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जिन लोगों के प्रोफेशन में उन्हें लगातार बोलना पड़ता हो ऎसे लोगों को रोेज थोड़ा गुनगुनाते रहना चाहिए। टीचर और कॉल सेटर में काम करने वाले लोगों अक्सर ज्यादा बोलना पडता है। ताजा हुए शोध में इस बात का खुलासा किया गया है कि गुनगुनाना गले के लिए सेहतमंद होता है। जर्मन विशेषज्ञों की मानें तो गुनगुनाना सिर्फ मनोरंजन ही नहीं आपके गले के लिए भी एक अच्छी एक्सरसाइज है। ऎसे लोग जिन्हें दिनभर में बहुत ज्यादा बोलना पड़ता है, उन्हें गुनगुनाते रहना चाहिए क्योंकि इससे उनके गले को राहत पहुंचती है। गुनगुनाने से गले में ठहराव और आवाज में गहरापन आता है। इससे गले की मांसपेशियों पर जोर कम पड़ता है। जबकि ऊंची आवाज में बोलते रहने से गले पर बहुत जोर पड़ता है। इससे भविष्य में गले संबंधी परेशानी होने की आशंका होने का खतरा भी बढ़ जाता है। लगातार बोलने वालों का गला भारी हो जाता है और कई बार तकलीफदेह भी। शोध में पाया गया है कि अगर काम शुरू करने से पहले वे थोड़ी देर गुनगुनाएं, तो गले में होने वाली कर्कशता कम होगी साथ ही गले को राहत भी मिलेगी। ईएनटी और शिशु श्रव्य रोग विशेषज्ञों के जर्मन संघ डीजीपीपी के अध्यक्ष राएनर शोएनवाइलर मानते हैं कि गुनगुनाने से गले में ठहराव और आवाज में गहरापन आता है। इसकी वजह से गले की मांसपेशियों पर जोर कम पड़ता है। जबकि दिन भर ऊंचे पिच पर बोलते रहने से गले पर बहुत जोर पड़ता है। अपने पेशे में दिन भर बोलते रहने वाले लोग अक्सर गला सूखने की भी शिकायत करते हैं। लगातार बोलने के कारण गले के साथ-साथ कान के पर्दे पर भी असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए कुछ न कुछ पीते रहना और गले को गीला रखना है। इसके लिए उन्होंने पानी को सबसे अच्छा विकल्प माना है और चाय कॉफी का सेवन कम से कम करने की सलाह दी है। क्योंकि चाय कॉफी के ज्यादा सेवन से गले की अंदरूनी चिकनी झिल्ली के सुखने का डर हो सकता है। चाय कॉफी में मौजूद कैफिन गले को बाहर से तो तर कर देता है लेकिन अंदरूनी हिस्सों को ड्राय कर देता है। शोएनवाइलर के मुताबिक कार्बोनेटेड पानी (कोल्ड ड्रिंक्स) से भी बचना चाहिए। इससे डकार आने की संभावना रहती है जो बोलते समय काम में बाधा डाल सकती है। उन्होंने बताया कि सिर्फ ज्यादा बोलना ही गले के सूखने की वजह नहीं, उसके और भी कई कारण हो सकते हैं। किसी काम के न होने से बेचैनी या गुस्सा आना इसके अन्य कारण हो सकते हैं।
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साभार: राजस्थान
पत्रिका
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जिन
लोगों के प्रोफेशन में उन्हें लगातार बोलना पड़ता हो ऎसे लोगों को रोेज
थोड़ा गुनगुनाते रहना चाहिए। टीचर और कॉल सेटर में काम करने वाले लोगों
अक्सर ज्यादा बोलना पडता है।
ताजा हुए शोध में इस बात का खुलासा किया गया है कि गुनगुनाना गले के लिए सेहतमंद होता है। जर्मन विशेषज्ञों की मानें तो गुनगुनाना सिर्फ मनोरंजन ही नहीं आपके गले के लिए भी एक अच्छी एक्सरसाइज है।
ऎसे लोग जिन्हें दिनभर में बहुत ज्यादा बोलना पड़ता है, उन्हें गुनगुनाते रहना चाहिए क्योंकि इससे उनके गले को राहत पहुंचती है। गुनगुनाने से गले में ठहराव और आवाज में गहरापन आता है।
इससे गले की मांसपेशियों पर जोर कम पड़ता है। जबकि ऊंची आवाज में बोलते रहने से गले पर बहुत जोर पड़ता है। इससे भविष्य में गले संबंधी परेशानी होने की आशंका होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
लगातार बोलने वालों का गला भारी हो जाता है और कई बार तकलीफदेह भी। शोध में पाया गया है कि अगर काम शुरू करने से पहले वे थोड़ी देर गुनगुनाएं, तो गले में होने वाली कर्कशता कम होगी साथ ही गले को राहत भी मिलेगी।
