नई शिक्षा नीति बनाने को लेकर काम शुरू हो चुका
है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से इस बाबत दिशा-निर्देश भी हरियाणा
शिक्षा विभाग को भेज दिए गए हैं। इस बार इन जो शिक्षा नीति बनाई जा रही है,
उसके लिए खास एक्सरसाइज की जाएगी। जिसके
तहत न केवल सीनियर शिक्षाविदों व सीनियर अफसरों के सुझाव लिए जाएंगे, बल्कि
मोहल्लों, कालोनियों से लेकर गांव तक लोगों के सुझाव एकत्रित किए जाएंगें।
ताकि
शिक्षा नीति को सुदृढ़ बनाया जा सके। इस बाबत प्रदेश के सभी मंडल स्तर पर शिक्षा अफसरों की एक बैठक हो चुकी
है। जिसमें इस योजना पर विचार-विर्मश कर इसे जल्द ही प्रदेश में लागू
करवाने और इसी के तहत जल्द ही जनता से शिक्षा नीति पर सुझाव एकत्रित करने
पर विचार-विर्मश किया गया।
बरसों
बाद बनेगी नई शिक्षा नीति: केंद्रीय मानव संसाधान मंत्रालय के अंतर्गत सन
1986 में शिक्षा नीति बनाई गई थी। उसके बाद 1992 में इस शिक्षा नीति में
एक विशेष कमेटी की सिफारिशों पर कुछ संशोधन किए। उसके बाद से लेकर अभी तक
उसी शिक्षा नीति पर ही काम किया जाता रहा। लेकिन अब वर्ष 2015 में मंत्रालय
फिर से नए सिरे से शिक्षा नीति बनाने जा रहे हैं। इसके
लिए सभी प्रदशों से केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने सुझाव मांगे हैं।
हरियाणा शिक्षा विभाग ने जनता से सुझाव लेने की तैयारी कर ली है।
इस तरह लिए जाएंगे सुझाव:
- नई शिक्षा नीति को तैयार करने के लिए हर जिले में एक अभियान छेड़ा जाएगा।
- हरियाणा शिक्षा विभाग सूबे में एक दिन नई शिक्षा नीति सुझाव दिवस मनाएगा।
- इसके लिए हर जिले के जिला शिक्षा अधिकारियों को ड्रिस्टिक्ट नोडल अफसर व खंड शिक्षा अधिकारियों को ब्लाक नोडल अफसर बनाया जाएगा।
- गांवों, मोहल्लों व कालोनियों में जाकर शिविर लगाए जाएंगे।
- इन शिविरों में इलाके के अभिभावकों, पार्षदों, समाज सेवियों, रिटायर्ड टीचरों व मौजूदा टीचरों को इकट्ठा कर उनके नई शिक्षा नीति पर सुझाव लिए जाएंगे।
- गांवों में खासकर इन शिविरों को ग्राम पंचायतों के माध्यम से लगाया जाएगा, जिसमें ग्राम पंचायत के सदस्यों के सुझाव इकट्ठे किए जाएंगे।
- नई शिक्षा नीति में सुझाव संबंधी 33 थीमस दिए गए हैं, इनमें से 13 थीम्स स्कूल एजुकेशन और 20 थीमस हायर एजुकेशन संबंधित है। ये सुझाव इन्ही थीमस पर केंद्रित होंगे।
- अगस्त तक सभी जिलों से नई शिक्षा नीति पर सुझाव लेने के बाद इसे केंद्रीय मानव संसाधन कार्यालय भेजा जाएगा।
- इन सुझावों को केवल जिलों के शिक्षा अधिकारियों तक सीमित न रखने के निर्देश।
- सुझाव मोहल्लों, कालोनियों से लेकर गांवों में रहने वाले लोगों से एकत्रित किए जाएंगे।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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