनिकता को भी जोड़ना होगा। उन्होंने
चेताया कि डिजिटल विभाजन देश के लिए खतरनाक होगा। इसलिए गांव और गरीबों तक
डिजिटल सेवा पहुंचाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेक इन इंडिया जितना
ही डिजाइन इन इंडिया भी महत्वपूर्ण है। इसलिए हमें इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों
के निर्यात को कम करना होगा और देश में ही इन उत्पादों का निर्माण शुरू
करना होगा। स्टार्ट-अप को सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी।
एम
मतलब मोदी नहीं, मोबाइल: पीएम ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि पहले बच्चे
लोगों के चश्मे और पेन से खेलते थे लेकिन अब बच्चे फोन से खेलते हैं। हमें
इस बदलाव को समझना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि ई-गवर्नेंस अब एम-गवर्नेंस
में बदलने जा रहा है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि एम का मतलब यहां मोदी
से नहीं बल्कि मोबाइल से है। इस अवसर पर उन्होंने ईडीएफ पॉलिसी
डॉक्यूमेंट के साथ ही डिजिटल इंडिया बुक भी लांच की।
सरकार
पर कोई इल्जाम नहीं: पीएम ने कहा कि हमने हजारों करोड़ के अनेक काम किए
लेकिन सरकार पर एक भी भ्रष्टाचार का इल्जाम नहीं लगा। आईटी भ्रष्टाचार को
कम करने में भी असरदार है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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