ईएनटी और शिशु श्रव्य रोग विशेषज्ञों के जर्मन संघ डीजीपीपी के अध्यक्ष राएनर शोएनवाइलर मानते हैं कि गुनगुनाने से गले में ठहराव और आवाज में गहरापन आता है। इसकी वजह से गले की मांसपेशियों पर जोर कम पड़ता है।
जबकि दिन भर ऊंचे पिच पर बोलते रहने से गले पर बहुत जोर पड़ता है। अपने पेशे में दिन भर बोलते रहने वाले लोग अक्सर गला सूखने की भी शिकायत करते हैं। लगातार बोलने के कारण गले के साथ-साथ कान के पर्दे पर भी असर पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए कुछ न कुछ पीते रहना और गले को गीला रखना है। इसके लिए उन्होंने पानी को सबसे अच्छा विकल्प माना है और चाय कॉफी का सेवन कम से कम करने की सलाह दी है। क्योंकि चाय कॉफी के ज्यादा सेवन से गले की अंदरूनी चिकनी झिल्ली के सुखने का डर हो सकता है।
चाय कॉफी में मौजूद कैफिन गले को बाहर से तो तर कर देता है लेकिन अंदरूनी हिस्सों को ड्राय कर देता है। शोएनवाइलर के मुताबिक कार्बोनेटेड पानी से भी बचना चाहिए। इससे डकार आने की संभावना रहती है जो बोलते समय काम में बाधा डाल सकती है।
उन्होंने बताया कि सिर्फ ज्यादा बोलना ही गले के सूखने की वजह नहीं, उसके और भी कई कारण हो सकते हैं। किसी काम के न होने से बेचैनी या गुस्सा आना इसके अन्य कारण हो सकते हैं। - See more at: http://rajasthanpatrika.patrika.com/article/Humming-is-good-for-throat/50852.html#sthash.i87Z0la6.dpuf
ताजा हुए शोध में इस बात का खुलासा किया गया है कि गुनगुनाना गले के लिए सेहतमंद होता है। जर्मन विशेषज्ञों की मानें तो गुनगुनाना सिर्फ मनोरंजन ही नहीं आपके गले के लिए भी एक अच्छी एक्सरसाइज है।
ऎसे लोग जिन्हें दिनभर में बहुत ज्यादा बोलना पड़ता है, उन्हें गुनगुनाते रहना चाहिए क्योंकि इससे उनके गले को राहत पहुंचती है। गुनगुनाने से गले में ठहराव और आवाज में गहरापन आता है।
इससे गले की मांसपेशियों पर जोर कम पड़ता है। जबकि ऊंची आवाज में बोलते रहने से गले पर बहुत जोर पड़ता है। इससे भविष्य में गले संबंधी परेशानी होने की आशंका होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
लगातार बोलने वालों का गला भारी हो जाता है और कई बार तकलीफदेह भी। शोध में पाया गया है कि अगर काम शुरू करने से पहले वे थोड़ी देर गुनगुनाएं, तो गले में होने वाली कर्कशता कम होगी साथ ही गले को राहत भी मिलेगी।
ईएनटी और शिशु श्रव्य रोग विशेषज्ञों के जर्मन संघ डीजीपीपी के अध्यक्ष राएनर शोएनवाइलर मानते हैं कि गुनगुनाने से गले में ठहराव और आवाज में गहरापन आता है। इसकी वजह से गले की मांसपेशियों पर जोर कम पड़ता है।
जबकि दिन भर ऊंचे पिच पर बोलते रहने से गले पर बहुत जोर पड़ता है। अपने पेशे में दिन भर बोलते रहने वाले लोग अक्सर गला सूखने की भी शिकायत करते हैं। लगातार बोलने के कारण गले के साथ-साथ कान के पर्दे पर भी असर पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए कुछ न कुछ पीते रहना और गले को गीला रखना है। इसके लिए उन्होंने पानी को सबसे अच्छा विकल्प माना है और चाय कॉफी का सेवन कम से कम करने की सलाह दी है। क्योंकि चाय कॉफी के ज्यादा सेवन से गले की अंदरूनी चिकनी झिल्ली के सुखने का डर हो सकता है।
चाय कॉफी में मौजूद कैफिन गले को बाहर से तो तर कर देता है लेकिन अंदरूनी हिस्सों को ड्राय कर देता है। शोएनवाइलर के मुताबिक कार्बोनेटेड पानी से भी बचना चाहिए। इससे डकार आने की संभावना रहती है जो बोलते समय काम में बाधा डाल सकती है।
उन्होंने बताया कि सिर्फ ज्यादा बोलना ही गले के सूखने की वजह नहीं, उसके और भी कई कारण हो सकते हैं। किसी काम के न होने से बेचैनी या गुस्सा आना इसके अन्य कारण हो सकते हैं। - See more at: http://rajasthanpatrika.patrika.com/article/Humming-is-good-for-throat/50852.html#sthash.i87Z0la6.dpuf