नोट: इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर/ ईमेल करने के लिए इस पोस्ट के नीचे दिए गए बटन प्रयोग करें।
Post
published at www.nareshjangra.blogspot.com
हर व्यक्ति ऐसी जगह पैसा लगाना चाहता है, जहां पर उसे अच्छा रिटर्न
मिले, लेकिन ऐसे विकल्प बहुत ही कम उपलब्ध हैं। इनमें से ही एक होते हैं
टैक्स फ्री बॉन्ड, जिसमें एफडी की तरह ही तय ब्याज मिलता है। साथ ही आप इसे
शेयरों की तरह खरीद-बेच भी सकते हैं, जिसे आप दाम बढ़ने पर बेचकर अधिक
मुनाफा कमा सकते हैं। इतना ही नहीं, इसमें ब्याज पर टैक्स छूट इसे और
आकर्षक बनाती है।
- क्या होते हैं टैक्स फ्री बॉन्ड: सरकारी कंपनियां बाजार से पैसा इकट्ठा करने के लिए जो ऋणपत्र जारी करती हैं, उसे बॉन्ड कहा जाता है, जिन पर ब्याज पहले से ही तय होता है। टैक्स फ्री बॉन्ड भी कुछ इसी तरह का होता है, लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसके ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
- 25 फीसदी तक मिल चुका है रिटर्न: इस साल जो भी टैक्स फ्री बॉन्ड इश्यू किए गए थे, उन पर 8.44 प्रतिशत से लेकर 8.96 प्रतिशत तक ब्याज देने की बात की गई थी, लेकिन अक्टूबर तक लगभग 20-25 प्रतिशत तक का रिटर्न मिल चुका है।
- शेयरों की तरह कर सकते हैं खरीद-बिक्री: कंपनियां टैक्स फ्री बॉन्ड इश्यू कराने के बाद उसे शेयर बाजार में लिस्ट भी कराती हैं, जिसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है आप इसे शेयरों की तरह खरीद-बेच भी सकते हैं।
- ये कंपनियां जारी कर चुकी हैं टैक्स फ्री बॉन्ड: आपको बता दें कि जनवरी से लेकर मार्च तक की अवधि में हुडको, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी), भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टैक्स फ्री बॉन्ड इश्यू किए थे।
- टैक्स फ्री एफडी और टैक्स फ्री बॉन्ड में अन्तर: टैक्स फ्री बॉन्ड में ब्याज टैक्स फ्री होता है, लेकिन मूलधन पर टैक्स चुकाना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर, टैक्स फ्री एफडी में मूलधन पर टैक्स नहीं लगता है, जबकि उसके ब्याज पर टैक्स चुकाना होता है। टैक्स फ्री एफडी अधिकतम 10 साल की होती है और 5 साल से कम की एफडी टैक्स फ्री नहीं होती है। 5 साल से पहले टैक्स फ्री एफडी को बेचा भी नहीं जा सकता है, जबकि टैक्स फ्री बॉन्ड को समय से पहले भी शेयर बाजार में बेचा जा सकता है।
- क्या डीमेट अकाउंट होता है जरूरी: यूं तो टैक्स फ्री बॉन्ड खरीदने के लिए डीमेट अकाउंट खुलवाना जरूरी नहीं होता है, लेकिन अगर आप इसे समय से पहले शेयर बाजार में बेचना चाहते हैं तो उसके लिए डीमेट अकाउंट खुलवाना जरूरी होता है। अगर आप इसे समय पूरा होने पर बेचना चाहते हैं तो इसके लिए डीमेट अकाउंट की जरूरत नहीं है।
- शेयर की तरह बेचने पर चुकाना पड़ता है कैपिटल गेन टैक्स: अगर आप टैक्स फ्री बॉन्ड को शेयर की तरह बेचते हैं तो इसके लिए आपको कैपिटल गेन टैक्स भी चुकाना पड़ेगा।
Post
published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting
Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking
HERE .
Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other
important updates from each and every field.