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रिलायंस जल्द ही पूरे देश में एक साथ 4जी सेवा शुरू करने की तैयारी
में है। इससे पहले रिलायंस ने 2002 में पूरे देश में एक साथ सीडीएमए सेवा
शुरू की थी। जहां अभी तक पूरे देश में 3जी सेवा का विस्तार भी सही से नहीं
हो सका है, वहीं दूसरी ओर रिलायंस ने एक कदम आगे बढ़कर 4जी सेवा शुरू करने
का एलान कर दिया है। माना जा रहा है कि 4जी में इंटरनेट की स्पीड 100
एमबीपीएस से 1जीबीपीएस तक होगी। इस तरह 600-700 एमबी की 3 घंटे की मूवी
को
डाउलोड होने में मात्र कुछ सेंकेड ही लगेंगे। पहले 2जी फिर 3जी और अब 4जी। क्या आप जानते हैं कि क्या होते हैं इनके मायने। आइए जानते हैं 2जी, 3जी और 4जी सर्विस के बारे में:
क्या है 1 जी, 2 जी, 3 जी और 4 जी नेटवर्क का मतलब: 2 जी, 3जी और 4जी में लगा जी मोबाइल
नेटवर्क के जेनरेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जी से पहले लगने वाले
अंक का मतलब है कि इंफॉर्मेशन कितनी तेजी से भेजी और हासिल की जा सकती है।
यानी वायरलेस नेटवर्क के जरिए सेवाओं का बेहतर ढंग से इस्तेमाल किया जा
सकता है। जिनता बड़ी जेनरेशन, उतनी ही तेज स्पीड।
- 1 जी मोबाइल नेटवर्क: नाम के मुताबिक 1जी मोबाइल नेटवर्क का पहला जेनरेशन है। इसमें सिग्नल एनालॉग फॉर्म में भेजे जाते थे। फर्स्ट जेनरेशन नेटवर्क के जरिए कॉल और मैसेज भेजने के अलावा कुछ नहीं किया जा सकता था। वहीं, नेटवर्क की उपलब्धता सीमित दायरे में होती थी। मसलन, नेटवर्क सिर्फ देश के अंदर ही उपलब्ध होता था। फर्स्ट जेनरेशन को 1981 में शुरू किया गया था।
- 2 जी मोबाइल नेटवर्क: 2 जी नेटवर्क में सिग्नल डिजिटल फॉर्म में भेजे जाने लगे। इससे कॉल की क्वालिटी बेहतर हो गई। वहीं, 2जी के जरिए डाटा ट्रांसमिशन आसान हो गया। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि यह सेमी ग्लोबल रोमिंग सिस्टम के तौर पर आया, इससे पूरी दुनिया आपस में मोबाइल फोन के जरिए कनेक्ट हो गई। इस सर्विस को 1990 में शुरू किया गया।
- 2.5 जी मोबाइल नेटवर्क: 2जी और 3जी के बीच एक ऐसा दौर आया जब मोबाइल फोन पतले और हैंडी हो गए। इसे 2.5 जी का नाम दिया गया। इसमें 2जी के मुकाबले कम रेडियो वेव्स ट्रांसमिट की जाती थीं, इससे मोबाइल फोन का शेप और स्ट्रक्चर बदलने में मदद मिली। 2.5 जी से जीपीआरएस (जनरल पॉकेट रेडियो सर्विस) को मोबाइल में आने में मदद मिली।
- 3 जी मोबाइल नेटवर्क: 3 जी मोबाइल नेटवर्क काफी मशहूर हुआ। इससे मोबाइल और टैबलेट में स्पीड वाला इंटरनेट एक्सेस आसान हो गया। 3जी नेटवर्क में डाटा ट्रांसमिशन की स्पीड 384 केबीपीएस से 2 एमबीपीएस के बीच होती है। यानी 3 जी नेटवर्क से ज्यादा डाटा ट्रांसमिशन होने लगा। इससे वॉयस और वीडियो कॉलिंग संभव होने के साथ-साथ फाइल ट्रांसमिशन, इंटरनेट सर्फिंग, ऑनलाइन टीवी, एचडी वीडियो और कई दूसरी सेवाओं का लाभ मिलने लगा। इंटरनेट से कनेक्ट रहने वाले यूजर्स के लिए 3जी बेस्ट ऑप्शन बनकर उभरा।
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साभार: भास्कर समाचार
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