दुनिया के कई देश कुछ नया करने के बारे में सोचते रहते हैं। परिणाम जो
भी हो, लेकिन पहली नजर में ये प्रोजेक्ट लोगों की भलाई के लिए ही होते
हैं। मौजूदा समय में दुनिया में 5 ऐसे प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं, जिन पर
काम करने से दुनिया की तस्वीर बदल जाएगी। इन प्रोजेक्टों से बिजली, खेती
सहित अन्य कई सेक्टर से जुड़ी दिक्कतें कम हो जाएंगी। मनी भास्कर आपको बता
रहा है ऐसे ही प्रोजेक्टों के बारे में, जिनसे दुनिया के कई देशों की
किस्मत बदल जाएगी।
60,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल मिलेगा खेती के लिए: जर्मनी के आर्किटेक्ट हर्मन स्रेगल ने साल 1920
में अटलांटिक महासागर
में डैम बनाने का प्रस्ताव रखा था। इस डैम से मेडिटेरेनियन (भूमध्यसागर)
समुद्र में आने वाले पानी का फ्लो कम हो जाएगा। इसकी वजह से समुद्र सूखना
शुरू हो जाएगा। जैसे-जैसे समुद्र सूखेगा, इसके पानी का लेवल कम होता जाएगा।
इस तरह एक दिन मेडिटेरेनियन समुद्र की गहराई तकरीबन 200 मीटर कम हो जाएगी।
पानी कम होने के बाद जमीन का जो हिस्सा बचेगा, वह तकरीबन 60,000 वर्ग
किलोमीटर होगा और फिर इस जमीन पर खेती की जा सकती है।
4,300 किमी लंबी पाइप से सिंचाई
उत्तरी अफ्रीका में पानी की भारी किल्लत है। इस क्षेत्र को दुनिया की
दूसरी सबसे लंबी नदी कांगो के जरिए सिंचित किया जा सकता है। साल 1993 में
आर्किटेक्ट हेनरिच हेम्मर ने 4,300 किमी लंबी और एक सेकंड में 10,000
क्यूबिक मीटर पानी ले जाने वाली पाइप लाइन बिछाने का आइडिया दिया था। उनके
अनुसार, यदि इस पाइप को टैप की तरह नदी में लगा दिया गया, तो 3,15,000 वर्ग
किलोमीटर जमीन की सिंचाई हो सकती है।
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19,000 वर्ग किमी गड्ढे को भरा जाए पानी से
उत्तर-पश्चिमी मिस्र में 19,000 किलोमीटर का ऐसा बड़ा क्षेत्र है, जो
समुद्र के स्तर के 130 मीटर नीचे है। साल 1912 में इस गड्ढे नुमा जगह को
मेडिटेरेनियन समुद्र के पानी से भरने का आइडिया दिया गया था। इस पर मिस्र
की सरकार ने साल 1970 तक विचार भी किया। यह आसान काम नहीं था, लेकिन इस
गड्ढे को पानी से भरने के बाद पूरे मिस्र को सालों साल बिजली मिलती रहती।
82 किलोमीटर लंबा ब्रिज बनाने का प्रस्ताव
साल 1890 में एशिया को उत्तरी अमेरिका से जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया
था। इसके लिए रूस और अलास्का के बीच एक प्वाइंट पर 82 किलोमीटर लंबा ब्रिज
बनाने का प्रस्ताव रखा गया। यदि इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ, तो यह
दुनिया का सबसे लंबा ब्रिज होगा। हालांकि, रूस ने साल 2007 में ब्रिज की
बजाय टनल पर काम करने का प्रस्ताव रखा। लेकिन आपसी खींचतान के चलते इस
प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो पाया। फिलहाल चीन में क्विगंदाओ-हाइवान के बीच 26
किमी लंबा ब्रिज है, जो दुनिया का सबसे लंबा ब्रिज है।
समुद्र के बीच खड़ी हो दीवार: मध्य पूर्व से भारत की ओर आते हुए एक प्वाइंट पर इंडियन ओशन (हिंद
महासागर) की चौड़ाई सिर्फ 39 किलोमीटर रह जाती है। साल 2005 में नीदरलैंड
के इंजीनियर रोएल्फ स्कलिंग ने प्रस्ताव दिया कि समुद्र में इतनी कम चौड़ाई
वाले प्वाइंट कम हैं। ऐसे में अगर इस प्वाइंट पर 39 किलोमीटर की दीवार
खड़ी कर दी जाए, तो बड़े पैमाने पर बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
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साभार: भास्कर समाचार
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