प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने 134ए के फंदे में फंसाया है। कुंडू ने कहा कि इस समस्या का समाधान केवल 134ए को खत्म कर आरटीई लागू करना ही है। एक तरफ तो सरकार 134ए नियम को
समाप्त नहीं करना चाहती व दूसरी तरफ 134ए के तहत दस प्रतिशत गरीब बच्चों को सरकारी स्कूल के समान पैसा न देकर केवल 200 से 400 रुपए में ही प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना चाहती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार इस समस्या का समाधान करना ही नहीं चाहती। कुंडू ने कहा कि सरकार को चाहिए कि सरकारी स्कूलों की दशा सुधार कर क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा दे ताकि प्राइवेट स्कूलों की बजाए अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही दाखिला कराने को प्राथमिकता दे। सरकार गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़वाना चाहती है तो सरकारी स्कूलों के समान 2300 रुपये प्रति महीना प्रति बच्चे के हिसाब से प्राइवेट स्कूलों में नियम 134ए के तहत पढ़ने वाले दस प्रतिशत बच्चों के बैंक खाते में डाले।
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साभार: जागरण समाचार
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