हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं की मूल्यांकन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो रही है। लेकिन यह प्रक्रिया समय पर पूरी हो पाएगी इसे लेकर संशय बना है। इसके लिए शिक्षा बोर्ड की कार्य प्रणाली को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। इसमें एक तरफ यह स्पष्ट किया गया है कि मूल्यांकन कर्ता और मुख्य मूल्यांकन कर्ता वहीं हो
सकते हैं जिन्होंने जिन्होंने पिछले सत्र में 10वीं में अध्यापन कार्य करवाया है। वहीं दूसरी तरफ टीजीटी अध्यापकों को मूल्यांकन के लिए नियुक्त किया गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जबकि ज्यादातर टीजीटी अध्यापकों ने पिछले सत्र में 10वीं को पढ़ाया ही नहीं। ऐसे में मूल्यांकन प्रक्रिया प्रभावित होना लाजिमी माना जा रहा है। ऐसे में संशय इस बात का भी बना हुआ है कि 10वीं का परीक्षा परिणाम 15 मई से भी लेट हो सकता है। इसी सिलसिले में मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने शिक्षा बोर्ड सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा और इस समस्या का समाधान करने की मांग की। बृहस्पतिवार को हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सचिव के नाम सहायक सचिव मदन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अध्यापकों ने बताया कि शिक्षा बोर्ड ने डायरेक्शन दी हैं कि मूल्यांकनकर्ता और मुख्य मूल्यांकन कर्ता वही हो सकते हैं जिन्होंने 10वीं कक्षा में पिछले सत्र में अध्यापन कार्य किया है। वहीं शिक्षा बोर्ड सचिव ने स्कूलों के लगभग सभी टीजीटी अध्यापकों को 10वीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य के लिए नियुक्त किया है। ऐसे में मूल्यांकन को लेकर अजीब हालात बने हैं। वह इसलिए भी कि सभी टीजीटी नियमानुसार 10वी कक्षा में अध्यापन कार्य नहीं करवा रहे हैं। पिछले सत्र में 10वीं को पढ़ाने के लिए पूरी संख्या में पीजीटी भी नहीं रहे हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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