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हाल ही में मिल्वॉकी (अमेरिका) की एक सिक्युरिटी फर्म 'होल्ड
सिक्युरिटी' ने इस बात का खुलासा किया है कि रशियन क्राइम गैंग 'Cybervor'
द्वारा इंटरनेट से अब तक की सबसे बड़ी पासवर्ड चोरी की गई है। हैकर्स ने
करीब 1.2 बिलियन यूजर नेम और पासवर्ड के साथ करीब 500 मिलियन ईमेल अड्रेस
चुरा लिए हैं। 2013 में इसी सिक्युरिटी फर्म ने अडोब सिस्टम्स में लाखों
पासवर्ड्स की चोरी पकड़ी थी। साल 2012 के सितंबर महीने में भारत में एक पिज्ज़ा रिटेलर साइट टर्किश
हैकर ग्रुप द्वारा हैक कर ली गई थी। बिजनेस स्टैंटर्ड की रिपोर्ट के
अनुसार, इसमें करीब 37,000 अकाउंट्स हैक हुए थे, जिसमें कस्टमर्स के नाम,
फोन नंबर, ईमेल ऐड्रेस और पासवर्ड समेत शहर की जानकारी भी थी। दरअसल, पिछले
कुछ सालों से ऑनलाइन डेटा हैकिंग भारत में भी काफी बढ़ गई है। साल 2010
में ही दिल्ली में साइबर क्राइम से संबंधित सबसे ज्यादा 41 केस दर्ज हुए
थे। होल्ड सिक्युरिटी इन्फॉर्मेशन सिक्युरिटी एंड इन्वेस्टिगेशन एक ऐसा ऑनलाइन
टूल का निर्माण कर रहा है, जिससे कन्ज्यूमर अपने रिकॉर्ड के चोरी हो जाने
पर उसके संबंध में जानकारी पा सकेंगे। लेकिन ये टूल कब तक तैयार होगा, इसके
बारे में कुछ तय नहीं है। तब तक के लिए अपनी ऑनलाइन सिक्युरिटी को ही जल्द
से जल्द मजबूत करना होगा। इसे आप इन टिप्स के ज़रिए भी पता कर सकते हैं।
इसके लिए हम आपको आज कुछ ऐसे ज़रूरी टिप्स बता रहे हैं, जिनसे आप अपने
ऑनलाइन डेटा को हैकर्स की नज़रों से बचा सकते हैं:
कैसे पता करें जब पर्सनल जानकारियां चोरी हो जाएं:
आपके अकाउंट में कुछ चेंज हो गया हो, जैसे बिना जानकारी के कुछ अपडेट हो रहा हो।
अकाउंट की लॉगइन एक्टिविटी कुछ बदल गई हो। मसलन किसी और शहर से आपके अकाउंट को लॉगइन किया गया हो।
आपका मेल अकाउंट स्पैम मेल भेज रहा हो।
आपके अकाउंट में कई फेल्ड डिलिवरी मैसेज हों।
आपके अकाउंट में लॉगइन प्रॉब्लम हो।
सबसे पहले पासवर्ड बदलें: ऑनलाइन सिक्युरिटी को सुधारने के लिए सबसे पहला स्टेप अपने पासवर्ड को
बदलना है। जिस वेबसाइट पर आपकी संवेदनशील जानकारियां जैसे फाइनेंशियल,
हेल्थ या क्रेडिट कार्ड से संबंधित डेटा हो, उसका पासवर्ड बाकी सभी साइट्स
से अलग बनाएं। इस पासवर्ड को दूसरी साइट्स के लिए इस्तेमाल न करें।
स्ट्रॉंन्ग पासवर्ड बनाएं, ज्यादा से ज्यादा अल्फा न्यूमैरिक पासवर्ड का
इस्तेमाल करें। पासवर्ड में स्पेशल कैरेक्टर्स जैसे '/*-$%@' आदि इस्तेमाल
करें।
पासवर्ड मैनेजर सॉफ्टवेयर: पासवर्ड मैनेजर जैसे 'लास्टपास' या 'पासवर्ड सेफ' का इस्तेमाल आप एक
सुरक्षित पासवर्ड बनाने के लिए कर सकते हैं। इसे सिक्युरिटी एक्सपर्ट ब्रूस
शिन्येयर ने बनाया है। ये साइट प्रत्येक वेबसाइट्स के लिए एक यूनीक
पासवर्ड बनाती है और आपके पासवर्ड को अपने डेटाबेस के मास्टर पासवर्ड से
सिक्योर करती है। पासवर्ड मैनेजर आसानी से पता किए जाने वाले पासवर्ड के
रिस्क को कम करता है। अगर आप पासवर्ड बनाने के लिए मैनेजर का इस्तेमाल नहीं करना चाहते और खुद से
ही पासवर्ड बनाना चाहते हैं, तो ध्यान रखें पासवर्ड कोई डिक्शनरी वर्ड न
हो। शिन्येयर के अनुसार, आप किसी वाक्य के प्रत्येक वर्ड के पहले एल्फाबेट
के समूह को पासवर्ड बना सकते हैं। यह एक सुरक्षित पासवर्ड होगा। उदाहरण के लिए- One time in class I ate some glue इस वाक्य को आप कुछ इस तरह बना सकते हैं- 1TiC!AsG. लीजिए बन गया आपका यूनीक पासवर्ड।
पासवर्ड के अलावा और क्या है ज़रूरी: पर्सनल जानकारियां हैक होने से बचाने के लिए सिर्फ पासवर्ड ही काफी नहीं
है। अगर कोई साइट अतिरिक्त सिक्युरिटी फीचर्स ऑफर कर रही है तो उसे भी
ट्राय करें। कई बैंक साइट्स या महत्वपूर्ण साइट्स, जैसे गूगल
और एप्पल सिक्युरिटी फीचर्स में टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन भी ऑफर करती हैं।
कुछ मामलों में सेकंड ऑथेन्टिकेशन ज़रूरी होता है। ये होने पर ही आप किसी
दूसरे कम्प्यूटर से लॉग-इन कर सकते हैं।
अपनी जानकारियों को हैक होने से कैसे बचाएं: अपने फाइनेंशियल रिकॉर्ड पर निरंतर नजर रखते हुए आप अपनी जानकारियों को हैक
होने से बचा सकते हैं, लेकिन आपने जिस कंपनी के साथ आपने अपनी जानकारियां
साझा की हैं, सही मायनों में वो भी आपकी इन्फॉर्मेशन हैक होने से बचाने के
लिए जिम्मेदार होनी चाहिए। किसी भी ऑनलाइस फर्म के साथ अपनी जरूरी जानकारी
शेयर करने से पहले उसके सिक्युरिटी स्टेटमेंट्स ध्यान से देखें।
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साभार: भास्कर समाचार
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