Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
वर्तमान शिक्षा नीति में परिवर्तन करने के लिए आयोग के गठन की प्रक्रिया का काम
लगभग पूरा कर लिया गया है। अब केवल प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ)
से इस विषय मैं तैयार प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी मिलने का इन्तजार है। पूर्व में इसी सप्ताह मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल इस विषय में आधिकारिक घोषणा करने वाले थे। लेकिन केबिनेट में
चल रही बदलाव की प्रक्रिया और सप्ताह के बीच में आए विजयदशमी और ईद जैसे
त्योहारों की वजह से फाइल को पीएमओ से हरी झंडी मिलने में देरी हो गई। अब मंजूरी मिलने के बाद कपिल सिब्बल अगले सप्ताह नई राष्ट्रीय
शिक्षा नीति के लिए आयोग गठन की घोषणा करेंगे। गौरतलब है कि पूरे छब्बीस साल बाद शिक्षा नीति में इस
प्रकार के बदलाव किए जा रहे
हैं। इससे पहले 1992 में थोड़े बहुत बदलाव किए गए थे। पहली नीति इंदिरा गांधी के
काल में वर्ष 1968 और दूसरी वर्ष 1986 में राजीव गांधी के कार्यकाल में
बनाई गई। इस विषय में मानव संसाधन मंत्रालय का तारेक है कि दो दशकों से भी
अधिक समय से शिक्षा नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है जबकि इस दौरान
शिक्षा क्षेत्र में काफी विस्तार और बदलाव हुए हैं। शिक्षा का अधिकार
कानून (RTE) बनने से स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है। उधर दूसरी
शिक्षा नीति के सभी लक्ष्यों को क्रियान्वित किया जा चुका है। सरकार आने
वाले समय में वैश्विक परिदृश्य में आ रहे बदलावों के साथ देश में प्रोफेशनल शिक्षा को बढ़ावा देने की इच्छा रखती है। इसके लिए नई नीति में समुचित बदलाव
करने की आवशकता है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
ने वर्ष 2011 के अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान भी नई
शिक्षा नीति जल्द ही बनाने के लिए आयोग गठन की बात कही थी। यह आयोग शिक्षा के
प्रत्येक स्तर पर जरूरी बदलावों के लिए सिफारिश करेगा और अंत में सरकार उसे
हरी झंडी देकर मंजूरी प्रदान करेगी। इस आयोग की अध्यक्षता शिक्षा के
क्षेत्र के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद करेंगे। उन्हें उच्च, माध्यमिक, प्राइमरी,
मेडिकल समेत वोकेशनल शिक्षा क्षेत्रों के विशेषज्ञ सहयोग प्रदान करेंगे।
राष्ट्रीय ज्ञान आयोग, प्रो.यशपाल समिति और वलियाथन जैसी शिक्षा सुधार पर
गठित समितियों की रिपोर्टों से भी सुझाव लिए जाएंगे।
साभार: हरिभूमि समाचार
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
For getting Job-alerts
and Education News directly into your SMS-Inbox, kindly sms JOIN NARESHJANGRA
to 567678 or 9219592195 (Life time Free SMS-Channel). You can also join our
Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
वर्तमान शिक्षा नीति में परिवर्तन करने के लिए आयोग के गठन की प्रक्रिया का काम
लगभग पूरा कर लिया गया है। अब केवल प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ)
से इस विषय मैं तैयार प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी मिलने का इन्तजार है। पूर्व में इसी सप्ताह मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल इस विषय में आधिकारिक घोषणा करने वाले थे। लेकिन केबिनेट में
चल रही बदलाव की प्रक्रिया और सप्ताह के बीच में आए विजयदशमी और ईद जैसे
त्योहारों की वजह से फाइल को पीएमओ से हरी झंडी मिलने में देरी हो गई। अब मंजूरी मिलने के बाद कपिल सिब्बल अगले सप्ताह नई राष्ट्रीय
शिक्षा नीति के लिए आयोग गठन की घोषणा करेंगे। गौरतलब है कि पूरे छब्बीस साल बाद शिक्षा नीति में इसप्रकार के बदलाव किए जा रहे हैं। इससे पहले 1992 में थोड़े बहुत बदलाव किए गए थे। पहली नीति इंदिरा गांधी के काल में वर्ष 1968 और दूसरी वर्ष 1986 में राजीव गांधी के कार्यकाल में बनाई गई। इस विषय में मानव संसाधन मंत्रालय का तारेक है कि दो दशकों से भी अधिक समय से शिक्षा नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है जबकि इस दौरान शिक्षा क्षेत्र में काफी विस्तार और बदलाव हुए हैं। शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) बनने से स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है। उधर दूसरी शिक्षा नीति के सभी लक्ष्यों को क्रियान्वित किया जा चुका है। सरकार आने वाले समय में वैश्विक परिदृश्य में आ रहे बदलावों के साथ देश में प्रोफेशनल शिक्षा को बढ़ावा देने की इच्छा रखती है। इसके लिए नई नीति में समुचित बदलाव करने की आवशकता है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 2011 के अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान भी नई शिक्षा नीति जल्द ही बनाने के लिए आयोग गठन की बात कही थी। यह आयोग शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर जरूरी बदलावों के लिए सिफारिश करेगा और अंत में सरकार उसे हरी झंडी देकर मंजूरी प्रदान करेगी। इस आयोग की अध्यक्षता शिक्षा के क्षेत्र के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद करेंगे। उन्हें उच्च, माध्यमिक, प्राइमरी, मेडिकल समेत वोकेशनल शिक्षा क्षेत्रों के विशेषज्ञ सहयोग प्रदान करेंगे। राष्ट्रीय ज्ञान आयोग, प्रो.यशपाल समिति और वलियाथन जैसी शिक्षा सुधार पर गठित समितियों की रिपोर्टों से भी सुझाव लिए जाएंगे।
साभार: हरिभूमि समाचार
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
For getting Job-alerts
and Education News directly into your SMS-Inbox, kindly sms JOIN NARESHJANGRA
to 567678 or 9219592195 (Life time Free SMS-Channel). You can also join our
Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE