हरियाणा में नया शैक्षक्षिक सत्र आरंभ होने के साथ ही गरीब बच्चों के दाखिलों की जद्दोजहद शुरू हो गई है। इन छात्रों की फीस की भरपाई सरकार की ओर से नहीं करने से नाराज निजी स्कूलों ने अपने यहां सीटें खाली नहीं होने का फंडा खोज निकाला है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विश्वास में लेकर उन्होंने गरीब बच्चों के लिए
अपने दरवाजे लगभग बंद कर दिए। 1शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत पहली कक्षा में 25 फीसद सीटों पर तथा हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली की धारा 134-ए के तहत कक्षा 2 से 12 तक के लिए 10 प्रतिशत सीटों पर मुफ्त दाखिलों का प्रावधान किया गया है। शिक्षा विभाग दाखिलों का शेड्यूल जारी कर चुका है। पहली कक्षा के लिए 22 से 31 मार्च तक दाखिलों के आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 1कक्षा 2 से 12 तक के लिए 8 अप्रैल तक आवेदन लिए जाएंगे। अभिभावकों को फार्म भरकर ब्लाक शिक्षा अधिकारी अथवा जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा कराने को कहा गया है। ऑनलाइन आवेदन का भी प्रावधान है, लेकिन दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा की मानें तो पिछले चार दिनों से ऑनलाइन आवेदन नहीं हो पा रहे हैं। 1राज्य में करीब 4800 प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें 28 लाख बच्चे पढ़ते हैं। इनकी 10 प्रतिशत सीटों पर 2 लाख 80 हजार गरीब बच्चों का हक है, जो उन्हें नहीं मिल पा रहा है। 1हाईकोर्ट ने दो लाख रुपये तक की आय वाले अभिभावक को गरीब माना है। 70 फीसद निजी स्कूलों ने गरीब बच्चों को दाखिले देने से बचने के लिए अपने यहां सीटें भरी हुई दिखा दी हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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