Friday, August 1, 2014

बच्चों को इंटेलीजेंट बनाने के लिए शुरू के 10 सालों में ये करें

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वैज्ञानिक कहते हैं कि बच्चों के जीवन के पहले 10 साल 'विंडो ऑफ अपॉर्च्यूनिटी' होते हैं। इसी समय उनके दिमाग में ज्यादातर न्यूरॉन नेटवर्क बनते हैं। इस समय जो सीखा, वह जीवन भर काम आएगा। यही समय बच्चों को स्मार्ट बनाने का होता है। 
  • मददगार है संगीत: बच्चों के मानसिक विकास के लिए सबसे जरूरी चीजों से एक है म्यूजिक। तमाम वैज्ञानिक कहते हैं कि म्यूजिक बच्चे को और स्मार्ट बनाता है। यह न केवल बच्चों का मूड अच्छा करता है, बल्कि उनके अंदर उत्साह भी पैदा करता है। यह मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी है। रिसर्च कहती है कि बच्चे ही नहीं, बड़ों के लिए भी म्यूजिक शानदार चीज है। अमेरिका में हुई एक रिसर्च में कहा गया कि जो बच्चे म्यूजिक सुनते हैं, वे टेस्ट में बेहतर रिजल्ट लाते हैं। टोरंटो यूनिवर्सिटी ने अपने रिसर्च में कहा है कि म्यूजिक ट्रेंड बच्चों का आईक्यू लेवल सामान्य बच्चों से करीब तीन प्वाइंट ज्यादा होता है। इसी तरह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपनी स्टडी में कहा है कि म्यूजिक बच्चों के मानसिक विकास के लिए उपयोगी है। म्यूजिक सुनने और सीखने से बच्चों में ब्रेन पावर और मेमोरी बढ़ती है, वे सोशली ज्यादा समझदार होते हैं।   
  • ब्रेकफास्ट अच्छा हो: बच्चों के लिए ब्रेकफास्ट बेहद जरूरी है। इससे उनका मानसिक विकास तेजी से होता है। दरअसल, बच्चों के दिमाग को ग्लूकोज, आयरन, विटामिन ए, विटामिन बी, जिंक और फॉलिक एसिड जैसे न्यूट्रियंट्स के बैलेंस की आवश्यकता होती है। ड्यूक यूनिवर्सिटी के पीडियाट्रिक्स के प्रो. टेरिल ब्रेवेंडर का कहना है कि रात के बाद सुबह बच्चों के बढ़ते दिमाग को फ्यूल की जरूरत होती है। इसलिए उनका ब्रेकफास्ट नहीं छूटना चाहिए। रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि सुबह का नाश्ता बच्चे के ब्रेनपावर को बढ़ाता है। सुबह का नाश्ता करने वाले बच्चे अधिक एकाग्र होते हैं। बच्चा बहुत छोटा है तो उसके मानसिक विकास के लिए ब्रेस्टफीडिंग जरूरी है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एसेक्स यूनिवर्सिटी ने वर्ष 2011 में अपने शोध में कहा कि ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चे भविष्य में ज्यादा स्मार्ट बनते हैं और वे जीवन में सफलता का मौका अधिक भुनाते हैं।   
  • रीडिंग हैबिट जरूरी: यदि आप अपने बच्चे को कामयाब और अच्छा इंसान बनाना चाहते हैं, तो उसकी रीडिंग हैबिट को हमेशा बढ़ाएं। जिन बच्चों की रीडिंग स्किल्स अच्छी होती है, वे राइटिंग और नंबर्स स्किल भी अच्छी कर लेते हैं। रीडिंग से बच्चों को समाज को समझने का मौका मिलता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि बच्चों को रीडिंग कराएं, लेकिन आप उनके लिए रीडिंग न करें, बल्कि उनके साथ रीडिंग करें। रिसर्च के अनुसार, साथ रीडिंग करने से बच्चों में अर्ली लिटरेसी एबिलिटी बढ़ती है। सोशल स्ट्रैटिफिकेशन एंड मोबिलिटी के जर्नल रिसर्च में छपी एक स्टडी में कहा गया कि जिन बच्चों के घर मेंं 500 से अधिक किताबें होती हैं, ये उनके लिए इस तरह फायदेमंद है, जैसे बिना पढ़े-लिखे पेरेंट्स से यूनिवर्सिटी एजुकेटेड पेरेंट्स होना फायदेमंद है। इसलिए घर में किताबें होना भी बेहद जरूरी है। बच्चों की रीडिंग हैबिट से कॉमनसेंस और कन्सन्ट्रेशन बढ़ता है। साथ ही, ब्रेन की एक्सरसाइज होती है।   
