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बारिश के मौसम में चारों तरफ हरियाली होती है। इस मौसम के आते ही
माहौल खुशनुमा हो जाता है। जब बारिश आती है तो कई लोगों को भीगते हुए बारिश
का आनंद लेते देखा जा सकता है। यह मौसम कई बीमारियों, संक्रमणों और
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का मौसम भी होता है। मौसम में अचानक हुए
परिवर्तन के कारण हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। शरीर में पित्त (अम्ल) बहुत अधिक बढ़ जाता है। अधिकतर लोगों को कब्ज बनी
रहती है। यही कारण है कि पेट और त्वचा से संबंधित समस्या इन दिनों ज्यादा
परेशान करती हैं। इसलिए यदि आप मानसून के मौसम का आनंद उठाना चाहते हैं तो
इन आयुर्वेदिक नियमों को कभी न भूलें: - तिल के तेल की मालिश: बारिश के मौसम में सप्ताह में कम से कम दो बार तिल के तेल की मालिश करनी चाहिए। ये मालिश आपको स्वस्थ रखती है। कुछ लोगो को तिल का तेल गर्मी कर सकता है इसलिए वे लोग नारियल के तेल का उपयोग भी कर सकते हैं।
- तेल-मसाले से दूर रहें: ज्यादा भारी खाना, अम्लीय, गर्म खट्टी (चटनी, अचार, मिर्ची, दही, करी आदि) चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इनके कारण कब्ज, अपचन, एसिडिटी और पेट फूलना जैसी समस्याएं आ सकती हैं। तले हुए पदार्थ, जंक फ़ूड और मांस न खाएं। सलाद से भी परहेज करें।
- उबली सब्जियां खाएं: उबली सब्जियां, जल्दी पचने वाले खाद्य पदार्थ, पकी हुई सब्जियां, कद्दू, स्टीम्ड सलाद, फल, मूंग दाल, खिचड़ी, कॉर्न(मक्का), काबुली चने का आटा और ओटमील आदि खाएं।
- भारी तेल: खाना बनाने के लिए घी, ऑलिव ऑयल, कॉर्न ऑयल और सनफ्लावर ऑयल का उपयोग करें। भारी तेल जैसे सरसों का तेल, मक्खन, मूंगफली के तेल का उपयोग न करें।
- बेसन से बनी चीजों से बचें: बेसन से बनी चीजों का अधिक सेवन इस मौसम में आपकी पेट में गड़बड़ कर सकता है। कई लोगों को ऐसे में हाइपर एसिडिटी की समस्या का भी सामना करना पड़ता है।
- एक्सरसाइज करें: बारिश के मौसम में बहुत अधिक भारी व्यायाम जैसे दौडऩा, साइकिलिंग आदि न करें। इसके कारण पित्त (उष्णता) बढ़ता है। योग, वॉकिंग, स्विमिंग और स्ट्रेचिंग आदि व्यायाम भी अच्छे होते हैं।
- हाइजिन का ध्यान रखें: बाहर खाना खाते समय सावधान रहें। सुनिश्चित करें कि आप जिस स्थान पर खाना खाने जा रहे हैं वह साफ सुथरा हो। सड़क के किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थों को न खाएं।
- जंक फूड से बचें: बारिश के मौसम में जंक फूड शरीर के लिए बहुत अधिक हानिकारक होता है। दरअसल, इस मौसम में शरीर की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिसके कारण अधिक भारी भोजन का पाचन कठिनाई से होता है। ऐसे में कमजोर पाचन शक्ति वाले लोगों को जंक फूड खाने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- हरी सब्जियां कम खाएं: इस मौसम में हरी सब्जियों में कई तरह के कीटाणु और कीड़े होते हैं। इसलिए हरी सब्जियों का सेवन कम करना ही स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना गया है। इसके साथ ही यदि सब्जी या फल उपयोग कर रहे हैं तो उन्हें अच्छे से धोएं।
- कड़वी बूटियों का सेवन करें: कड़वा स्वाद पित्त को नहीं बढऩे देता है। इसीलिए कड़वी बूटियां जैसे करेला, नीम, और हल्दी अधिक खाएं, क्योंकि ये आपको संक्रमण से बचाते हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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