पिछले एक माह से महेंद्रगढ़ में महापड़ाव पर बैठे
गेस्ट टीचर्स शनिवार को दिल्ली कूच कर गए। इसकी सूचना मिलते ही दिल्ली और
हरियाणा पुलिस ने टीचर्स को नजफगढ़ बार्डर पर रोक लिया। इसके बावजूद बड़ी
संख्या में अतिथि अध्यापक अलग-अलग समूह में अन्य रास्तों से दिल्ली रवाना
हुए। गेस्ट टीचर्स को रोकने के लिए ढांसा बार्डर पर भी कड़े इंतजाम किए थे,
लेकिन वे यहां पहुंचे ही नहीं। अतिथि
अध्यापक और उनके सैकड़ों
साथियों के जंतर-मंतर के लिए निकलने की सूचना पर
बहादुरगढ़ पुलिस को मिली तो उन्हें रोकने के लिए डीएसपी कप्तान सिंह की
अगुआई में काफी संख्या में पुलिस कर्मी ढांसा बार्डर पहुंच गए। बहादुरगढ़
के एसडीएम अमरदीप जैन भी मौके पर मौजूद रहकर सारी स्थिति पर नजर रखे रहे।
बार्डर पर बेरिकेड्स लाए गए। सिविल ड्रेस में भी भारी संख्या में पुलिस
कर्मी तैनात किए गए। उधर, झज्जर पुलिस की सूचना पर दिल्ली पुलिस ने बार्डर
पर दिल्ली की सीमा में मोरचा संभाल लिया। दिल्ली पुलिस की अगुआई जाफरपुर
थाना प्रभारी सुधीर ने की। अध्यापकों को झज्जर होकर ढांसा बार्डर आना था।
इसलिए झज्जर जिला पुलिस ने झज्जर से ढांसा बार्डर के पूरे रास्ते में अपने
कर्मचारी तैनात किए थे। झज्जर से बार्डर की तरफ अतिथियों के नहीं आने की
सूचना मिलने पर करीब 9 बजे बार्डर पर तैनात पुलिस भी इधर-उधर हो गई। डीएसपी
कप्तान सिंह ने बताया कि अध्यापक ढांसा बार्डर की तरफ नहीं आ रहे।
उधर, अतिथि अध्यापक संघ के अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने रात करीब साढ़े
नौ बजे अमर उजाला से बातचीत में कहा कि उन्हें दिल्ली नहीं जाने दिया जा
रहा। वे अपने साथी 11 अनशनकारी अध्यापकों का अनशन समाप्त कराने के लिए
जंतर-मंतर जाना चाहते थे, लेकिन सरकार ने ढांसा बार्डर पर भारी संख्या में
पुलिस तैनात की है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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