हरियाणा सरकार ने मौलिक शिक्षा विभाग में नियमित
आधार पर मुख्य अध्यापकों, प्राथमिक अध्यापकों और क्लासिकल एवं वर्नाकुलर
टीचरों के लिए एक अंतर-जिला स्थानांतरण नीति का प्रारूप तैयार किया है। मौलिक
शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि विभाग में नियमित आधार पर कार्यरत
मुख्य अध्यापक/ प्राथमिक अध्यापक और सीएंडवी अध्यापकों को सामान्य
स्थानांतरण के तहत उनके जिले से बाहर स्थानांतरित नहीं
किया जा सकता और वे
अपनी पूरी सेवा के लिए उन्हें आवंटित किए गए जिलों में ही रहेंगे। हालांकि,
कुछ अध्यापक अपनी विषम परिस्थितियों के कारण कठिनाई का सामना कर रहे हैं,
इसलिए विभाग की ओर से अंतर-जिला स्थानांतरण के लिए यह नीति का प्रारूप
तैयार किया गया है। इस नीति पर अध्यापक संघों और जिला मौलिक शिक्षा
अधिकारियों से 15 दिन के भीतर आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गए हैं।
केवल नियमित टीचरों के लिए ही पाॅलिसी: प्रवक्ता
ने बताया कि यदि नए जिले में संबंधित श्रेणी अर्थात सामान्य/अनुसूचित
जाति/पिछड़ा वर्ग में रिक्त है तो विभाग में केवल नियमित आधार पर कार्यरत
जिला संवर्ग के अध्यापक अर्थात मुख्य अध्यापक/प्राथमिक अध्यापक तथा सीएंडवी
अध्यापक अंतर-जिला स्थानांतरण के लिए पात्र होंगे, बशर्ते कि वे इस नीति
में वर्णित अन्य सभी नियम व शर्तें पूरी करते हों।
पारस्परिक स्थानांतरण, वरिष्ठता बदलेगी: सभी
शिक्षकों को पारस्परिक (म्यूचुअल) स्थानांतरण के लिए प्रफार्मा क और अन्य
श्रेणियों के लिए प्रोफार्मा ख में आवेदन करना होगा। ये प्रोफार्मा विभाग
की वेबसाइट www.harprathmik.gov.in पर उपलब्ध हैं। शिक्षकों को आवेदन जमा
कराने की अंतिम तिथि से पहले अपने आवेदन जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को
प्रेषित करने होंगे, जिन्हें संबंधित आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा
सत्यापित किया जाएगा। पारस्परिक अंतर-जिला
स्थानांतरण के आवेदनों को दोनों आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा सत्यापित
किया जाएगा और दोनों जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों में से किसी एक को भेजा
जाएगा। पारस्परिक अंतर-जिला स्थानांतरण के नियम एवं शर्तों के अनुसार
दोनों शिक्षकों को आवेदन करने की अंतिम तिथि से पूर्व प्रोफार्मा ए में
आवेदन करना होगा। ऐसे शिक्षकों की वरिष्ठता नए जिले में संबंधित कैडर में
सबसे नीचे निर्धारित की जाएगी। दोनों शिक्षकों को अपने आवेदन के साथ यह
शपथपत्र संलग्न करना होगा कि वे अपने पूर्व जिले की वरिष्ठता छोड़ने के लिए
तैयार हैं और नए जिले में सबसे नीचे अपनी नई वरिष्ठता के लिए सहमत हैं।
इसके अतिरिक्त, वे पहले जिले में की गई सेवा के आधार पर अपनी वरिष्ठता का
दावा नहीं करेंगे। पारस्परिक स्थानांतरण नये जिलों में सेवा ग्रहण करने की
तिथि से प्रभावी माना जाएगा। ड्राफ्ट के अनुसार, अंतर-जिला स्थानांतरण के लिए पात्र अध्यापकों के आवेदनों पर निम्न प्राथमिकता के आधार पर विचार होगा:
- एक ही श्रेणी/संवर्ग में पारस्परिक (म्यूचुअल) स्थानांतरण।
- शारीरिक रूप से अक्षम अध्यापकों या ऐसे अध्यापकों, जिनके बच्चे शारीरिक रूप से अक्षम (70 प्रतिशत या इससे अधिक) हैं। इस आशय का चिकित्सा प्रमाण-पत्र पीजीआई रोहतक या पीजीआई चंडीगढ़ या एम्स, दिल्ली चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी किया होना चाहिए।
- विधवा और कानूनन तलाकशुदा महिला अध्यापक, जिन्होंने पुनर्विवाह नहीं किया है। विधवा को अपने पति के मृत्यु प्रमाण-पत्र की स्वसत्यापित प्रति व तलाकशुदा महिला अध्यापक को अपने आवेदन के साथ न्यायालय द्वारा पारित निर्णय/आदेश की सत्यापित प्रति अपने आवेदन के साथ संलग्न करनी होगी।
