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इंजीनियर
बनने के लिए स्टूडेंट्स को अब बोर्ड एग्जाम में भी अच्छी परफॉरमेंस दिखानी
होगी। सीबीएसई ने देश के मुख्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) के साथ साथ बारहवीं कक्षा के अंकों को भी शामिल
करने का निर्णय लिया है। इन दोनों परीक्षाओं के आधार पर ही आल इंडिया रैंक
निर्धारित की जाएगी। वहीं AIEEE और IIT की परीक्षा को भी अलग अलग
कर दिया गया है। इससे विद्यार्थी को मनपंसद कॉलेज में एडमिशन के लिए पहले
से ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। सीबीएसई ने इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा को इस बार दो वर्गों
में विभाजित किया है। इसमें एक परीक्षा को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE Main) और दूसरी को JEE Advanced परीक्षा का नाम दिया है। इसके साथ ही दोनों परीक्षाओं के लिए नियम कड़े तय किए हैं।
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आईआईटी के लिए नए नियम: आईआईटी (जेईई एडवांस) में प्रवेश के लिए
कड़े नियम बनाए हैं। अब से पहले बारहवीं
में 60 फीसदी अंक वाले विद्यार्थी IIT परीक्षा में बैठने के योग्य माने
जाते थे। नए सत्र से केवल वही विद्यार्थी इस परीक्षा में बैठ सकेगा, जो जेईई
मेन के टॉप डेढ़ लाख स्टूडेंट्स में शामिल है। राज्य शिक्षा बोर्ड में टॉप
20 प्रतिशत विद्यार्थी भी इसमें बैठ सकेंगे। इसके बाद परीक्षा में लिए गए
अंकों के आधार पर रैंक निर्धारित किया जाएगा। सीबीएसई ने हिंदी और इंग्लिश
के साथ स्थानीय भाषा में परीक्षा लेने की छूट दी हैं।
कैसे तय होगी रैंकिंग: जेईई मेन परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए किसी भी बोर्ड से बारहवीं में पास
होना जरूरी है। यह नियम भी लागू कर दिया है कि जेईई मेन में प्राप्त अंकों
में से केवल 60% अंकों को ही मैरिट सूची में शामिल किया जाएगा। बाकी
40% अंक बोर्ड परीक्षा में लिए गए अंकों के आधार पर दिए जाएंगे। इन
दोनों अंकों को मिलाकर आल इंडिया रैंक निर्धारित की जाएगी।
दो परीक्षाएं होंगी: अब से पहले AIEEE और IIT की परीक्षा एक दिन में ही हो जाती थी। नए सत्र में इन दोनों परीक्षाओं को अलग अलग कर दिया है। जो स्टूडेंट्स जेईई मेन में अच्छा रैंक प्राप्त नहीं कर पाएगा, उसके लिए दूसरी परीक्षा (जेईई एडवांस) में बैठने के अवसर समाप्त हो जाएंगे। स्टूडेंट्स पर दबाव बना रहेगा। इसके इलावा बोर्ड के इस निर्णय से विद्यार्थियों पर इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी के साथ बोर्ड मैरिट पर भी ध्यान देना पड़ेगा। जिससे परफॉरमेंस प्रभावित हो सकती है।
दो परीक्षाएं होंगी: अब से पहले AIEEE और IIT की परीक्षा एक दिन में ही हो जाती थी। नए सत्र में इन दोनों परीक्षाओं को अलग अलग कर दिया है। जो स्टूडेंट्स जेईई मेन में अच्छा रैंक प्राप्त नहीं कर पाएगा, उसके लिए दूसरी परीक्षा (जेईई एडवांस) में बैठने के अवसर समाप्त हो जाएंगे। स्टूडेंट्स पर दबाव बना रहेगा। इसके इलावा बोर्ड के इस निर्णय से विद्यार्थियों पर इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी के साथ बोर्ड मैरिट पर भी ध्यान देना पड़ेगा। जिससे परफॉरमेंस प्रभावित हो सकती है।
साभार: दैनिक भास्कर समाचार
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