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कोयले के लिए मशहूर भारत के राज्य झारखंड में एक जगह है झरिया। यह जगह
जमीन में दबे हुए कोयले और इसकी वजह से यहां 12 महीने जमीनों पर धधक रही
आग के लिए जानी जाती है। झरिया की तरह ही दुनिया में एक ऐसी और भी जगह है,
जो दुनिया में लैंड ऑफ फायर के नाम से मशहूर है। आप को बता दें कि इस जगह
में हमेशा आग ही आग देखने को मिलती है। इसकी वजह है, यहां की जमीन में बहुत
अधिक मात्रा में पेट्रोल और गैस का दबे होना। ईंधनों की घुलनशीलता के कारण यहां पानी में भी आग लग जाती है। यह जगह अजरबैजान में है। अजरबैजान, कॉकेशस के पूर्वी भाग में मौजूद एक गणराज्य है, जो पूर्वी यूरोप और एशिया के बीच बसा हुआ है। अजरबैजान दुनिया का सबसे पुराना तेल उत्पाद करने वाला माना जाता है। अजरबैजान की पेट्रोल इंडस्ट्री में 800,000 बैरल तेल का उत्पादन हर दिन किया जाता है। वहीं हर साल 1 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस का भी उत्पादन होता है। अजरबैजान में ऐब्सीरॉन प्रायद्वीप ऐसी जगह है, जहां जमीन से तेल और प्राकृतिक गैस का भंडार अक्सर रिसता रहता है। ऐतिहासिक लेखक मार्को पोलो ने भी 13वीं शताब्दी में लिखा था कि यहां पुरातन समय से ही जगह-जगह आग देखी गई है। बाद में लेखक एलेक्सएंड्रे डूमस ने बताया था जोरोस्ट्रेन फायर टेम्पल का निर्माण विशेषतौर पर प्राकृतिक रूप से लगी आग के पास ही किया गया था।
यानारा डग की पहाड़ियों में हमेशा लगी रहती है आग: अजरबैजान की राजधानी बाकू में यानारा डग नाम से पहाड़ हैं, जहां
प्राकृतिक गैसों के रिसाव के कारण हमेशा आग देखने को मिलती है। आग की वजह
से यहां के वातावरण में गैस की गंध आती है। अजरबैजान की एक फेमस जगह
अथेस्गा के नाम से जानी जाती है, इसे टेम्पल ऑफ फायर भी कहा जाता है। इस
पेंटागोनल कॉम्प्लेक्स का निर्माण 17-18वीं शताब्दी में किया गया था यहां
पर प्राकृतिक गैस का अधिक मात्रा में दोहन करने के कारण 1969 में यहां जल
रही पवित्र आग को बुझा दिया गया। अजरबैजान के शहर एस्ट्रा में एक जगह है
यानारा बूलग। यहां पर भी रहवासियों के लिए मेटल के पाइप से जरिए पानी
उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन जमीन के पानी में तेल का अंश घुला होता है और
पानी में भी आसानी से आग लगाई जा सकती है। बहरहाल, यहां रहने वालों का
मानना है कि इस पानी से उपचार किया जा सकता है, इसलिए वे इसे पीते हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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