- जानलेवा बीमारियों अर्थात कैंसर/एड्स या गंभीर क्रोनिक बीमारी से पीड़ित अध्यापकों, जिन्हें विशेष चिकित्सा उपचार और अपने पारिवारिक सदस्यों की निरंतर देखभाल की आवश्यकता है। इन रोगों/बीमारियों के लिए पीजीआई रोहतक या पीजीआई चंडीगढ़ या एम्स दिल्ली द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण-पत्रों पर विचार किया जाएगा। किसी अन्य बीमारी/रोग पर विचार नहीं किया जाएगा। जिन अध्यापकों के बच्चे/पति/पत्नी ऐसी बीमारियों/रोगों से पीड़ित हैं, उन पर भी इस श्रेणी के तहत विचार किया जाएगा। इस श्रेणी के तहत आवेदन पर केवल तभी विचार किया जाएगा। यदि इसके साथ ऊपर वर्णित प्राधिकारियों द्वारा जारी किया गया चिकित्सा प्रमाण-पत्र होगा।
- अविवाहित महिला अध्यापक। इन अध्यापकों को आवेदन भरते समय अपने अविवाहित होने का शपथ-पत्र देना होगा।
- प्रतिरक्षा/अर्द्धसैनिक बलों अर्थात थलसेना, नौसेना, वायुसेना, सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल में सेवारत कर्मचारियों/अधिकारियों की पत्नियां। इन अध्यापकों को उन विभागों/कार्यालयों, जिनमें उनके पति कार्यरत हैं, के प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा, जिसमें उनकी नियुक्ति/तैनाती का विवरण देना होगा।
- ऐसी महिला मुख्याध्यापक/प्राथमिक अध्यापक और सीएंडवी अध्यापक, जिनके पति हरियाणा सरकार के अन्य विभागों के जिला संवर्ग में या हरियाणा के स्कूल शिक्षा विभाग के तहत अन्य जिलों में नियुक्त हैं। इन अध्यापकों को उस विभाग/कार्यालय, जिसमें उनके पति कार्यरत हैं, के प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा, जिसमें उसकी नियुक्ति/तैनाती का विवरण देना होगा।
- ऐसी महिला मुख्याध्यापक/जेबीटी और सीएंडवी अध्यापक, जिनका विवाह इस विभाग में आने के बाद हुआ है, उस जिले में स्थानांतरण करवा सकती हैं जहां उनके पति/ससुरालजन रहते हैं। इन अध्यापकों को अपनी शादी के संबंध में शपथ-पत्र देना होगा और सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी अपने पति/ससुरालजनों के आवास का प्रमाण-पत्र भी संलग्न करना होगा।
- ऐसी सभी महिला मुख्याध्यापक/जेबीटी और सीएंडवी अध्यापक, जिनके पति हरियाणा (राज्य संवर्ग) के किसी अन्य विभाग या हरियाणा सरकार के बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिकाओं में नियमित आधार पर किसी अन्य जिले में कार्यरत हैं। इन अध्यापकों को उस विभाग/कार्यालय, जिसमें उनके पति कार्यरत हैं, के प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा, जिसमें उसकी नियुक्ति/तैनाती का विवरण देना होगा।
प्रोबेशन वालों को नए सिरे से मौका: इस
नीति के तहत प्रोबेशन पर चल रहे जेबीटी/सीएंडवी अध्यापक भी आवेदन के पात्र
होंगे। बहरहाल, उन्हें नए जिले में नए सिरे से अपना प्रोबेशन पूरा करना
होगा। नए जिले में सेवा ग्रहण करने पर सभी अध्यापकों के अंतर जिला
स्थानांतरण को नए जिले में स्थानांतरण आधार पर नियुक्ति माना जाएगा। नीति
के तहत, स्थानांतरण आधार पर एक ही तिथि को दो या दो से अधिक अध्यापकों के
नियुक्त होने पर उनके पूर्व जिले में उनकी नियुक्ति की तिथि के आधार पर
उनकी वरिष्ठता निर्धारित की जाएगी। पूर्व जिले में नियुक्ति की तिथि एक
होने पर भर्ती एजेंसी द्वारा जारी की गई संयुक्त मेरिट लिस्ट के आधार पर
वरिष्ठता निर्धारित की जाएगी। नए जिले में उनसे संबंधित श्रेणी अर्थात
आरक्षित या सामान्य वर्ग में स्वीकृत पद की उपलब्धता पर ही अंतर जिला
स्थानांतरण के आवेदनों पर विचार किया जाएगा। नए जिले में खाली जगह न होने
पर अध्यापक के आवदेन को रद्द कर दिया जाएगा।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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