Tuesday, August 5, 2014

केले के बीस आयुर्वेदिक गुण

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डॉ. दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)
केले के बारे में आप जितना जानते हैं, वो नाकाफी है, क्योंकि करीब 10000 सालों से केला मनुष्य के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। दुनिया के अनेक देशों में केले की खेती की जाती है। इसका सेवन अधिकांश लोग केले को मात्र एक ताकत देने वाला फल मानकर सेवन करते हैं। दरअसल इसका कारण ये है कि बहुत ही कम लोग हैं, जो इसके अन्य औषधीय गुणों से भी परिचित हैं। आईए
आज जानते हैं, केले के ऐसे ही कुछ खास गुणों के बारे में:
  • केले में कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त मात्रा में होता है। यह खून में वृद्धि करके शरीर की ताकत को बढ़ाता है।
  • इसमें मैग्निशियम की काफी मात्रा होती है। इसलिए यह कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए लाभदायक है। यह शरीर की धमनियों में खून को जमने नहीं देता है।
  • केला बच्चों के लिए बहुत अच्छा और पौष्टिक होता है। दस्त की समस्या से बच्चों मैश करके केला देने से उन्हें कमजोरी नहीं आती है।
  • कच्चे केले को दूध में मिलाकर लगाने से त्वचा निखर जाती है और चेहरे पर भी चमक आ जाती है।
  • आंतों का अल्सर या पेट से जुड़े अन्य रोगों में केला खाना चाहिए।
  • केले का सेवन यदि दूध के साथ किया जाय तो तो कुछ ही दिनों में स्वास्थ्य पर इसका अच्छा प्रभाव देखा जा सकता है।
  • रोज सुबह एक केला और एक गिलास दूध पीने से वजन कंट्रोल में रहता है। साथ ही बार- बार भूख भी नहीं लगती।
  • कब्ज के मरीजों के लिए भी यह अच्छा रहता है।
  • गर्भावस्था में महिलाओं के लिए केला बहुत अच्छा होता है, क्योंकि यह विटामिन से भरपूर है।
  • जी मिचला रहा हो तो पका केला कटोरी में फेंट कर एक चम्मच मिश्री या चीनी और एक छोटी इलायची पीस कर मिला कर खाएं। राहत मिलेगी।
  • केले के तने के सफेद भाग के रस का नियमित सेवन करने से डायबिटीज की बीमारी को धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
  • खाना खाने के बाद केला खाने से भोजन आसानी से पच जाता है
  • कच्चे केले में स्टार्च पाया जाता है, जो पाचन क्रिया की गति धीमी कर देता है। इसलिए दस्त होने की स्थिति पर हरे केले का सेवन दस्त रोकने में मदद करता है।
  • कई रसायनिक और कृत्रिम दवाओं के सेवन के बाद अक्सर मुंह में छाले आने की शिकायत होती है। कच्चे केले को सुखाकर चूर्ण तैयार कर लें। इस चूर्ण की थोड़ी सी मात्रा छालों पर लगाएं। छालों में बहुत जल्दी आराम मिलेगा। आधुनिक शोधों से पता चलता है कि कच्चे केले में एक महत्वपूर्ण फ़्लेवोनोईड रसायन ल्युकोसायनिडिन पाया जाता है, जो छालों के ठीक करने में सक्षम होता है।
  • प्रोस्टेट के रोगियों को कच्चे केले के छिलकों का चूर्ण तैयार कर रोजाना कम से कम 2 ग्राम लेना चाहिए। माना जाता है कि केले के छिलकों का चूर्ण प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि रोकने में मदद करता है।
  • केले के पौधे के बीच का सफेद हिस्सा किडनी स्टोन (पथरी) बनने से रोकता है। आधुनिक शोधों से पता चलता है कि पौधे का यह हिस्सा ओक्सेलेट को बनने से रोकने में सक्षम होता है।
  • केले का ज्यादा सेवन करने वाले लोग अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रभाव से कम ग्रसित होते हैं।
  • केले की जड़ों में भी रक्त शर्करा कम करने के जबरदस्त गुण हैं, बाजार में उपलब्ध ग्लायबेन्क्लामाईड जैसी दवाओं के साथ तुलनात्मक अध्ययन में केले की जड़ों के उपयोग से बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं। इसलिए कच्चा केला भी डायबिटीज नियंत्रण में कारगर है।
  • पका हुआ केला, जो लगभग गल चुका हो, घाव पर लगाया जाए तो घाव जल्द सूख जाता है। 
साभार: भास्कर समाचार
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