Monday, August 4, 2014

भारत और नेपाल में काफी कुछ एक जैसा (मोदी की नेपाल यात्रा पर विशेष)

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भारत का कोई प्रधानमंत्री 17 साल बाद नेपाल के दौरे पर है। इन दो दिनों की यात्रा में मोदी का मकसद है नेपाल के साथ भारत के रिश्ते को और बेहतर बनाना। सिर्फ यही नहीं, मोदी ने संसद में नेपाल को करीब 10 हजार करोड़ नेपाली रुपए का रियायती कर्ज़ देने की भी घोषणा की है। मोदी ने काठमांडू में करीब एक घंटे तक पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। मोदी की यह नेपाल यात्रा राजनैतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। मोदी की यह यात्रा ऐतिहासिक है। मोदी के नेपाल एयरपोर्ट पर पहुंचने पर उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। इस भव्य स्वागत में नेपाली पीएम सुशील कोइराला के अलावा नेपाल के उप प्रधानमंत्री बाम देव गौतम और प्रकाश मान सिंह भी मौजूद थे। इस यात्रा में मोदी ने 'जीत बहादुर' को भी उसके माता-पिता से मिलवाया। आपको बता दें कि नेपाल में प्रवासी भारतीयों की संख्या भी पर्याप्त है। गौरतलब है कि नेपाल की संस्कृति भी भारत से मिलती-जुलती है। 
नेपाल और भारत में समानताएं: 
  1. नेपाल की वेषभूषा, भाषा और व्यंजन एक जैसे हैं।
  2. नेपाल का सामान्य खाना चने की दाल, भात, तरकारी और अचार है। वहीं, भारत में भी लोग दाल-भात और अचार शौक से खाते हैं।
  3. जहां भारत में लोग हेल्दी ब्रेकफास्ट में चिवड़ा और चाय खूब लेते हैं, वहीं नेपाल में भी चिवड़ा और चाय का चलन है।
  4. मांस-मछली और अंडा भी नेपाली और भारतीय जनता खूब पसंद करती है।
  5. नेपाल एक छोटा स्वतंत्र राष्ट्र है, लेकिन जाति के आधार पर नेपाल में भी भारत के समान विभिन्न जातियां हैं।
  6. भारत की तरह, नेपाल में भी प्राकृतिक चिकित्सा यानी आयुर्वेद मशहूर है।
  7. भारत के उत्तर में बसा नेपाल एक खूबसूरत पहाड़ी देश है। देवताओं का घर कहा जाने वाला नेपाल विविधाताओं से पूर्ण है। यहां कई तीर्थस्थान हैं। वहीं, भारत में भी तीर्थस्थानों की कोई कमी नहीं है। यहां लोग चार धाम की यात्रा करने दूर-दूर से आते हैं।
  8. जैसे भारत में विदेशी अपनापन महसूस करते हैं, ठीक उसी तरह नेपाल में भी विदेशी आसानी से वहां के लोगों के साथ घुल-मिल जाते हैं। यानी दोनों फ्रेंडली देश हैं। दिलचस्प बात है कि मोदी ने नेपाल की संसद में नेपाली भाषा में अपनी स्पीच शुरू की, जिसे सुनकर सभी गदगद रह गए।
  9. दोनों देश आर्थिक तौर पर आगे बढ़ रहे हैं। मोदी ने नेपाल में कहा कि दोनों देश एक-दूसरे का अंधेरा दूर कर सकते हैं। नेपाल अगर भारत को बिजली देगा, तो वो खुद भी समृद्ध बनेगा। 1996 में संशोधित व्यापार संधि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों का केंद्र बिंदु साबित हुई है। 1996 के बाद से भारत में नेपाल के निर्यात में ग्यारह गुना वृद्धि हुई है और द्विपक्षीय व्यापार सात गुना से अधिक बढ़ा है। भारतीय फर्में नेपाल में सबसे बड़ी निवेशक हैं। प्रधानमंत्री की इस यात्रा से नेपाल को भी काफी उम्मीदें हैं।
  10. नेपाल की जनता को भी क्रिकेट बहुत पसंद है। यह बात भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी मानी, जब वो दो दिनों के लिए नेपाल गए थे। धोनी ने कहा कि क्रिकेट नेपाल में उभरता हुआ खेल है और वो भविष्य में नेपाल के युवाओं को एक लोकप्रिय टीम के रूप में प्रदर्शन करते हुए देखना चाहते हैं। 
पशुपतिनाथ मंदिर: यह मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू में बागमती नदी के किनारे पर स्थित है। यह एक हिंदू मंदिर है और नेपाल में शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। यह मंदिर यूनेस्को की विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में भी है। नेपाल के एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनने से पहले यह मंदिर भगवान पशुपतिनाथ का मुख्य निवास माना जाता था।   
नेपाल की संस्कृति व धर्म: ठीक भारतीयों की तरह नेपालियों में ट्रेडिशन और कल्चर के बहुत मायने हैं। नेपाल में भी लोग धर्म में पूरी आस्था रखते हैं। यहां की कला और वास्तुशिल्प भी इनके धर्म से प्रेरित है। यहां की कला मंदिरों, तीर्थ स्थलों और धर्म से जुड़ी कई चीज़ों में देखी जा सकती है। यहां आर्ट और रिलिजन आपस में जुड़े हुए हैं। यहां के कल्चर में म्यूज़िक, आर्किटेक्चर, रिलिजन और साहित्य की मौजूदगी है।
नेपाल में बौद्धधर्म: बौद्धधर्म पूरी दुनिया में चौथा सबसे बड़ा धर्म माना जाता है। इसकी जड़ें नेपाल से ही हैं, क्योंकि सिद्धार्थ गौतम का जन्म इसी देश में हुआ था। 
नेपाल का खाना: नेपालियों को स्पाइसी, हॉट और पौष्टिक व्यंजन बहुत पसंद हैं। यहां की कुकिंग स्टाइल इंडियन और तिब्बती कुकिंग स्टाइल से प्रेरित है। 
नेपाल का म्यूज़िक: यहां का ट्रेडिशनल फोक और क्लासिकल म्यूज़िक आपको बहुत सुकून पहुंचाएगा। यहां शादी, त्योहार और हर नेशनल इवेंट पर म्यूज़िक प्ले किया जाना ज़रूरी माना जाता है। 
नेपाल कैसे जाएं: त्रिभुवन हवाई अड्डा नेपाल का एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा है। यहां के लिए दिल्ली और बैंकाक के रास्ते आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां मई-सितंबर के बीच जाना बेहतर रहता है।
साभार: भास्कर समाचार
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