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हरियाणा में दो अलग-अलग वर्ग के शिक्षकों को बड़ी
राहत मिली है। इनमें आईटीआई में पढ़ाने वाले इंस्ट्रक्टर (अनुदेशक) और
सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचर शामिल हैं। अब 214 इंस्ट्रक्टर
पक्के होंगे, वहीं गेस्ट टीचरों का वेतन बढ़ेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के
बाद हरियाणा आईटीआई विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
सूबे
के तमाम आईटीआई में करीब 1400 इंस्ट्रक्टर ऐसे हैं, जो तदर्थ आधार पर
कार्यरत है। मतलब ये पक्के नहीं हैं। ये कच्चे इंस्ट्रक्टर काफी समय से
विभिन्न जिलों की आईटीआई में पढ़ा रहे हैं लेकिन मर्जिंग के एक मामले को
आधार बनाकर हरियाणा आईटीआई विभाग ने 2009 में हाईकोर्ट में याचिका लगाकर
258 कच्चे आईटीआई इंस्ट्रक्टरों को हटाने की अपील की। मामला लंबा चला और
हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया कि मर्जिंग के बजाय जब तक एसएससी से इन पदों पर
नियमित आईटीआई अनुदेशकों की नियुक्तियां नहीं होतीं, तब तक इन कच्चे
इंस्ट्रक्टरों को हटाया न जाए। बाद में ये कच्चे अनुदेशक सुप्रीम कोर्ट
पहुंच गए।
इसी मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र
सिंह हुड्डा ने हरियाणा आईटीआई विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह उन सभी
आईटीआई अनुदेशकों को पक्का कर दे, जिनका आईटीआई में पढ़ाने का तजुर्बा तीन
साल या इससे ज्यादा का हो गया हो। सीएम की घोषणा के बाद 17 जून, 2014
को हरियाणा आईटीआई विभाग ने इन्हें भी रेगुलर करने की अधिसूचना तो जारी कर
दी थी लेकिन इस बाबत विभागीय आदेश आज तक जारी नहीं किए गए। यानी सुप्रीम कोर्ट के डंडे के तुरंत बाद तो विभाग ने 214 आईटीआई
अनुदेशकों को तो पक्का कर दिया है, लेकिन सीएम की घोषणा के बाद भी विभागीय
अफसर लापरवाही बरत रहे हैं।
चुनाव से पहले गेस्ट टीचरों को तोहफा: विधानसभा
चुनाव से पहले सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सभी वर्गों को खुश करने में लगे
हैं। ऐसे में गेस्ट टीचर कैसे अछूते रह सकते हैं, इसीलिए चुनाव से पहले
हरियाणा सरकार इन्हें रेगुलर तो नहीं कर रही है, लेकिन हां, इनका मेहनताना
जरूर बढ़ा रही है। इसी माह से विभिन्न वर्गों के गेस्ट टीचरों को इस बार
बढ़ा हुआ मेहनताना मिलेगा। लेकिन गेस्ट
टीचर एसोसिएशन अंबाला के प्रधान शशि भूषण का कहना है कि हमें लालीपॉप नहीं
चाहिए, बल्कि अपने रोजगार की सुनिश्चितता चाहिए। उनके अनुसार वर्ष, 2005
से लगातार सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के बावजूद भी आज भी हम ठेके पर रखे गए
कच्चे शिक्षक हैं, इसीलिए गेस्ट टीचरों को सरकार रेगुलर करे। शशि भूषण के
अनुसार चुनाव से पहले सूबे के गेस्ट टीचरों को पक्का किया जाना चाहिए।
मालूम हो कि वर्ष 2005 से हर साल सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट
टीचरों का ठेका रिवाइज्ड किया जाता है।
गेस्ट टीचरों का नया मेहनताना:
- लेक्चरर/ पीजीटी: 23500/- से बढाकर 26000/-
- मास्टर/ टीजीटी/ भाषा शिक्षक (हिंदी, पंजाबी, संस्कृत): 19000/- से बढाकर 21000/-
- जेबीटी, पीआरटी/ ड्राइंग टीचर: 17500/- से बढाकर 19000/-
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साभार: अमर उजाला समाचार
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