Thursday, September 27, 2012

पंजाब में खुलेगा पचास हजार नौकरियों का पिटारा

पंजाब सरकार ने विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े करीब पचास हजार पदों को भरने की कवायद शुरू कर दी है। रिटायरमेंट या अन्य कारणों से रिक्त पड़े इन पदों को सरकार पांच माह में भरना चाहती है। इसके लिए विभागों से रिक्त पदों का ब्योरा मांगा गया है। विभिन्न विभागों में जरूरत के अनुसार नए पद सृजित करने की जिम्मेदारी वित्त विभाग को सौंपी गई है। सरकार द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन नंबर 5/ 41/ 2009-5 FPPC/ 982 में सभी विभागों की री-स्ट्रक्चरिंग के बारे में कहा गया है। सरकार की ओर से सभी विभागों को कहा गया है कि री-स्ट्रक्चरिंग में उन अहम पदों के बारे में बताया जाए, जिनके खाली होने से मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है और इसके
अलावा ऐसे कौन-कौन पद हैं, जिन पर भर्ती के बिना भी काम चल सकता है। ऐसे पदों का विवरण भी देने को कहा गया है, जिन्हें रिटायरमेंट के साथ ही खत्म कर दिया गया है, लेकिन उस पद की जरूरत आज भी है। ऐसे पदों पर प्राथमिकता के आधार पर भर्ती की जाएगी। सरकार की यह नीति अभी विभागों तक ही सीमित रहेगी। बोर्डों और कार्पोरेशनों में फिलहाल री-स्ट्रक्चरिंग की कोई योजना नहीं है। यहां स्थिति पहले जैसी ही रहेगी। विभिन्न विभागों की री-स्ट्रक्चरिंग के बाद इनकी री-स्ट्रक्चरिंग के बारे में विचार किया जा सकता है।
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इन विभागों में रिक्त पदों पर पहले भर्ती: लंबे समय से रिक्त पदों की मार झेल रहे विभागों में पहले भर्ती की  जाएगी। इनमें शिक्षा, पुलिस, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग शामिल में हैं। इन विभागों में कई साल से पद रिक्त हैं, जिन्हें अब तक भरा नहीं जा सका है।
री-स्ट्रक्चरिंग की खास बातें:
1. विभिन्न विभागों में नए पद बनाए जाएंगे।
2. खत्म हुए पदों पर विचार कर दोबारा भर्ती की जाएगी।
3. अस्थायी पदों को रेगुलर किया जाएगा।
4. गैरजरूरी पदों को खत्म या ट्रांसफर किया जाएगा।
5. खाली और नए पदों पर नई भर्तियां की जाएंगी।
5. सरकारी विभागों की री-स्ट्रक्चरिंग और री-ऑर्गेनाइजेशन की जाएगी।
विभागों में खाली पदों की स्थिति: स्वास्थ्य विभाग-12000 पद, शिक्षा विभाग-17000, इरिगेशन विभाग-3000, लोकल बॉडीज-7000, सचिवालय-1000 पद 
स्थायी नियुक्ति की जायेगी: कई विभागों में लंबे समय से अस्थायी नियुक्ति हो रही है। इनमें कर्मचारी कई वर्षो से लगातार कॉन्ट्रेक्ट और डेली वेज पर काम कर रहे हैं। वित्त विभाग का मानना है कि इन अस्थायी पदों को या तो स्थायी किया जाए या इन्हें खत्म करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। 
स्रोत: दैनिक भास्कर समाचार