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भारत के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 28 अप्रैल 2010 के नोटिफिकेशन के अनुसार देश में फैले राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तृत जाल को एक सुव्यवस्थित रूप देते हुए लगभग सभी राजमार्गों के नम्बर और रुट बदल दिए हैं। नए सिस्टम के अनुसार उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर जाने वाले राजमार्गों को अब सम (Even) नंबर दिए गए हैं तथा यह नंबरिंग पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ती चली जाएगी। उदाहरण के तौर पर भारत में उत्तर से दक्षिण की तरफ चलने वाले राजमार्गो में से सबसे पूर्व (East) में पहला राजमार्ग डिब्रुगढ़ (असम) से तुइपांग (मिजोरम) तक है, इसे NH-2 नंबर दिया गया है। अर्थात नक़्शे में ऊर्ध्वाधर (Vertical) राजमार्गों को 2, 4, 6 आदि नम्बर दिए गए हैं।
जो राजमार्ग नक़्शे पर क्षैतिज (Horizontal) हैं अर्थात पूर्व से पश्चिम चलते हैं उनके नंबर विषम (Odd) कर
दिए गए हैं। सबसे उत्तर में स्थित उरी से लेह (जम्मू कश्मीर) राजमार्ग को 1 नम्बर दिया गया है। फिर दक्षिण की ओर बढ़ते हुए पूर्व-पश्चिम डायरेक्शन के हाइवेज को 3, 5, 7 आदि नम्बर दिए हैं। नए सिस्टम के लागू होने के उपरांत अब सबसे लम्बा राजमार्ग NH-44 हो गया है जो श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) से जालंधर, अम्बाला, दिल्ली, आगरा, ग्वालियर, नागपुर, हैदराबाद और बैंगलोर होते हुए कन्याकुमारी (तमिलनाडु) पहुँचता है। इसकी कुल लम्बाई 3745 किलोमीटर है। इसके इलावा NH-27 जो पोरबन्दर (गुजरात)
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साभार: विकिपीडिआ
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