Friday, October 12, 2012

शिक्षा विभाग हर हाल में थ्री टियर सिस्टम लागू करने को तैयार

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हरियाणा में चल रही शिक्षकों की रेशनलाइजेशन के विरोध में जहाँ एक तरफ पूरा अध्यापक वर्ग शिक्षा विभाग का विरोध कर रहा है वहीं विभाग ने पूरी तरह से कमर कस ली है कि शिक्षक कितना ही विरोध करें, लेकिन शिक्षा के उत्थान के लिए नई शिक्षा प्रणाली के रूप में आरटीई (राइट टू एजुकेशन)व त्रिस्तरीय प्रणाली को लागू किया जाएगा। योजना के अमल में आने के लिए विभागीय स्तर पर कार्यवाही भी शुरू हो गई है। जिसके पहले चरण में राजकीय स्कूलों में अध्यापकों व बच्चों की अनुपात का मूल्यांकन (रेशनेलाइजेशन व काम का समायोजन) किया जा रहा है। यह प्रणाली वैसे तो तीनों ही वर्गों में अपना असर दिखाएगी, लेकिन प्राइमरी वर्ग पर इसका सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। योजना के लागू होने की स्थिति में विभाग की ओर से प्राथमिक स्कूलों में 40 बच्चों पर एक अध्यापक तथा
100 बच्चों तक दो अध्यापकों की नियुक्ति होगी। जबकि मिडल स्कूलों में एसएस अध्यापक द्वारा ही अंग्रेजी विषय, हिंदी अध्यापक द्वारा ही संस्कृत विषय एवं विज्ञान अध्यापक द्वारा ही गणित विषय पढ़ाया जाएगा। इस से अधिकतर स्कूलों में तीन अध्यापक सरप्लस होना लगभग तय सा लग रहा है। थ्री टियर
योजना के तहत सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में नौंवी व दसवीं के बच्चों को भी लेक्चरर पढ़ाएंगे। जिससे इस अनुपात में ठहरने वाले शिक्षकों को सरप्लस माना जाएगा फिर चाहे वे गेस्ट शिक्षक हों या फिर सालों से विभाग में अपनी सेवा दे रहे स्थाई शिक्षक। प्राध्यापकों को भी अब पहले से अधिक पीरियड पढ़ाने होंगे। फिलहाल इस संदर्भ में विभाग की ओर से सभी प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के मुखियाओं से उनके विद्यालयों में स्वीकृत पोस्ट, उन पर नियुक्त अध्यापक व क्लास स्तर पर बच्चों की संख्या का विवरण मांगा गया है। इसके साथ ही स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों के बारे में भी पूछा गया है। अधिकारियों की मानें ये जानकारी मिलने के बाद विभाग की ओर से यह तय किया जाएगा कि त्रि स्तरीय प्रणाली के तहत लेक्चरर की किसी स्कूल में नियुक्ति हो और जो अध्यापक सरप्लस होंगे उन्हें कहां और कैसे एडजेस्ट किया जाए। विभागीय सूत्रों के अनुसार अभी तक विभाग की ओर से प्राथमिक स्कूलों में 30 बच्चों तक एक, 60 तक दो, 61 से 90 तक तीन, 91 से 120 तक चार, 121 से 200 तक पांच अध्यापकों की नियुक्ति का प्रावधान है। जबकि मिडल स्कूलों में बच्चों की संख्या के अनुसार अध्यापकों के पीरियड तय किए गए हैं। उधर शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल का कहना है कि यह नीति अभी प्रस्तावित है, इसे लागू नहीं किया जा रहा है। 
साभार: दैनिक भास्कर समाचार 
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