पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को
हरियाणा स्कूल रुल्स 134-ए लागू करने का आदेश दिया है। हालांकि सरकार ने
कहा है कि इस एक्ट के तहत दाखिला देने से सरकार को रिइम्बर्समेंट के लिए
सैंकड़ों करोड़ रुपये देने पड़ेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
दी जा चुकी है। उधर, सरकार की इस दलील के
बाद याचिकाकर्ताओं के वकील रमेश हुड्डा ने आग्रह किया कि दाखिलों पर यदि
सरकार कोई फैसला नहीं ले रही तो
हाईकोर्ट स्वयं आदेश दे। हाईकोर्ट ने कहा
है कि राज्य में हरियाणा स्कूल रूल्स एक्ट 134-ए लागू किया जाए। निर्देश
दिया है कि आठवीं तक के गरीब होनहार छात्रों को दाखिला दिया जाए। यह भी कहा
है कि यदि किसी छात्र को दाखिला देने में आनाकानी होती है तो वह इसकी
शिकायत ब्लाक एलिमेंटरी एजुकेशन अफसर के पास कर सकता है। हाईकोर्ट ने सरकार
को आदेश सुनिश्चित बनाने का सख्त निर्देश दिया गया है। हाईकोर्ट
ने हरियाणा स्कूल रूल्स के तहत दाखिल देने का निर्देश दे दिया था। इसके
बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता ने नौवीं से बारहवीं तक दाखिला करने
का आदेश दिया था, लेकिन आठवीं तक के दाखिले पर डायरेक्टर एलिमेंटरी एजुकेशन
को फैसला लेने को कहा गया था। इसी कारण हाईकोर्ट में आदेश की अवमानना करने
की याचिका दायर की गई थी। कहा था कि जब हाईकोर्ट ने दाखिले का निर्देश दे
दिया है तो इस पर डायरेक्टर एलिमेंटरी एजुकेशन को फैसला लेने की जरूरत नहीं
है। पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि 15 जुलाई तक हरियाणा
स्कूल रूल्स के तहत दाखिले पर फैसला लिया जाए। मामले
की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को सरकारी वकील ने कहा कि अभी दाखिले के लिए
समय बाकी है और सितंबर तक दाखिला हो सकता है। यह दलील भी दी गई कि आठवीं तक
दाखिला देने पर हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार स्कूलों को फीस की
रिइम्बर्समेंट देनी पड़ेगी और इस पर सैंकड़ों करोड़ रुपए वहन करने पड़ेंगे।
इसी कारण हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है, जिसकी
सुनवाई 20 जुलाई को होगी। लिहाजा अभी फैसला लेने की जरूरत नहीं है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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