हरियाणा शिक्षा विभाग से एक साल की छूट दिए जाने
की मांग कर रहे प्रदेश के अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालकों को
झटका लगा है। विभाग की ओर से अस्थायी स्कूलों के नाम पर केवल उन नए
स्कूलों को छूट दी गई है, जिनकी मान्यता संबंधी फाइल प्रोसेस में है। यह
आरोप बुधवार को प्राइवेट स्कूल संघ ने एक बयान जारी कर लगाया है। बयान
में कहा गया है कि विभाग के इस कारनामें का खुलासा विभाग की ओर से जारी
पत्र से
हुआ है। प्रदेश के सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों के नाम जारी इस
पत्र में दर्शाए गए स्कूलों में 3200 अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों में
से किसी भी स्कूल नाम शामिल नहीं है। प्राइवेट स्कूल संघ ने इस पर ऐतराज
जताते हुए वीरवार को पंचकूला स्थित शिक्षा सदन पहुंचकर विरोध जताने का
फैसला किया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि मुख्यमंत्री
मनोहर लाल खट्टर ने प्राइवेट स्कूल प्रतिनिधिमंडल को अस्थाई स्कूलों को एक
साल छूट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन विभाग ने अस्थाई स्कूलों की बजाए
मात्र 1206 ऐसे स्कूलों को छूट दी है, जिनकी फाइल इन प्रोेसेस है। इनमें से
भी केवल 525 स्कूल ही सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी हैं। ऐसे में इस छूट का
कोई फायदा नहीं है। इसे लेकर प्राइवेट स्कूल संचालकों में रोष है, इसलिए
प्रदेश भर के प्राइवेट स्कूल संचालक गुरुवार को शिक्षा सदन पर जुटेंगे।
अगर, फिर भी सकारात्मक परिणाम नहीं निकला तो प्राइवेट स्कूल कोई भी बड़ा
कदम उठा सकते हैं।
1206 स्कूलों को दी है मोहलत: प्राइवेट स्कूलों में दाखिल विद्यार्थियों के हितों के मद्देनजर हरियाणा
सरकार ने 1206 प्राइवेट स्कूलों को 31 मार्च, 2016 तक के लिए अस्थाई
मान्यता देने का निर्णय लिया है। सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि
सरकार ने ऐसे प्राइवेट स्कूलों, जिन्होंने जिलास्तरीय समिति की ओर से
स्थायी मान्यता रद्द करने के आदेशों के विरुद्ध अपील दायर की है और यदि
अपील लंबित है, तो ऐसे स्कूलों की मान्यता बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया
है। बहरहाल, ऐसे स्कूलों को अपील दायर करने के बारे में दस्तावेजी प्रमाण
देने होंगे, इसलिए ऐसे रद्द स्कूलों के संबंध में अस्थायी मान्यता के पात्र
स्कूलों की अलग से सूची जारी की जाएगी।
प्रवक्ता
ने बताया कि यह भी निर्णय लिया गया कि किसी भी स्कूल को पहली अप्रैल, 2016
से आरंभ होने वाले आगामी शैक्षणिक सत्र 2016-17 से गैरमान्यता प्राप्त
स्कूल को चलाने की अनुमति नहीं होगी। नियमों के प्रावधानों के विरुद्ध कोई
भी विपरीत कार्य करने पर नियमों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी। संबंधित
उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति को वर्ष 2009 में
संशोधित हरियाणा स्कूल शिक्षा (संशोधित) नियम, 2007 और 21 फरवरी, 2009 को
अधिसूचित और वर्ष 2013-14 में अधिसूचित प्रावधानों के तहत स्थायी मान्यता
के मामलों को अंतिम रूप देने के लिए प्राधिकृत किया गया है। उन्होंने
बताया कि प्राइवेट स्कूलों की सूची में स्थायी मान्यता के मामलों को जिला
स्तरीय समिति द्वारा अंतिम रूप नहीं दिया गया है, फिर भी जिला शिक्षा
अधिकारियों और जिला मौलिक अधिकारियों से ऐसे स्कूलों की वास्तविक संख्या का
पता लगाने के लिए मांग की गई है। यह पाया गया कि 955 प्राइवेट स्कूलों की
स्थायी मान्यता के मामले जिला स्तरीय कमेटियों द्वारा रद्द किये गए हैं।
1206 प्राइवेट स्कूलों की स्थायी मान्यता के मामले अभी तक जिला स्तरीय
कमेटियों के समक्ष लंबित पड़े हैं। इन स्कूलों ने चालू शैक्षणिक स्तर के
दौरान भी विद्यार्थियों का दाखिला किया हुआ है।
- अंबाला-17, भिवानी-32, फरीदाबाद- 56, फतेहाबाद-6, गुड़गांव-100, हिसार-9, झज्जर-74, जींद- 64, करनाल-151, कैथल- 109, कुरुक्षेत्र-35, महेंद्रगढ़-8, मेवात-2, पंचकूला-6, पलवल-135, पानीपत-163, रेवाड़ी-36, रोहतक-130, सिरसा-17, सोनीपत-21, यमुनानगर-33
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साभार: अमर उजाला समाचार
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