Monday, August 4, 2014

डायबिटीज नहीं है लाइलाज, इलाज अपना कर तो देखिए

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डायबिटीज के रोगियों की संख्या पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। भारत में 4.5 करोड़ लोग डायबिटीज के शिकार हैं। डायबिटीज होने का मुख्य कारण असंयमित खानपान, मानसिक तनाव, मोटापा, व्यायाम की कमी या अनुवांशिक हैं। डायबिटीज चयापचय से संबंधित बीमारी है। इसमें कार्बोहाइड्रेट और ग्लूकोज का ऑक्सीकरण पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है। डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को इस पर नियंत्रण रखने और निदान के लिए रोजाना कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। जैसे खान-पान और डाइट प्लान तैयार करें। साथ ही, हमेशा शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। समय-समय पर अपने ब्लड शुगर की जांच करते रहें और इसका रिकार्ड बनाकर रखें। यह एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जिस पर नियंत्रण शरीर को चुस्त दुरुस्त और सक्रिय बनाकर ही रखा जा सकता है। आदिवासियों की मानें तो कुछ देसी रामबाण नुस्खे ऐसे भी हैं जो डायबिटीज को हमेशा कंट्रोल में रखते हैं। चलिए आज जानते हैं ऐसे ही कुछ नुस्खों के बारे में:
  • गुजरात प्रांत के डांग जिले के आदिवासी बेल और सीताफल पत्तों के चूर्ण को समान मात्रा में मिलाकर एक चम्मच मात्रा में डायबिटीज के रोगियों के देते हैं। वे मानते हैं कि ये नुस्खा डायबिटीज में रामबाण का काम करता है।
  • आदिवासी कटहल की पत्तियों के रस का सेवन करने की सलाह मधुमेह (डायबिटीज ) के रोगियों को देते हैं।
  • आदिवासियों के अनुसार, नीम के गुलाबी कोमल पत्तों को चबाकर रस चूसने से डायबिटीज में आराम मिलता है।
  • छुईमुई की 100  ग्राम पत्तियों को 300  मिली पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। यह काढ़ा पीने से डायबिटीज में बहुत राहत मिलती है।
  • गिलोय चूर्ण की 15 ग्राम मात्रा को घी में मिलाकर सेवन करें। ये नुस्खा डायबिटीज के नियंत्रण में बहुत कारगर है।
  • डायबिटीज रोगी के लिए दिनचर्या संतुलित होना आवश्यक है। सुबह जल्दी उठकर व्यायाम, योग के अलावा पैदल चलना, साइकिल चलाना और तैराकी जैसे काम फायदेमंद होते हैं। दिन भर खुद को व्यस्त रखना ही मधुमेह से निपटने का मुख्य मंत्र है। इनके अलावा कुछ देसी नुस्खे हैं, जिन्हें आजमाकर इस रोग पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।
  • भिंडी का पाउडर (5 ग्राम), इलायची (5 ग्राम), दालचीनी की छाल का पाउडर (3 ग्राम) और काली मिर्च ( 5 दाने) कूट कर मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण के तीन हिस्से करके रोजाना दिन में तीन बार गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करें।
  • आदिवासियों के अनुसार, दो ग्राम दालचीनी चूर्ण और एक लौंग उबले पानी में डालकर ढककर रख दें। 15 मिनट बाद इस पानी को पिएं। रोजाना दो बार सुबह-शाम ऐसा करने से काफी तेजी से डायबिटीज पर नियंत्रण किया जा सकता है। आदिवासियों के अनुसार, जिन्हें अक्सर हाथ-पैर में सूजन की शिकायत रहती हो और अनियंत्रित शर्करा रहती हो, उन्हें ये नुस्खा जरूर आजमाना चाहिए।
  • डांग (गुजरात) के आदिवासियों के अनुसार, 50 ग्राम गिलोय का ताजा रस प्रतिदिन दिन दो बार लें। यह डायबिटीज में फायदेमंद होता है।
  • कच्ची फराशबीन की फलियों को खाने से शुगर काफी हद तक नियंत्रित हो सकती है। फराशबीन को कम तेल में आधा कच्चा रह जाए तब तक पकाएं। इन्हें चबाने से डायबिटीज कंट्रोल में रहती है। आधुनिक विज्ञान फराशबीन फलियों के रस से इंसुलिन नामक हार्मोन के स्राव होने का दावा करता है। इसलिए इसे मधुमेह (डयबिटीज) में उपयोगी माना जाता है।
  • पातालकोट के हर्बल जानकार फराशबीन और पत्ता गोभी के रस को मिलाकर सेवन करते हैं। आदिवासियों का मानना है कि डायबिटीज को रोकने या हो जाने पर ठीक करने के लिए यह एक उत्तम उपाय है। 


साभार: भास्कर समाचार
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 डॉ. दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)