हरियाणा में चल रही शिक्षकों की रेशनलाइजेशन के विरोध में जहाँ एक तरफ पूरा अध्यापक वर्ग शिक्षा विभाग का विरोध कर रहा है वहीं विभाग ने पूरी तरह से कमर कस ली है कि शिक्षक कितना ही विरोध करें, लेकिन शिक्षा के उत्थान के लिए नई शिक्षा प्रणाली के रूप में
आरटीई (राइट टू एजुकेशन)व त्रिस्तरीय प्रणाली को लागू किया जाएगा। योजना के
अमल में आने के लिए विभागीय स्तर पर कार्यवाही भी शुरू हो गई है। जिसके
पहले चरण में राजकीय स्कूलों में अध्यापकों व बच्चों की अनुपात का
मूल्यांकन (रेशनेलाइजेशन व काम का समायोजन) किया जा रहा है। यह प्रणाली वैसे तो तीनों ही वर्गों में अपना असर दिखाएगी, लेकिन प्राइमरी
वर्ग पर इसका सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। योजना के लागू होने की
स्थिति में विभाग की ओर से प्राथमिक स्कूलों में 40 बच्चों पर एक अध्यापक
तथा
100 बच्चों तक दो अध्यापकों की नियुक्ति होगी। जबकि मिडल स्कूलों में
एसएस अध्यापक द्वारा ही अंग्रेजी विषय, हिंदी अध्यापक द्वारा ही संस्कृत विषय एवं विज्ञान अध्यापक द्वारा ही गणित
विषय पढ़ाया जाएगा। इस से अधिकतर स्कूलों में तीन अध्यापक सरप्लस होना लगभग तय सा लग रहा है। थ्री टियर