  • वीडियो गेम से बढ़ेगी स्किल्स: अब तक कई रिसर्च में कहा गया है कि वीडियो गेम्स बच्चों को आक्रामक बना रहे हैं, लेकिन बच्चे यदि रोजाना एक घंटा वीडियो गेम खेलें, तो उनमें कई स्किल्स डेवलप होती हैं। यह उनके शारीरिक विकास से लेकर मानसिक विकास तक के लिए फायदेमंद होता है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च में कहा गया है कि वीडियो गेम खेलने वाले बच्चों में हैंड-आई को-ऑर्डिनेशन, प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी, रीजनिंग, एक्यूरेसी, रिसोर्स मैनेजमेंट, क्विक थिंकिंग, मेमोरी और जजमेंट जैसी तमाम स्किल्स डेवलप होती हैं। इसी तरह इजरायल के सेंटर फॉर एजुकेशन टेक्नोलॉजी ने अपनी रिसर्च में कहा कि वीडियो गेम से बच्चों में लर्निंग स्किल्स बढ़ती है। यूरोपियन पार्लियामेंट ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वीडियो गेम खेलने से बच्चों में स्ट्रैटिजिक थिंकिंग, क्रिएटिविटी और इनोवेटिव थिंकिंग बढ़ती है।   
  • फिजिकली एक्टिव रखें: बच्चों को घर में नियमित समय पर ही टीवी देखने दें। यह ध्यान दें कि बच्चा रोज बाहर खेलने जाए और थोड़ी एक्सरसाइज भी करे। यहां पर ओवरपेरेंटिंग न करें। दोस्तों के साथ खेलने वाले बच्चे न केवल हेल्दी लाइफ स्टाइल जीते हैं, बल्कि भविष्य में वे ज्यादा एक्टिव और स्मार्ट भी होते हैं। जर्मनी में वर्ष 2007 में हुई स्टडी में कहा गया कि जो बच्चे रोजाना एक्सरसाइज करते हैं और फिजिकली एक्टिव रहते हैं, वे सामान्य बच्चों की तुलना में 20 फीसदी शब्दों को अधिक याद रखते हैं। बच्चे तीन महीने लगातार एक्सरसाइज करते हैं, तो उनके ब्रेन में ब्लड फ्लो बढ़ता है और उनकी लर्निंग व मेमोरी पावर 30 फीसदी तक बढ़ती है। इसी तरह अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन की स्टडी के अनुसार, जो बच्चे स्पोर्ट्स या फिजिकल एक्टिविटी में अधिक संलग्न होते हैं, वे पढ़ाई में भी अच्छे रहते हैं। साउथ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के अनुसार, खेलने वाले बच्चे एकेडमिक्स में भी अच्छे होते हैं।
  • इनका भी रखें  ध्यान: रिसर्च कहती है कि जो बच्चे खुश रहते हैं, वे अधिक सफल होते हैं। इन्हें नाखुश बच्चे की तुलना में अच्छी नौकरी और जीवन मिलता है। अपने बच्चे पर हमेशा विश्वास करें। बच्चे के सफल होने पर उसकी इंटेलिजेंस से ज्यादा उसके प्रयासों को सराहें। बच्चों को नींद पूरी करने का मौका दें। रोजाना एक घंटे की नींद कम लेने से सिक्स्थ क्लास के बच्चे का दिगाम फोर्थ क्लास के बच्चे के बराबर हो जाता है। बच्चों की संगत अच्छी होनी चाहिए। अच्छे पड़ोसी, अच्छे स्कूल और अच्छे दोस्त दिमाग पर अच्छा असर डालते हैं। बच्चों को नई-नई भाषा सिखाने में मदद करें। रिसर्च कहती है कि जिन बच्चों को सेकंड लैंग्वेज आती है, वे प्रेशर में अच्छा परिणाम देते हैं।  

साभार: भास्कर समाचार
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