Saturday, July 18, 2015

चोरी की उत्तरपुस्तिका लेकर बैठ गया परीक्षा में, शक होने पर पकड़ा गया

करनाल के दयाल सिंह कॉलेज में बीएड के मैथ के पेपर में शुक्रवार को एक परीक्षार्थी पहले से ही तैयार आंसर सीट को लेकर परीक्षा में बैठ गया। सभी उत्तर पैंसिल से लिखे गए थे। परीक्षा शुरू होने के बाद छात्र पहले से लिखे गए प्रश्रों के उत्तर को पैन से लिखकर पूर्व में लिखे गए उत्तरों को मिटा रहा था, ताकि किसी को किसी भी प्रकार का शक न हो। करीब चार बजे इस छात्र पर सेंटर सुपरिटेंडेंट को शक हुआ। छात्र की उत्तर पुस्तिका की जांच हुई तो उसे पकड़ लिया गया। आनन-फानन में छात्र को कक्षा से बाहर बुलाया गया और पूरे मामले की गंभीरता से जांच हुई। जांच में पता चला कि छात्र के पास जो उत्तर पुस्तिका थी, वह दयाल सिंह सेंटर के कोडिंग शेड्यूल की सीरिज से मैच नहीं खाती थी। इस मामले में छात्र पर दबाव दिया गया तो पता चला कि छात्र ने इससे पहले 15 जून को सेक्टर 14 करनाल के गवर्नमेंट कॉलेज में एमए इंग्लिश अंतिम वर्ष की परीक्षा दी थी। इसी दौरान वह वहां से इस उत्तर पुस्तिका को चुरा कर लाया था। इसके बाद छात्र ने सभी प्रश्रों के उत्तर इस उत्तर पुस्तिका पर लिखे और परीक्षा में लेकर बैठ गया। ऐसे में महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि छात्र को प्रश्रों के उत्तर कैसे पते चले? क्या पेपर लीक हो चुका था?
एमए और बीएड एक साथ कैसे: सेंटर सुपरिटेंडेंट दिनेश कुमार व डिप्टी सुपरिटेंडेंट संदीप कुमार के अनुसार छात्र राजकुमार रोल नंबर 918200 वार्ड नंबर 9 इंद्री का रहना वाला है। छात्र से जांच के दौरान पता चला कि उसने यह उत्तर पुस्तिका करनाल के गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर 14 से अपने एमए इंग्लिश अंतिम वर्ष की परीक्षा के दौरान कमरा नंबर ए 27 से चुराई थी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक ही साल में छात्र बीएड और एमए की परीक्षा कैसे दे सकता है। सवाल यह भी उठता है कि कमरा नंबर 27 से चुराई गई उत्तरपुस्तिका की केयू के पास कोई शिकायत अब तक क्यों नहीं हुई। क्या इसमें उस समय ड्यूटी पर तैनात इनविजिलेटर की भी मिलीभगत रही। इन सभी सवालों के जवाब अब जांच के बाद ही पता चलेंगे। सेंटर सुपरिटेंडेंट दिनेश ने बताया कि इस मामले में केयू को लिखकर भेज दिया गया है, कार्रवाई वहीं से होगी।
ऐसे पकड़ में आया छात्र: छात्र ने परीक्षा में बैठते हुए पूरी होशियारी बरती। उत्तर पुस्तिका लेकर परीक्षा में बैठने के बावजूद इनविजिलेटर की पकड़ में नहीं आया। सेंटर में अनुपस्थित छात्रों की गिनती करने पर एक शीट उपस्थित छात्रों से अधिक पाई। यहीं से शक हुआ और जांच के बाद छात्र पकड़ में आ गया। 

साभार: अमर उजाला समाचार 

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