साभार: भास्कर समाचार
आर्थिक अपराध कर देश छोड़कर भागने वाले अपराधियों की संपत्ति जब्त की जा सकेगी। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में भगोड़े अार्थिक अपराधी अध्यादेश 2018 को मंजूरी दी गई। विजय माल्या व नीरव मोदी जैसे मामलों के बाद सरकार ने लोकसभा में 12 मार्च को भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 पेश किया था। पर हंगामे के कारण पारित नहीं हो पाया। विधेयक के कानून न बन पाने से ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। इसको ध्यान में रखकर सरकार यह अध्यादेश लाई है ताकि कर्ज धोखाधड़ी के मामलों का फिर सामना न करना पड़े। ऐसे अपराधियों की संपत्ति बेचकर कर्ज देने वाले बैंकों को उनके बकाये का भुगतान किया जा सके। अध्यादेश में ऐसे व्यक्तियों को दोषी ठहराए जाने से पहले संपत्ति जब्त करने की व्यवस्था है। ताकि उन्हें बेचकर बकायदारों को भुगतान किया जा सके।
कौन है भगोड़ा आर्थिक अपराधी:
- जो आर्थिक अपराध कर कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गया है और वापस आने से इनकार कर रहा है।
- जिनके खिलाफ शेड्यूल्ड ऑफेंस के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
- जो 100 करोड़ रुपए से अधिक के बकाया कर्ज के साथ विलफुल लोन डिफॉल्टर्स की लिस्ट में शामिल हैं।